PIL फाइलिंग: सुप्रीम Court या हाई Court? जानें कहां और कैसे दायर करें

Public Interest Litigation (PIL): How Common Citizens Can File? जनहित याचिका (PIL): आम नागरिक कैसे करें दायर?
अक्सर नागरिकों को सरकार की व्यवस्था से। कुछ शिकायतें होती हैं। संविधान हर नागरिक को मौलिक अधिकार देता है। साथ ही कुछ मौलिक कर्तव्य भी निर्धारित हैं। जिनका पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए। ऐसा करके प्रत्येक व्यक्ति अपने समाज और देश को। सुधारने में विशेष योगदान दे सकता है। यदि आपको प्रशासन से कोई शिकायत है। या आप इसमें बदलाव चाहते हैं। तो जनहित याचिका (PIL) का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह Court में एक शक्तिशाली टूल है।
जनहित याचिका (PIL) क्या है?
जनहित याचिका एक कानूनी उपाय है। यह आम नागरिक या किसी संस्थान को। जनता के हित में Court में। याचिका दायर करने की सुविधा देता है। ध्यान रहे, आप पर्सनल शिकायतों के लिए। इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसे केवल वही व्यक्ति या संस्थान दायर कर सकता है। जो उस मामले से सीधे प्रभावित न हो। यह Court में सार्वजनिक हित की बात है।
PIL किन मामलों के लिए दायर कर सकते हैं?
भ्रष्टाचार, प्रदूषण, सामाजिक मुद्दों के लिए। मौलिक अधिकारों के उल्लंघन और पर्यावरण से जुड़े। मामलों को लेकर आप पीआईएल दायर कर सकते हैं। इसके लिए सबूत और तथ्यों के साथ। जरूरी डॉक्यूमेंट की आवश्यकता पड़ती है। याचिका दायर करने से पहले अपनी समस्या। और Court से अपनी मांग स्पष्ट करें। पूरा मामला सही से याचिका में लिखें। यदि मामला बड़ा होता है तो Court। प्राथमिक रूप से इसकी सुनवाई करता है। सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ के साथ-साथ। कोई भी भारतीय नागरिक। इस सार्वजनिक हित की सुविधा का लाभ उठा सकता है।
Court में कैसे और कहाँ दायर करें जनहित याचिका?
पीआईएल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से। फाइल की जा सकती है। मामला सार्वजनिक हित से जुड़ा होना चाहिए। ध्यान रखें कि याचिका अच्छे से लिखी हो। समस्या और मांग को उसमें शामिल करें। आप Court में खुद फाइल कर सकते हैं।
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में फाइलिंग प्रक्रिया
- हाई कोर्ट में:
- राज्य सरकार, प्रशासन और पुलिस से जुड़े।
- मामलों को लेकर आर्टिकल 226 के तहत।
- हाई Court में पीआईएल दाखिल कर सकते हैं।
- किसी वकील की मदद या खुद ही।
- हाई Court की रजिस्ट्री में जमा कर सकते हैं।
- निर्धारित फीस भी लगती है।
- विभिन्न राज्यों के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल।
- अलग होता है।
- सुप्रीम कोर्ट में:
- मौलिक अधिकारों को लेकर या किसी।
- नेशनल लेवल मुद्दे को लेकर।
- आर्टिकल 32 के तहत सुप्रीम Court में।
- एडवोकेट ऑन-रिकॉर्ड के जरिए।
- पीआईएल याचिका दायर की जा सकती है।
- इसके लिए ऑनलाइन ई-फाइलिंग सुविधा।
- “ecourts.gov.in” भी सुप्रीम Court देता है।
- पहले जरूरी जानकारी दर्ज करके रजिस्ट्रेशन करें।
- यूजर नेम और पासवर्ड दर्ज करके लॉगिन करें।
- फिर जरूरी दस्तावेजों और सबूतों के साथ।
- याचिका दायर करें।
यह Court में याचिका दायर करने के तरीके हैं।
ई-फाइलिंग: न्यायिक प्रक्रिया का आधुनिक समाधान
ई-फाइलिंग प्रणाली वादपत्र, लिखित बयान, जवाब और मामलों से संबंधित विभिन्न आवेदनों को ऑनलाइन दाखिल करने के लिए एक पूर्ण, एंड-टू-एंड समाधान है। इसे देश के किसी भी उच्च न्यायालय या जिला न्यायालय में सिविल और आपराधिक दोनों मामलों को फाइल करने के लिए विकसित किया गया है। यह प्रणाली द्विभाषी (अंग्रेजी और स्थानीय भाषा) में डिज़ाइन की गई है, जिससे यह अधिवक्ताओं और वादियों के एक बड़े समूह तक पहुंच सके।
इसके कई लाभ हैं:
- यह अधिवक्ताओं और मुवक्किलों के समय, धन और यात्रा की बचत करती है।
- न्यायालयों में भौतिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
- मुवक्किलों और अधिवक्ताओं के बीच मुलाकातों की आवश्यकता कम होती है।
- मामलों के रिकॉर्ड का स्वचालित डिजिटलीकरण होता है।
- कागज़ के उपयोग में कमी से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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