संघर्ष से सफलता: ज्योति ने हासिल की Phd In Yoga, बनीं महिलाओं की प्रेरणा

Jyoti Sahu: Phd In Yoga and the Importance of Mantras : योग से स्वास्थ्य और शांति! ज्योति साहू ने Phd In Yoga कर दिखाया मंत्रों का कमाल।
ज्योति साहू जिन्हें पूरे छत्तीसगढ़ में योग ज्योति, के नाम से जाना जाता है उन्होंने Phd In Yoga हासिल कर ली है। उन्होंने पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर, से यह उपाधि प्राप्त, की है। उनके शोध का, विषय “मंत्र योग एवं स्वास्थ्य: एक विश्लेषणात्मक अनुशीलन” था। यह शोध कार्य डॉ भगवंत सिंह के, मार्गदर्शन में पूर्ण हुआ। इस अवसर पर जयपुर राजस्थान से प्रो, अरविंद विक्रम सिंह बाह्य परीक्षक के रूप में मौखिक परीक्षा लेने उपस्थित हुए।
यह Phd In Yoga की, डिग्री ज्योति साहू, के लिए एक, बड़ी उपलब्धि है।
ज्योति साहू का प्रेरणादायक जीवन संघर्ष
ज्योति साहू का जीवन संघर्षों और कठिनाइयों से भरा रहा है। बचपन से ही वे शिक्षक बनना चाहती थी। किंतु 18 वर्ष की अल्प आयु में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने पर उनके माता-पिता, ने उनका विवाह कर दिया। इससे वे अत्यधिक, परेशान हो गईं। उनका मानसिक स्वास्थ्य पूरी तरह छिन्न-भिन्न हो गया।
- शिक्षा के लिए संघर्ष:
- शादी के बाद आगे पढ़ने की इच्छा जताई।
- बिलासपुर से स्नातक परीक्षा पास की।
- रायगढ़ से भिलाई (200 किमी से अधिक) का सफर तय कर बी.एड किया।
- स्थानांतरण की चुनौतियां:
- पति के जगदलपुर स्थानांतरण से निराशा हुई।
- वहां एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य किया।
- पति का फिर रायपुर स्थानांतरण हुआ और नई शुरुआत की तलाश की।
यह Phd In Yoga का सफर, उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, का प्रमाण है।
योग के मार्ग पर अग्रसर
रायपुर आकर ज्योति साहू, ने योग की पढ़ाई, के बारे में सुना। उन्हें यह विचार बहुत पसंद आया। उन्होंने अपने माता-पिता, से योग की पढ़ाई, के विषय में बात की। लेकिन सबने कहा इसमें, कोई भविष्य नहीं है। किंतु उन्हें स्वयं पर पूरा भरोसा था। उन्होंने योग में ही आगे बढ़ने का निश्चय, किया। वे पढ़ाई में, सर्वोच्च उपाधि प्राप्त, करना चाहती थी ताकि अपने माता-पिता को गौरवान्वित कर सकें। आज उनका यह सपना सच हुआ।
उनकी Phd In Yoga की उपलब्धि कई महिलाओं के लिए प्रेरणा है।
मंत्र योग और स्वास्थ्य पर शोध ॐ
ज्योति साहू ने बताया, कि मंत्रों के उच्चारण और नियमित श्रवण में, उनकी विशेष रुचि रही, है। वे अपनी दिनचर्या में गायत्री मंत्र महामृत्युंजय मंत्र इत्यादि का नियमित उच्चारण करती हैं। उन्होंने मंत्रों के प्रभाव से ही अपने जीवन के नकारात्मक विचारों को दूर किया है।
- मंत्रों का प्रभाव:
- नकारात्मक विचारों को दूर किया।
- नशा पीड़ितों में मानसिक और भावनात्मक विकास देखा।
- क्रोध और नकारात्मक विचार कम हुए।
उन्होंने रायपुर के कुछ, प्रतिष्ठित नशा मुक्ति केंद्रों में योग विशेषज्ञ के रूप में सेवाए दी हैं। वहां उन्होंने नियमित योगाभ्यास के साथ-साथ, मंत्रों के प्रयोग पर जोर दिया। उन्होंने देखा कि मंत्रों के प्रयोग से नशा पीड़ितों में मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत अधिक विकास हुआ है।
यह Phd In Yoga शोध समाज के लिए बहुत उपयोगी है।
सम्मान और शुभकामनाएं
ज्योति साहू के पिता एन आर साहू और माता चंद्रिका साहू ने उनके शोध में उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान किया। जयपुर से आए बाह्य परीक्षक और सभा में उपस्थित सभी अतिथियों द्वारा उनकी प्रस्तुति और विषय के चयन की सराहना की गई। सभी ने ज्योति साहू को इस अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं अर्पित कीं।
North America Chhattisgarh Association: टोरंटो से सिएटल तक बिखेरी छत्तीसगढ़ संस्कृति की खुशबू