कर्जमाफी और धान की बढ़ी कीमत से किसानों में आई हिम्मत
simplilife.com
June 29, 2019
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रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों का कर्ज माफ करने और 2500 प्रति क्विंटल के हिसाब से समर्थन मूल्य पर धान खरीदने से किसानों में खेती-किसानी को लेकर एक नया जोश पैदा कर दिया है। अब अधिया रेगहा में अपने खेतों को देने वाले किसान भी खुद खेती को आतुर है। कर्ज की माफी और धान के उपज को बेचने से हुए लाभ से किसानों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ ही खेतों में सिंचाई की सुविधा के लिए बोर, सरफेस सोलर पंप लगाने, फेसिंग की व्यवस्था कर सुरक्षित और नगदी खेती करने की जुगत में जुट गए है।

मनोरा ब्लॉक के डडगांव के कृषक लोकनाथ बुनकर का मानना है कि कर्जा माफी और धान की बढ़ी कीमत से किसानों में हिम्मत आ गई है। लोकनाथ को भी सरकार का कृषि ऋण माफी योजना का लाभ मिला है। 36 हजार 853 रुपए की कर्ज माफी और समर्थन मूल्य पर 65000 रुपए का धान बेचने के बाद वह सब्जी की खेती को विस्तार देने के लिए फेसिंग और सिंचाई के लिए कुएं में पंप लगा रहे है। लोकनाथ के पास कुल 7 एकड़ कृषि भूमि है। जिसमें से वह फिलहाल डेढ़ एकड़ रकबे में सब्जी की खेती करते है। मनरेगा से निर्मित कुए से टूल्लू पंप के जरिए पानी लिफ्ट कर सब्जी-बाड़ी की सिंचाई करने वाले लोकनाथ अब कुएं में मोटरपंप लगाकर बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती करने की ओर अग्रसर हैं। सब्जी बाड़ी को सुरक्षित करने के लिए उन्होंने फेसिंग की भी व्यवस्था कर ली है। श्री बुनकर बताते है कि वर्तमान में उन्हें आलू, गोभी, मिर्च, भिण्डी, बरबट्टी, लौकी की खेती से सालाना लगभग 1 लाख रुपए तक की अतिरिक्त आमदनी हो जाती है।
ग्राम पंचायत बुमतेल के आश्रिम ग्राम कुजरी के कृषक धनसाय राम पर 11 हजार रुपए का कृषि ऋण था। कर्ज की माफी और 80 हजार रुपए का धान बेचने से प्रसन्न श्री धनसाय राम की इच्छा इस साल हाईब्रिड धान की खेती कर अधिक मुनाफा अर्जित करने की है। मधवा गांव के रहने वाले दाउद बरवा कर्ज माफी और धान बेचने से मिले 1 लाख 30 हजार रुपए से सब्जी की खेती को बढ़ाने में जुटे है। शासन द्वारा दाउद बरवा को मात्र 10 हजार रुपए के अंशदान पर सिंचाई के लिए सोलर पंप दिए जाने की सुविधा का लाभ भी मिला है। उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लगभग 15 हजार किसानों का 24 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने के साथ ही समर्थन मूल्य पर 2500 प्रति क्विंटल की दर से किसानों से 7.85 लाख क्विंटल धान की खरीदी के एवज में 196.23 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।