रायपुर स्मार्ट सिटी। नो इन्वेस्टमेंट, नो रिस्क जस्ट नेक्सट डील… यह कहना है रायपुर शहर के राजेश का। उनके मुताबिक 200 से अधिक सर्विस प्रोवाइडर के साथ अब NEXTDEALS आपके छत्तीसगढ़ में जीवन बीमा, होटल, टेलर्स, पार्लर, ब्लड बैंक, जॉब अवसर, प्रॉपर्टी, हेल्थ केयर प्रोड्यूट्स, डायरेक्ट मार्केटिंग UNICITY, vestige consumer …
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घर बैठे फैशनेबल खरीदारी का मौका
रायपुर स्मार्ट सिटी। लिली चौक पुरानी बस्ती रायपुर निवासी एक दंपती ने महिलाओं के लिए आकर्षक और उनकी बजट में बेहतर डिज़ाइन के इमीटेशन ज्वेलरी की श्रृंखला जारी की है। खास बात यह है कि श्रीमती संगीता गुप्ता घर पर खाली समय में सोशल मीडिया के जरिये पूरे देश …
Read More »प्रेस क्लब के सम्मान से टिमटिमाते दीये की बढ़ी लौ
इस जहां में दीये की तरह टिमटिमा रहे है, आपके सम्मान ने इसकी लौ को बढ़ा दिया। (इस सम्मान को लेकर यह पंक्ति बनी है) 30 नवंबर को रायपुर प्रेस क्लब ने पत्रकारिता में उल्लेखनीय काम करने के लिए सम्मानित किया। सबसे ज्यादा खुशी यह थी कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ पत्रकारिता …
Read More »दुनिया और पत्नी के ताने में फर्क होता है…
हरिराम आज सुबह-सुबह जल्दी उठ गया था…पत्नी चिंताबाई ने कहा था पीटीएम के लिए जाना है…हरिराम अपने स्कूल के वक्त को याद करता हुआ पत्नी से कह रहा था ये सब चोचले हमारे समय में तो नहीं होते थे…चिंता बाई ने घूरते हुए देखा और कहा- इसीलिए तो पत्रकार हो, …
Read More »जेब में पारले-जी बिस्कुट लेकर दफ्तर जाना
रिपोर्टर हरिराम ऑफिस से निकला। बेसमेंट में संपादक की कार के पास खड़ा हो गया। इधर-उधर सीसीटीवी कैमरे की नज़र से बचकर यहां तक आया। जेब से कील निकाली और संपादक तोपचंद की कार में खरौंचे मारने लगा। अब आप अंदाजा लगाइए कि कितना ज्यादा भरा पड़ा बैठा था हरिराम। …
Read More »हेडिंग के नीचे तस्वीर में कुत्तों का झुंड!
हरिराम अच्छा रिपोर्टर था। ज़ाहिर है, उसके संबंध सभी से अच्छे ही होंगे। मंत्री चिरौंजीलाल का भी वो नज़दीकी था। ये नज़दीकी तोपचंद और चम्मचलाल दोनों को ही खटकती थी। वो सोचते कि कैसे वे लोग मंत्री के ज्यादा नज़दीक जाएं। चम्मचलाल ने अपनी प्रभुभक्ति मंत्री के संदर्भ में कुछ …
Read More »जीवन : पृथ्वी पर और अंतरिक्ष में
फ्रांसीसी लेखक जूल्स वर्न का 1873 का उपन्यास `अस्सी दिनों में पूरे विश्व का चक्कर` काफी प्रसिद्ध हुआ था। लेकिन तब यह एक चुनौती थी। आज लगभग डेढ़ सदी बाद कोई भी हवाई जहाज़ पर सवार होकर पूरे विश्व का चक्कर अस्सी घंटों में लगा सकता है। और आज हम …
Read More »एक ही फंडा था- बने रहो पगला, काम करेगा अगला…।
सुबह के साढ़े दस बज चुके थे। पत्रकार हरिराम अपनी उस रजाई के अंदर ठंड से नूराकुश्ती कर रहा था, जिसमें या तो सिर आ सकता था या फिर पैर। पत्नी चिंताबाई कबसे उससे कह रही थी, कि नई रजाई ले लीजिए। हरिराम ने वादा किया था इंक्रीमेंट के बाद …
Read More »व्यंग्य : चोखेलाल भी गरीब था, पर चोखा था
दफ़्तर में की-बोर्ड और दिमाग की दही करने के बाद जब हरिराम की खबर का संपादक ने रायता फैला दिया, तो हरिराम अपने मन ही मन उनकी माता-बहनों को याद करता हुआ दफ़्तर से झल्लाता हुआ निकला। दरअसल, दिनभर यहां-वहां, इस दफ़्तर, उस दफ़्तर भटकने के बाद कलेक्टर मांगेलाल के …
Read More »कमजोरी को ताकत बनाती अपनी खुशी…
ख़ुद से ख़ुद के लिये करो ज़िद …” ये कहना है मुंबई की खुशी का। जो शारीरिक रूप से तो जरूर सामान्य लोगों से कमजोर है, लेकिन इनके हौसले विशाल पर्वत की तरह अडिग और मजबूत है। पर यह शुरू से ऐसी नहीं थी, दिव्यांगता के कारण इनका बचपन कष्ट में …
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