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National news : सतत विकास लक्ष्‍य 2- शून्‍य भुखमरी (जीरो हंगर) विषय पर राष्‍ट्रीय वेबिनार का आयोजन

सतत विकास के लक्ष्‍यों का स्‍थानीयकरण एवं पंचायतों की भूमिका, 

केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने किया उद्घाटन

केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्‍व में भारत सरकार समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्‍यक्ति तक समुचित विकास एवं लोक कल्‍याणकारी योजनाओं को पहुंचाने के लिए सतत कार्य कर रही है एवं विगत सात वर्ष में इसके सकारात्‍मक परिणाम सामने आएं हैं। आज संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए देश की ढाई लाख से ज्‍यादा पंचायतें ग्रामीण अंचल में ग्‍लोबल पार्टनर (वैश्विक भागीदार) की भूमिका को पूरी जिम्‍मेदारी के साथ निभा रही है।

देश में भुखमरी को जड़ से समाप्‍त करने के लिए पंचायतों की भूमिका अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण

इस दिशा में हमे अब ओर तेज गति से कार्य करना है। केंद्रीय मंत्री सिंह ने यह बात पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ‘सतत विकास के लक्ष्‍यों का स्‍थानीयकरण एवं पंचायतों की भूमिका, सतत विकास लक्ष्‍य 2- शून्‍य भुखमरी (जीरो हंगर)’ विषय पर आयोजित राष्‍ट्रीय वेबिनार में मुख्‍य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में कही।

वेबिनार में पंचायती राज मंत्रालय के राज्‍य मंत्री श्री कपिल मोरेश्‍वर पाटील, ग्रामीण विकास राज्‍य मंत्री श्री फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार के साथ ही केंद्र एवं राज्‍य सरकारों के अधिकारीगण, पंचायती राज संस्‍थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आज हम स्‍वंतत्रता के 75 वें वर्ष में प्रवेश के साथ आजादी का अमृत महोत्‍सव मना रहे हैं। हमारे देश को स्‍वतंत्र कराने में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारत के भविष्‍य का जो सपना देखा था, आज उस स्‍वप्‍न को जमीन पर उतारने का समय है। आजादी का अमृत महोत्‍सव के आयोजन की श्रृंखला में भुखमरी मुक्त विश्‍व जैसे गंभीर और सामयिक विषय पर चिंतन करने के लिए मैं पंचायती राज मंत्रालय के अधिकारियों को बधाई देता हूं।

सिंह ने कहा कि सतत विकास लक्ष्‍य में भूख रहित विश्‍व के लिए हमारी पंचायती राज संस्‍थाएं अपने स्‍तर पर कार्य कर रही है। उन्‍होंने कहा कि पूरे विश्‍व में एशिया ही ऐसा भूभाग है जहां दुनिया के दो तिहाई लोग रहते हैं और यह एक कड़वी सच्चाई है कि एशिया में 51 करोड़ लोग अल्‍पपोषित हैं। हमें इस चुनौती को स्‍वीकार करते हुए केंद्र एवं राज्‍य सरकार के साथ ही पंचायती राज संस्‍थाओं को जमीनी स्‍तर पर कार्य करना है।

पंचायती राज मंत्री सिंह ने कहा कि हम सौभाग्‍यशाली हैं कि हमे नरेन्‍द्र मोदी जी जैसा नेतृत्‍व मिला है। विगत सात वर्षों में भारत ने कई क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। आज भारत बिजली संकट से मुक्‍त हो चुका है। सिंह ने अपने उद्बोधन में उत्‍पादक रोजगार के विषय पर बल देते हुए कहा कि स्‍व सहायता समूहों को आजीविका से जोड़ने एवं मनरेगा में रोजगार के साथ ही उपयोगी उत्‍पादन पर कार्य किया जा रहा है।

देश की ढाई लाख पंचायतों  में 31.65 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, जिनमें आधी संख्‍या महिलाओं की है।

इन संस्‍थाओं के साथ ही केंद्र एवं राज्‍य सरकारों का दायित्‍व है कि कैसे सशक्‍त, उत्‍तरदायी एवं पारदर्शी पंचायती राज व्‍यवस्‍था के माध्‍यम से देश के गांव-गांव में सुराज को स्‍थापित किया जाए। सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्‍व में विगत सात वर्षों में पंचायतों को आर्थिक रूप से अधिक सशक्‍त बनाने का कार्य किया गया है।

चौदहवे वित्‍त आयोग की अनुदान के तहत तेरहवे वित्‍त आयोग से तीन गुना ज्‍यादा धनराशि प्रदान की गई है, वहीं पंद्रहवे वित्‍त आयोग में लगभग 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपए की राशि पंचायातों में पहुंच रही है। इसलिए हमारी जिम्‍मेदारी है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए पूरी शक्ति से कार्य करें।

पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पंचातयों के कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी है। इ-ग्राम स्‍वराज पोर्टल पर पंचायते आ चुकी हैं, वे पारदर्शिता का उदाहरण प्रस्‍तुत कर रही हैं। इस माध्‍यम से ऑनलाइन पेंमेंट किया गया है। बेहतर सेवा पारदर्शिता के साथ देना ही हमारा दायित्‍व है। उन्‍होंने कहा कि पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मिलकर सरकार की सभी योजनाओं को जमीन पर उतारने का कार्य करे।

पंचायत के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य भी पंचायती राज मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों को अधिक से अधिक इन प्रशिक्षणों में भाग लेकर स्‍वयं में दक्षता लाना चाहिए। इसके लिए पंचायती राज मंत्रालय बधाई का पात्र है।

उन्‍होंने कहा संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने जो लक्ष्‍य निर्धारित किए हैं उसमें भुखमरी को खत्‍म करना, गरीबी खत्‍म करना व खाद्य सुरक्षा तीनों आपस में जुड़े हैं। इन लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने में पंचायती राज संस्‍थाएं महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी के नेतृत्‍व में कोरोना काल में देश की 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन प्रदान किया जा रहा है, यह कार्य नवंबर तक जारी रहेगा। इसके साथ ही वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में देश में कहीं पर भी हितग्राभी राशन प्राप्‍त कर सकता है। यह सब खाद्य सुरक्षा के तहत कार्य किया गया है। इसके साथ ही दिव्‍यांगों, विधवाओं, वृद्धों को पेंशन एवं जनधन खाता धारक महिलाओं को कोविड संकट काल में आर्थिक सहायता प्रदान की गई, ताकि कोई भी भुखमरी का सामना न करे।

इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय के राज्‍य मंत्री कपिल मोरेश्‍वर पाटील ने कहा कि देश में स्थानीय शासन की व्यवस्था को सशक्त करने, गांव तक सुराज पहुंचाने और शासन व्यवस्था की शक्ति का विकेंद्रीकरण करने के उद्देश्य से पंचायती राज प्रणाली लागू की गई है। संविधान के 73 वे संशोधन के माध्‍यम से पंचायतों को अनिवार्य संवैधानिक दर्जा प्रदान करते हुए इतना सशक्‍त बनाया गया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में सरकार की योजनाओं के क्रियान्‍वयन का अंतिम किंतु सबसे महत्‍वपूर्ण बिंदु है।

उन्‍होंने कहा कि किसी भी समस्‍या का समाधान उसकी जड़ में होता है, जमीनी स्‍तर पर ही वैश्विक मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। सतत विकास के लक्ष्‍यों का स्‍थानीयकरण करके हम आसानी से इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त कर सकते हैं। जहां तक जीरो हंगर के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने का विषय है, भारत में इस महत्‍वपूर्ण लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में पंचायतों की सबसे महत्‍वपूर्ण भूमिका है।

पंचायतों पर दायित्‍व है कि वे अपने क्षेत्र में केंद्र एवं राज्‍य सरकार की सभी कल्‍याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्‍वयन पर नजर रखें। पंचातयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गांव में कमजोर एवं गरीब वर्ग को सभी मूलभूत सुविधाएं प्राप्‍त हों और इस तरह के परिवार आर्थिक गतिविधि में संलग्‍न हो। पंचायतों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि गांव में किसी भी कारण से भुखमरी के हालात निर्मित न हो। गांव के कमजोर वर्ग का डाटा तैयार करके सरकार की कल्‍याणकारी योजनाएं उन तक पहुंचाने का काम तीव्र गति से होना चाहिए।

पंचायती राज संस्‍थाओं में 50 प्रतिशत बहनों की जनप्रतिनिधि के रूप में भागीदारी

ग्रामीण विकास मंत्रालय के राज्‍य मंत्री फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि कुपोषण एवं भुखमरी को समाप्‍त करने में महिलाओं की भूमिका सबसे महत्‍वपूर्ण हो सकती है। पंचायती राज संस्‍थाओं में भी 50 प्रतिशत बहनों की जनप्रतिनिधि के रूप में भागीदारी है। गांवों में स्वयं सहायता समूहों के माध्‍यम से इस दिशा में महत्‍वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं, उन्‍हें और अधिक गति दी जाना चाहिए। कुलस्‍ते ने कहा कि कुछ राज्‍यों ने कुपोषण समाप्ति की दिशा में बेहतर कार्य किया है, वहां की श्रेष्‍ठ प्रथाओं (बेस्ट प्रैक्टिस) को संपूर्ण देश की पंचायतों के सामने लाना चाहिए तथा पंचायतों को भी उनका अनुसरण करना चाहिए।

पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने सतत विकास के 17 लक्ष्‍य निर्धारित किए उसमे भारत के साथ ही दुनिया के कई देश हस्‍ताक्षरित है। 2030 तक इन्‍हें प्राप्‍त करने का लक्ष्‍य है। 17 सतत विकास लक्ष्‍यों में से अधिकांश की प्राप्ति मे पंचायतों की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। पंचायतों को इन लक्ष्‍यों को अंगीकार करके इन्‍हें पूर्ण करने का संकल्‍प लेना आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि जीरो हंगर के लक्ष्‍य में पंचायतों की भूमिका अत्‍यधिक आवश्‍यक है। श्री सुनील कुमार ने कहा कि ग्राम निर्धनता न्यूनीकरण योजना (वीपीआरपी) को ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) में जोड़ने के लिए 15 अगस्‍त से पूरे देश में प्रारंभ किया गया है। इसके माध्‍यम से बेहतर परिणाम प्राप्‍त होंगे।

राष्ट्रीय वेबिनार के चार सत्रों में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी), राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार, पंचायत निदेशालय, छत्तीसगढ़, ओडिशा राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय (ओ/ओ पीएसए, जीओआई) की तरफ से विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआईएस), नई दिल्ली, आईआईएफपीटी, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार की प्रस्तुति (पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन) के अलावा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले के श्रीनगर ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती नवनीत संधू, केरला इंस्टीट्यूट ऑफ़ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन (केआईएलए), उत्तर प्रदेश खाद्य एवं रसद विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय, उत्तर प्रदेश, मिजोरम राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, मघ्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण सोसायटी, कर्नाटक के कोप्पल जिला पंचायत की सीईओ और मध्य प्रदेश डीएवाई-राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा अनुभव साझा किया गया।

कार्यक्रम में अपर सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार ने स्‍वागत भाषण एवं आभार व्यक्त आर्थिक सलाहकार श्री (डॉ.) बिजया कुमार बेहरा ने किया।

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