Month: November 2017
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दुनिया और पत्नी के ताने में फर्क होता है…
हरिराम आज सुबह-सुबह जल्दी उठ गया था…पत्नी चिंताबाई ने कहा था पीटीएम के लिए जाना है…हरिराम अपने स्कूल के वक्त…
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जेब में पारले-जी बिस्कुट लेकर दफ्तर जाना
रिपोर्टर हरिराम ऑफिस से निकला। बेसमेंट में संपादक की कार के पास खड़ा हो गया। इधर-उधर सीसीटीवी कैमरे की नज़र…
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हेडिंग के नीचे तस्वीर में कुत्तों का झुंड!
हरिराम अच्छा रिपोर्टर था। ज़ाहिर है, उसके संबंध सभी से अच्छे ही होंगे। मंत्री चिरौंजीलाल का भी वो नज़दीकी था।…
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जीवन : पृथ्वी पर और अंतरिक्ष में
फ्रांसीसी लेखक जूल्स वर्न का 1873 का उपन्यास `अस्सी दिनों में पूरे विश्व का चक्कर` काफी प्रसिद्ध हुआ था। लेकिन…
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एक ही फंडा था- बने रहो पगला, काम करेगा अगला…।
सुबह के साढ़े दस बज चुके थे। पत्रकार हरिराम अपनी उस रजाई के अंदर ठंड से नूराकुश्ती कर रहा था,…
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व्यंग्य : चोखेलाल भी गरीब था, पर चोखा था
दफ़्तर में की-बोर्ड और दिमाग की दही करने के बाद जब हरिराम की खबर का संपादक ने रायता फैला दिया,…
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कमजोरी को ताकत बनाती अपनी खुशी…
ख़ुद से ख़ुद के लिये करो ज़िद …” ये कहना है मुंबई की खुशी का। जो शारीरिक रूप से तो जरूर…
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