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संजर से अजमेर का सफ़र – पार्ट -5
हुज़ूर ख्वाजा ग़रोब नवाज़ की उम्र अभी चौदह साल भी नहीं होने पायी थी कि एक दिन आपके वालिद ने आपको अपने करीब बुलाया और फ़रमाया “बेटे हसन आज मै तुम्हारे साथ हूँ, हो सकता है कल न रहू, मगर बेटे अल्लाह के रसूल और बाबा हुसैन के दीन को फैलाने की ज़िम्मेदारी अब तुम्हारे हवाले है, इसके लिए तुम्हे आला से आला इल्म हासिल करना होगा I जल्द ही तुम्हे अपने पीर की तलाश भी करनी होगी, और मुश्किल भरे रास्तो का सफ़र भी करना होगा, बेटे कोई तुम्हारे साथ रहे या न रहे मगर अल्लाह हमेशा ही तुम्हारा नेगेहबान और मददगार होगा I उसकी रज़ा तुम्हारे साथ होगी, और वही तुम्हे रास्ता दिखाएगा लिहाज़ा हमेशा अल्लाह वालो की सोहबत इख़्तियार करना और गरीबो, मजलूमों की मदद करना I अल्लाह की तमाम मख्लूख से मोहब्बत करना, इस तरह की बहोत सी नसीहते आपने अपने बेटे हसन को दी, और फिर आखिरकार करीब 552 हि. में आपके वालिदे मोहतरम ने आपको खुदा के हवाले कर हमेशा हमेशा के लिए इस दुनिया ए फ़ानी से रुखसत हो गए I इन्नालिल्लाहि व इन्नाइलैही राजेऊन I
इस तरह वालिद ए मोहतरम का साया अब आपके सर से उठ चूका था, और आप यतीम हो गये । किताबो से पता चलता है, की आपके वालिद की मज़ार बगदाद शरीफ में है I इससे ये भी लगता है की हो सकता है, वे संजर से बग़दाद शरीफ में आकर भी रहे होंगे I वही कुछ का ये मानना है की आखरी वक्त में आपके वालिद ‘संजर’ में ही रहा करते थे, और यही पर आप आराम फरमा है, बहरहाल इन सब बातो को अल्लाह ही बेहतर जानने वाला है I
हुज़ूर ग़रीब नवाज़ के हिस्से में वालिद ए मोहतरम की ज़ायदाद में से तरके में एक बाग और पवन चक्की आई थी, जो आपके लिए ज़रिया ए माश भी था और जिसकी देखभाल वो खुद किया करते थे I आप अपनी वालिदा से बेहद मोहब्बत करते थे, और उनका हर तरह से ध्यान रखा करते I आप हमेशा दुरवेशों, सूफियों और फकीरों की संगत में बैठते, उनका अदब करते और उनसे सच्ची अकीदत और मुहब्बत किया करते । आपको विरसे में जो बाग़ मिला था, उसमें भी आप ज्यादा से ज्यादा वक्त यादे इलाही और अपने रब के ज़िक्र ओ असकार में गुजारा करते थे I बाग़ में आप ने गौर किया की अक्सर कोई ‘ग़ैबी ताकत’ आपके साथ होती और आपकी मदद किया करती थी I आप जब कभी घर से बाग़ में तशरीफ लाते, या फिर बाग़ में अपनी इबादतों में मशगूल रहते हुवे और कुरआन की तिलावत करते हुवे उन्हें महसूस होता की आपके गिर्द और भी लोग मौजूद है I आपने ये भी देखा की रोजाना ही कोई आकर आपके बाग़ का सारा काम भी कर देता है I