
Need for Space Law in India: भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम: सफलता के लिए क्यों जरूरी है एक नया Space कानून?
भारत 23 अगस्त 2024 को अपना पहला राष्ट्रीय Space दिवस मना चुका है। इस साल 23 अगस्त 2025 को भारत अपना दूसरा राष्ट्रीय Space दिवस मना रहा है। यह दिवस चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की याद दिलाता है। पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के शब्द, “जिस राष्ट्र की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में मजबूत नींव होती है, वह राष्ट्र वास्तव में मजबूत होता है“, इस अवसर पर और भी अधिक प्रासंगिक हो जाते हैं।
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम लगातार ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल कर रहा है। गगनयान, चंद्रयान के आगामी मिशनों और भारत Space स्टेशन की महत्वाकांक्षी योजनाएँ हमारी बढ़ती शक्ति का प्रमाण हैं। हालाँकि, इन उपलब्धियों को बनाए रखने और निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुरक्षित करने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचे की आवश्यकता अब भी बनी हुई है।
यह भारत के Space कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
अंतरिक्ष कानून: एक वैश्विक आवश्यकता
1967 की बाह्य Space संधि (Outer Space Treaty) अंतरिक्ष को पूरी मानवता की साझा संपत्ति मानती है। यह संधि अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए देशों को जिम्मेदार ठहराती है। इसका पालन करने के लिए हर देश को अपने राष्ट्रीय कानून बनाने पड़ते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने से ही अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को सुरक्षित तरीके से पूरा किया जा सकता है। भारत ने भी इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह Space कानून की वैश्विक महत्ता को दर्शाता है।
भारत की कानूनी स्थिति और चुनौतियाँ
- भारत ने सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एक विस्तृत और समग्र कानून अब तक नहीं बना है।
- कुछ प्रगति अंतरिक्ष नीति 2023 और IN-SPACe प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के माध्यम से हुई है।
- हालाँकि, विशेषज्ञों का कहना है कि एक मुख्य Space एक्ट अभी तक लागू नहीं हुआ है।
- IN-SPACe प्राधिकरण फिलहाल बिना विधायी समर्थन के काम कर रहा है।
- इससे इसकी कानूनी स्थिति कमजोर बनी हुई है।
यह Space कानून के क्षेत्र में भारत की वर्तमान स्थिति है।
- निजी कंपनियों को निवेश, बीमा और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे क्षेत्रों में स्पष्टता की सख्त जरूरत है।
- विशेषज्ञों के अनुसार भारत को एक वैश्विक अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के लिए जल्द से जल्द एक स्पष्ट और बाध्यकारी कानून बनाना होगा।
- इस कानून में लाइसेंसिंग की स्पष्ट प्रक्रिया और समयसीमा तय होनी चाहिए।
- इसके अलावा विदेशी निवेश के लिए नियम व बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा जैसे अहम बिंदु शामिल होने चाहिए।
यह अंतरिक्ष कानून की कुछ मुख्य चुनौतियों का विवरण है।
भारत का Space कार्यक्रम विश्व स्तर पर पा रहा सराहना
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम विश्व स्तर पर सराहना पा रहा है, लेकिन इन उपलब्धियों की स्थिरता और सुरक्षा के लिए एक पारदर्शी व आधुनिक राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून अत्यंत आवश्यक है।
यह कानून न केवल अंतरराष्ट्रीय संधियों का पालन सुनिश्चित करेगा बल्कि निवेशकों और उद्योगों को भी एक सुरक्षित माहौल देगा।
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