
Famine Threat in Gaza : गाजा में अकाल का खतरा,क्या आने वाला है भयानक ‘अकाल’? जानें UN के नियम
Gaza पट्टी में भुखमरी की स्थिति, अत्यंत गंभीर होती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार। गाजा की एक-तिहाई आबादी, कई दिनों तक बिना भोजन के रह रही है। वहीं, हाल के सप्ताहों में गाजा में, खाद्य सहायता प्राप्त करने की कोशिश करते, समय करीब 900 लोगों की मौत हो चुकी है। इस संकट की भयावहता को देखते हुए, अब यह सवाल उठता है। किसी क्षेत्र में ‘फेमिन’ यानी ‘अकाल’ की, आधिकारिक घोषणा कब और कैसे होती है?
यह गाजा में अकाल का गंभीर संकट है।
अकाल की घोषणा की प्रक्रिया
‘अकाल’ की घोषणा एक गंभीर प्रक्रिया है। यह केवल तब की जाती है, जब संकट अत्यधिक विकराल हो जाए। इसकी मान्यता और निगरानी के लिए, इंटरग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज़ क्लासिफिकेशन (IPC) प्रणाली का उपयोग किया जाता है। यह 2004 में सोमालिया में, खाद्य संकट के दौरान विकसित की गई थी। यह प्रणाली संयुक्त राष्ट्र खाद्य और, कृषि संगठन (FAO) द्वारा समन्वित की जाती है। इसमें कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों व सरकारों की, सहभागिता से संचालित होती है।
यह अकाल की घोषणा का तरीका है।
IPC के अनुसार अकाल के मापदंड
IPC के अनुसार, किसी भी क्षेत्र में, ‘अकाल’ तभी घोषित की जाती है। जब ये तीन स्थितियाँ एक साथ मौजूद हों:
- कम से कम 20% घराने, अत्यंत खाद्य अभाव की स्थिति में हों। यानी ‘स्टारविंग’ हों।
- 30% से अधिक बच्चे (6 महीने से 5 वर्ष की आयु तक), गंभीर कुपोषण से ग्रस्त हों।
- प्रतिदिन प्रति 10,000 की आबादी पर, दो व्यस्क या चार बच्चे। भुखमरी या उससे जुड़ी बीमारियों से, मर रहे हों।
इस प्रकार की घोषणा संयुक्त राष्ट्र, संबंधित सरकारों और उच्चस्तरीय प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है।
यह अकाल की घोषणा के मुख्य मापदंड हैं।
Gaza में वर्तमान स्थिति
IPC द्वारा मई 2024 में प्रकाशित रिपोर्ट में, चेतावनी दी गई थी। कि गाजा में अप्रैल 2025 से मार्च 2026 के बीच, लगभग 71,000 बच्चे, तीव्र कुपोषण का सामना कर सकते हैं। इनमें से करीब 14,100 की स्थिति, गंभीर होगी। इसके अलावा, 17,000 गर्भवती और, स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी, कुपोषण का शिकार हो सकती हैं।
यह गाजा में अकाल की भयावह स्थिति है।
IPC स्केल पर Gaza
IPC स्केल के अनुसार, गाजा की पूरी आबादी, संकट (Phase 3) या उससे खराब स्थिति में है। 470,000 लोग ‘कैटास्ट्रोफी’ (Phase 5) में हैं। 10 लाख से अधिक ‘इमरजेंसी’ (Phase 4) में हैं। शेष आधा मिलियन ‘क्राइसिस’ (Phase 3) में हैं।
यह गाजा में अकाल की गंभीर श्रेणी है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IPC (Integrated Food Security Phase Classification) प्रणाली 2004 में सोमालिया में, खाद्य संकट के दौरान शुरू हुई थी।
- यह FAO द्वारा संचालित है। इसमें WFP, WHO, UNICEF जैसी एजेंसियां शामिल हैं।
- अकाल की घोषणा तीन प्रमुख मापदंडों पर, आधारित होती है: खाद्य अभाव, कुपोषण, और मृत्यु दर।
- हाल के वर्षों में सोमालिया (2011), दक्षिण सूडान (2017, 2020), और सूडान के दारफुर क्षेत्र (2024) में, अकाल घोषित की जा चुकी है।
यह अकाल से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य हैं।
सहायता की सीमाएं और चुनौतियां
मार्च 2025 तक, गाजा में अधिकांश खाद्य सहायता, केवल इजरायली-अमेरिकी गाजा ह्यूमनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) के माध्यम से, पहुंचाई जा रही थी। लेकिन इसके स्थलों पर हुए हमलों में, सैकड़ों की जान गई। इजराइल ने हाल ही में कुछ, मानवीय गलियारों की घोषणा की है। और दस घंटे की सैन्य कार्रवाई में, रोक लगाने की बात कही है। परंतु सहायता की मात्रा अब भी, बहुत सीमित है। पहले जहां प्रतिदिन 600 ट्रक गाजा में प्रवेश करते थे, अब यह संख्या 250 के आस-पास है।
यह अकाल सहायता की बाधाएं हैं।
डेटा और जमीनी हकीकत
- गाजा में सटीक डेटा एकत्र करना, लगभग असंभव हो गया है। क्योंकि बुनियादी ढांचा ध्वस्त है, और विशेषज्ञों की पहुंच सीमित है। UNRWA के अनुसार, गाजा सिटी में हर पांचवां बच्चा, कुपोषण से पीड़ित है।
- अधिकतर सहायता कर्मी भी, भूख के कारण कार्यस्थल पर, बेहोश हो रहे हैं।
- यह अकाल की जमीनी स्थिति है।
- अंततः, गाजा में मौजूदा संकट, मानवीय आपदा की सीमा को पार कर चुका है।
- हालांकि अब तक अकाल की, औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन हालात लगातार उस दिशा में, बढ़ते दिख रहे हैं।
- ऐसी स्थिति में वैश्विक समुदाय की, जिम्मेदारी बनती है। कि वे तत्काल और निर्बाध सहायता, सुनिश्चित करें।
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