
Cricket: मैनचेस्टर में हारे तो बन जाएगा टीम इंडिया के नाम शर्मनाक रिकॉर्ड! सीरीज का चौथा मुकाबला, 23 जुलाई 2025 से शुरू
भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही, पांच टेस्ट Cricket मैचों की सीरीज का चौथा मुकाबला, 23 जुलाई 2025 से शुरू होने वाला है। इस सीरीज में 2-1 से पीछे चल रही, भारतीय टीम के लिए यह मैच, करो या मरो की स्थिति बन गया है। कप्तान शुभमन गिल पर इस समय, भारी दबाव है, क्योंकि मैनचेस्टर में हार या ड्रॉ से, न केवल सीरीज गंवाने का खतरा है, बल्कि एक ऐसा शर्मनाक रिकॉर्ड भी बन सकता है, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। मैनचेस्टर में भारत की जीत, न केवल सीरीज को बराबर करने के लिए जरूरी है, बल्कि गिल की कप्तानी को भी, इस अपमानजनक रिकॉर्ड से बचाने के लिए आवश्यक है।
यह Test Cricket का एक महत्वपूर्ण मुकाबला है।
मैनचेस्टर में भारत का निराशाजनक इतिहास
मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान, भारतीय क्रिकेट टीम के लिए, हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। भारत ने इस मैदान पर अब तक, 9 टेस्ट मैच खेले हैं, जो 1936 से शुरू हुए थे। इनमें से 4 मैचों में भारत को, हार का सामना करना पड़ा, जबकि 5 ड्रॉ रहे। यानी, भारतीय टीम पिछले 89 सालों में, यहां एक भी टेस्ट जीत नहीं सकी है। यह भारत के लिए एक कड़वा सच है, और अब चौथा टेस्ट इस सूखे को खत्म करने का, सुनहरा अवसर है। अगर भारत यह मैच हार गया या ड्रॉ रहा, तो वह एक अनचाहा वर्ल्ड रिकॉर्ड, अपने नाम कर लेगा।
Cricket के इस मैदान पर भारत की चुनौती बड़ी है।
शर्मनाक रिकॉर्ड का खतरा
इस चौथे टेस्ट में भारत के सामने, न केवल सीरीज बराबर करने की चुनौती है, बल्कि एक शर्मनाक वर्ल्ड रिकॉर्ड से बचने का दबाव भी है। Cricket इतिहास में अब तक, कोई भी टीम किसी एक मैदान पर, 10 टेस्ट खेलकर एक भी मैच नहीं जीता हो, ऐसा कभी नहीं हुआ है। अगर भारत मैनचेस्टर में यह टेस्ट हार गया या ड्रॉ रहा, तो वह यह शर्मनाक रिकॉर्ड, अपने नाम कर लेगा। यह शुभमन गिल की नई-नई शुरू हुई कप्तानी के लिए, एक बड़ा धब्बा साबित हो सकता है। गिल, जो इस सीरीज में 600 से ज्यादा रन बना चुके हैं, इस रिकॉर्ड से बचने के लिए, अपनी टीम को जीत के लिए प्रेरित करना चाहेंगे।
बारबाडोस में भी कुछ ऐसा ही हाल
- मैनचेस्टर के अलावा, बारबाडोस का केंसिंग्टन ओवल मैदान भी, भारतीय टीम के लिए अभिशाप साबित हुआ है।
- बारबाडोस में भी भारत ने 9 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से 7 में हार मिली, और 2 ड्रॉ रहे।
- 1953 से शुरू हुआ यह सिलसिला, आज तक बिना जीत के जारी है।
- मैनचेस्टर और बारबाडोस, ये दो मैदान भारतीय Cricket के लिए, सबसे बड़े चुनौती बने हुए हैं, जहां इतने मैच खेलने के बावजूद, जीत का स्वाद नहीं चखा जा सका।
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