रायपुर मा. उच्च न्यायालय बिलासपुर, छत्तीसगढ़ ने वर्ष 2016 में यह स्पष्ट आदेश दिया था कि निजी स्कूलों में आरटीई के अंतर्गत एक भी सीट्स रिक्त नहीं होनी चाहिए।
लेकिन इस आदेश का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है, क्योंकि तीन वर्षो से लगभग आधी सीटों पर भर्ती हो रहा है और रिक्त सीटों को भरने को कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पॉल ने कहा कि प्रत्येक वर्ष हजारों पात्र गरीब बच्चों को जान-बूझकर सुनियोजित ढ़ंग से नि:शुल्क शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। जिसको लेकर स्कूल शिक्षा विभाग को लगातार जानकारी दिया जा रहा है लेकिन विभाग इस गंभीर मामले को लेकर गंभीर नही है।
पॉल ने कहा कि प्रदेश में गरीबों की संख्या बढ़ते जा रही है, लेकिन गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने के लिए प्रायवेट स्कूलों में प्रवेश देने की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हो रहा है जो चिंता का विषय है।
पॉल ने बताया कि उनके लगातार स्कूल शिक्षा विभाग और डीपीआई को यह सुझाव दिया जा रहा है कि यदि तहसीलदार से आय प्रमाण पत्र और खाद्य विभाग से जारी गरीबी रेखा कार्ड को मान्य कर दिया जाए। तो आरटीई के अंतर्गत प्रायवेट स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा गरीब बच्चों को प्रवेश मिल पाएगा, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
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शिक्षा का अधिकार भर्ती सत्र 2018-19
कुल स्कूल 6,000
कुल आरक्षित सीट्स -80,000
कुल आवेदन -76,875
कुल आबंटित सीट्स – 37,000
कुल रिक्त सीट्स -43,000
सत्र 2019-20
कुल स्कूल 6,451
कुल आरक्षित सीट्स -86,508
कुल आवेदन -99,798
कुल आबंटित सीट्स -48,154
कुल रिक्त सीट्स -38,354
सत्र 2020-21
कुल स्कूल 6,469
कुल आरक्षित सीट्स -81,355
कुल आवेदन – 84,657
कुल आबंटित सीट्स -46,355
कुल रिक्त सीट्स -35,000