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Gold Making Charge: ज्वैलरी पर मेकिंग चार्ज, अन्य शुल्क का जानें गणित

How Making & Wastage Charges are Calculated on Gold Jewelry in India.

Gold Making Charge: भारत में शुभ मौकों पर बड़ी संख्या में लोग सोने की ज्वैलरी या अन्य प्रकार के आभूषण खरीदते हैं। ज्यादातर ज्वैलर्स सोने और डायमंड ज्वैलरी पर डिस्काउंट देते हैं। मेकिंग चार्ज पर छूट भी मिलती है, जिससे ग्राहकों के लिए कम दामों में ज्वैलरी खरीदने का शानदार मौका मिलता है। हालांकि, ज्वैलरी खरीदते समय एक ही उत्पाद के दाम अलग-अलग दिखाई पड़ते हैं। ऐसे में इसे समझना बहुत जरूरी हो जाता है, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।




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Gold Making Charge: मेकिंग चार्ज क्या होता है?

दरअसल, जब आप कोई भी ज्वैलरी खरीदते हैं, तो उसमें मेकिंग चार्ज के तौर पर अलग से कुछ शुल्क जोड़ा जाता है। यह शुल्क डिज़ाइन, रत्न और धातु के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। मेकिंग चार्ज (Gold Making Charges in India) की बात करें तो यह कारीगर की मेहनत और गहने बनाने में लगने वाले अन्य खर्चों को दर्शाता है। भारत में 22 कैरेट सोने पर मेकिंग चार्ज आमतौर पर उसके मूल्य का 5% से 25% तक होता है। सोना खरीदने से पहले उसपर लगने वाले चार्ज के बारे में जरूर जानकारी लेनी चाहिए।

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Gold Making Charge: मेकिंग चार्ज को कैसे कैलकुलेट किया जाता है?

ज्वैलर्स मेकिंग चार्ज (Gold Making Charges Calculation) को मुख्य रूप से दो तरीकों से कैलकुलेट करते हैं। इन दोनों तरीकों को समझना ग्राहकों के लिए लाभदायक साबित होता है।

1. प्रति ग्राम दर पर कैलकुलेशन

पहले तरीके में मेकिंग चार्ज को प्रति ग्राम दर पर कैलकुलेट किया जाता है। इसमें हर ग्राम सोने पर एक तय रकम ली जाती है। उदाहरण के लिए, अगर मेकिंग चार्ज 800 रुपये प्रति ग्राम है। और आप 10 ग्राम सोना खरीदते हैं, तो कुल मेकिंग चार्ज ₹8000 (10 × 800) होगा।

2. प्रतिशत के आधार पर कैलकुलेशन

  • दूसरे तरीके की बात करें तो इसमें प्रतिशत के आधार पर मेकिंग चार्ज लगाया जाता है।
  • इसमें सोने की कुल कीमत का एक तय प्रतिशत मेकिंग चार्ज के रूप में जोड़ा जाता है।
  • जैसे, अगर आप ₹5,00,000 की ज्वैलरी खरीदते हैं।
  • और मेकिंग चार्ज 10% है, तो आपको ₹50,000 अतिरिक्त देने होंगे।

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Gold Making Charge: गोल्ड ज्वैलरी पर वेस्टेज शुल्क

  • मेकिंग चार्ज के अलावा ज्वैलरी में वेस्टेज चार्ज (Wastage Charges for Gold in India) भी जोड़ा जाता है।
  • ज्वैलरी बनाने के दौरान सोने का जो नुकसान होता है, उसकी भरपाई के लिए यह शुल्क लिया जाता है।
  • यह वेस्टेज शुल्क आमतौर पर 5% से 7% तक होता है।
  • लेकिन गहनों के डिज़ाइन के आधार पर यह 10% से भी अधिक हो सकता है।
  • सोना खरीदते समय इन सभी अतिरिक्त शुल्कों की जानकारी जरूर लें।




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