ख़ुद से ख़ुद के लिये करो ज़िद …”
ये कहना है मुंबई की खुशी का। जो शारीरिक रूप से तो जरूर सामान्य लोगों से कमजोर है, लेकिन इनके हौसले विशाल पर्वत की तरह अडिग और मजबूत है। पर यह शुरू से ऐसी नहीं थी, दिव्यांगता के कारण इनका बचपन कष्ट में गुजरा। पढ़ाई, परीक्षा और कैरियर के लिये बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। ज़िन्दगी व्हीलचेयर तक ही सीमित हो गई।
लेकिन आत्मविश्वास और परिवार के लगातार प्रोत्साहन के कारण सभी बाधाओं से लड़कर आज खुशी ने खुद को स्थापित कर लिया है।
बहुमुखी प्रतिभा की धनी खुशी, व्हीलचेयर बास्केटबाल खेल में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व तो करती ही है, साथ ही व्हीलचेयर टेनिस के टूर्नामेंट में भी भाग ले चुकी है।
इसके अलावा खुशी की रुचि डांस में भी है, सुन कर यकीन तो नहीं होता कि कोई कैसे व्हीलचेयर पर डांस कर सकता है, पर इस मुश्किल काम को भी खुशी ने अपनी मेहनत और सकारात्मक ज़िद के साथ सच करके दिखा दिया है। इसके लिये हर दिन जिम और घर पर घंटों अभ्यास की जरूरत होती है, जो बिना किसी की सहायता के खुशी खुद से ही करती है।
मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता ‘मिस व्हीलचेयर’ के अंतिम राउंड में भी इनका चयन हुआ है।
बतौर प्रोफेशन खुशी एक विडियो एडिटर, और यूट्यूबर है। यूट्यूब में इनके चैनल को बहुत अधिक पसंद किए जाते हैं।
इसका श्रेय ये देतीं हैं, एक प्रसिद्ध यूट्यूब चैनल को। जिसे देखकर इनको ऐसा लगा कि यह एक माध्यम बन सकता है, अपनी बात सब तक पहुंचाने का और अपने जैसे अन्य दिव्यांग साथियों को हौसला देने का। और आज अपने विडियोज के द्वारा ये अन्य दिव्यांगों को प्रेरित करने का काम भी करती है। इन्होंने अपने नाम को सही साबित कर दिया है।
लेखक
नरेन्द्र मिश्रा, रायपुर (शिक्षक)
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