सहायक प्राध्यापक परीक्षा में अनुपस्थित छात्र के चिन्हांकन संबंधी शिकायत निकली निराधार
रायपुर । छग लोक सेवा आयोग ने सहायक प्राध्यापक (उच्च शिक्षा विभाग) परीक्षा-2019 की लिखित परीक्षा में अनुपस्थित छात्र के साक्षात्कार के लिए चिन्हांकन, 105 प्रश्नों के विलोपन तथा दुर्ग जिले के एक ही परीक्षा केंद्र के लगभग 88 अभ्यार्थियों के चिन्हांकन संबंधी शिकायतों को निराधार बताया है।
आयोग ने कहा है कि सहायक प्राध्यापक परीक्षा में अनुपस्थित छात्र के चिन्हांकन संबंधी शिकायत की जांच में शिकायत-पत्र निराधार पाए जाने पर उसे नस्तीबद्ध किया जा चुका है। इसी तरह 2450 प्रश्नों में से 105 प्रश्नों का विलोपन विभिन्न कारणों से किया गया, जोकि किसी भी आयोग या संस्था की एक सतत् प्रक्रिया है। इसी तरह एक ही परीक्षा केंद्र से 88 अभ्यर्थियों के चिन्हांकन की बात भी पूर्ण रूप से निराधार एवं असत्य है।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा 5 नवम्बर 2020 से 8 नवम्बर 2020 तक आयोजित सहायक प्राध्यापक (उच्च शिक्षा विभाग) परीक्षा 2019 की लिखित परीक्षा के घोषित परीक्षा परिणाम में सहायक प्राध्यापक हिन्दी साहित्य में अनुपस्थित अनुक्रमांक वाले अभ्यर्थी का चिन्हांकन करने की शिकायत जांच में पूर्णतः निराधार एवं तथ्यहीन पायी गयी है।
इस संबंध में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा जानकारी दी गयी है कि सहायक प्राध्यापक (उच्च शिक्षा विभाग) परीक्षा 2019 के लिखित परीक्षा परिणाम 19 जनवरी 2021 को जारी किया गया है। उक्त परीक्षा परिणाम में अभ्यर्थी श्री वीरेन्द्र कुमार पटेल ने सहायक प्राध्यापक हिन्दी साहित्य में अनुपस्थित अनुक्रमांक वाले अभ्यर्थी का चिन्हांकन किये जाने के संबंध में शिकायत की थी।
आयोग द्वारा उक्त शिकायत पर 01 फरवरी 2021 को अभ्यर्थी एवं संबंधित परीक्षा केन्द्र के केन्द्राध्यक्षों एवं वीक्षकों को समक्ष में आहूत कर प्रकरण की जांच की गई। शिकायत में अभ्यर्थी द्वारा परीक्षा कक्ष में वीडियोग्राफी कराये जाने तथा अपने पीछे के अभ्यर्थी को अनुपस्थित होना बताया है।
इस संबंध में लोक सेवा आयोग द्वारा बताया गया है कि अभ्यर्थी का रोल नंबर 190204103691 है तथा परीक्षा केन्द्र के केन्द्राध्यक्ष द्वारा दिये गये सीटिंग प्लान, उपस्थिति पत्रक में वीक्षकों एवं केन्द्राध्यक्ष द्वारा प्रमाणित की गयी उपस्थिति के आधार पर उसके पीछे का अनुक्रमांक 190204103692 है न कि 190204103693।
केन्द्राध्यक्ष एवं वीक्षकों द्वारा बयान में भी कक्ष में वीडियोग्राफी नहीं कराये जाने का स्पष्ट उल्लेख है। अतएव उपरोक्त आधारों पर आयोग द्वारा साक्षात्कार हेतु चिन्हांकित लिखित परीक्षा परिणाम में अनुपस्थित अभ्यर्थी का रोल नंबर नहीं दर्शाया गया है। अनुक्रमांक 190204103692 वाले अभ्यर्थी का चिन्हांकन सूची में नाम नहीं है क्योंकि वह परीक्षा में अनुपस्थित था।
साक्षात्कार हेतु चिन्हांकित सूची में उपस्थित अभ्यर्थी अनुक्रमांक 190204103693 का ही नाम सम्मिलित है। अतः उक्त आधार पर शिकायत पत्र पूर्णतः निराधार एवं तथ्यहीन होने के कारण शिकायत पत्र को नस्तीबद्ध किया गया है।
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने सहायक प्राध्यापक परीक्षा में लगभग 105 प्रश्नों के विलोपन के संबंध में बताया है कि सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2019 में कुल 24 विषयों की लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। प्रत्येक विषय में 100 प्रश्न संबंधित विषय तथा 50 प्रश्न छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान से संबंधित थे। इस प्रकार सहायक प्राध्यापक परीक्षा में कुल 2450 प्रश्न थे। इतने प्रश्नों में लगभग 105 प्रश्नों का विलोपन विभिन्न कारणो ंसे किया गया, जिसमें प्रश्न गलत हैं या प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर का है या प्रश्न के सारे उत्तर विकल्प गलत है या प्रश्न के एक से अधिक उत्तर विकल्प सही है या प्रश्न के हिन्दी/अंग्रेजी अनुवाद में तथ्यात्मक भिन्नता शामिल है।
लोक सेवा आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी आयोग अथवा संस्था से आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नों का विलोपन होना एक सतत प्रक्रिया है। प्रश्न के विलोपन को न्यून से न्यून किये जाने के प्रयास निरंतर हो रहे है। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं अन्य आयोगों में बहुविकल्पीय परीक्षाओं में एक प्रश्न के यदि एक से अधिक संभावित उत्तर होते है वहां पर सभी उत्तरों को सही मानकर मूल्यांकन किया जाता है जबकि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में किसी प्रश्न के केवल एक ही उत्तर सही होने पर प्रश्न को सही मान्य किया जाता है।
इस हेतु आयोग में प्रश्नों के विलोपन की संख्या अधिक परिलक्षित होती है। यहां पर उल्लखेनीय है कि प्रश्नों के विलोपन से किसी अभ्यर्थी विशेष को अंकों की कोई हानि नहीं होती है बल्कि परीक्षा में सम्मिलित समस्त अभ्यर्थियों को उस विलोपित प्रश्न के अंक को शेष प्रश्नों के अंक में जोड़ दिये जाने से प्रति प्रश्न के अंकों में वृद्धि होती है।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने सहायक प्राध्यापक परीक्षा के परीक्षा परिणाम में दुर्ग जिले के एक ही परीक्षा केन्द्र से लगभग 88 अभ्यर्थियों के चिन्हांकन की बात को पूर्णतः निराधार और असत्य बताया है। लोक सेवा आयोग ने जानकारी दी है कि अंग्रेजी में दुर्ग जिले के दो परीक्षा केन्द्रों में 348 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 47 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। अंग्रेजी में परीक्षा केन्द्र क्रमांक-2001 में 200 अम्यर्थी को प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 25 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2002 में 148 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 22 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए।
भौतिक शास्त्र विषय में दो परीक्षा केन्द्रों में 493 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 51 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं, इनमें से परीक्षा केन्द्र क्रमांक-2002 में 250 प्रवेश पत्र जारी किए गए थे, जिनमें से 30 अम्यर्थी और परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2003 में 243 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 21 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
गणित विषय में दो परीक्षा केन्द्रों में 428 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 24 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2001 में 228 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 9 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए तथा परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2006 में 200 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 15 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
रसायन शास्त्र विषय में परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2005 में 124 प्रवेश पत्र जारी किए गए थे, जिनमें से 7 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए, परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2006 में 200 प्रवेश पत्र जारी किए गए थे, जिनमें 19 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए, परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2007 में 200 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 21 अम्यर्थी और परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2008 में 93 प्रवेश पत्र जारी किए गए जिनमें 7 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इसी प्रकार रसायन शास्त्र विषय में इन चार केन्द्रों में 617 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 54 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए है।
प्राणी शास्त्र विषय में दुर्ग जिले के दो परीक्षा केन्द्रों में 270 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 55 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2006 में 150 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें से 29 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इसी प्रकार परीक्षा केन्द्र क्रमांक-2025 में 120 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 26 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
वाणिज्य विषय में 4 परीक्षा केन्द्रों में 764 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 70 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए है। परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2006 में 200 प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें से 22 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए है, परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2025 में 200 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 15 अम्यर्थी, परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2028 में 200 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 20 अम्यर्थी और परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2031 में 164 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 13 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
वनस्पति शास्त्र विषय में दो परीक्षा केन्द्रों में 385 प्रवेश पत्र जारी किए गए, जिनमें 76 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इनमें से परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2002 में 250 प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें 56 अम्यर्थी और परीक्षा केन्द्र क्रमांक 2025 में 135 प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें 20 अम्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं।