International news : सऊदी अरब में काम कर रहे भारतीय कामगारों के लिए अच्छी खबर
रियाद/नई दिल्ली सऊदी अरब ने दूसरे देशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को लेकर बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की कि अब से लोग यहां अनुबंध ख़त्म कर नौकरी बदल सकते हैं।
नए कानून के मुताबिक नियोक्ताओं (मालिक या कंपनियों) के दुर्व्यवहार और शोषण की स्थिति में कम वेतन पाने वाले ऐसे लाखों प्रवासी मजदूरों पर उसी कंपनी के साथ काम करते रहने की मजबूरी अब ख़त्म हो गयी है। इस फैसले से वहां काम करने वाले लाखों भारतीय कामगारों को फायदा होगा।
सऊदी अरब के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने कहा कि इन सुधारों के तहत विदेशी कर्मचारियों को एक जगह से दूसरी जगह काम करने, नौकरी छोड़ने और देश में फिर से प्रवेश करने और अपने नियोक्ता की सहमति के बिना अंतिम निकासी वीजा सुरक्षित करने की अनुमति दी जाएगी।
इन सुधारों की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। इससे पहले बिना कंपनी की अनुमति के कामगार ऐसा नहीं कर सकते थे और ज्यादातर मामलों में वीजा का डर दिखाकर कामगारों का शोषण किया जाता था।
कफाला सिस्टम ख़त्म करेंगे
उप मंत्री अब्दुल्ला बिन नासिर अबुथनैन ने कहा कि मार्च 2021 में नए तथाकथित श्रम संबंध पहल की लागू किया जाएगा, जिससे सऊदी अरब की कुल आबादी का लगभग एक तिहाई या राज्य में लगभग एक करोड़ विदेशी कामगार प्रभावित होंगे। ह्यूमन राइट्स वॉच की शोधकर्ता रोथना बेगम ने कहा कि इस जानकारी से पता चलता है कि सऊदी के अधिकारी कई खाड़ी देशों में प्रचलित कफाला प्रणाली के कुछ प्रावधानों को खत्म कर रहे हैं।
यह प्रणाली विदेशी कर्मचारियों को कानूनी रूप से उनके नियोक्ताओं से बांधे रखती है।
बता दें कि इससे पहले वर्ष कतर ने भी अपने श्रम कानूनों में ऐसे ही बदलाव किए हैं।
बेगम ने कहा कि सऊदी कानून में तीन बदलाव बेहद महत्वपूर्ण हैं और इनसे प्रवासी श्रमिकों की स्थिति में सुधार होगा, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि श्रमिकों के बीजा का प्रायोजन करने वाली कफाला सिस्टम को पूरी तरह खत्म नहीं किया गया है।
बेगम ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को अभी भी देश में आने के लिए एक नियोक्ता की जरूरत है, जो उन्हें प्रायोजित करें और नियोक्ता अभी भी उनके निवास स्थान पर नियंत्रण कर सकते हैं।