मुंबई जलवायु के क्षेत्र में काम करने वाली मशहूर कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए गए `टूलकिट` दस्तावेज मामले में मुंबई की वकील-कार्यकर्ता निकिता जैकब की अग्रिम जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी। दिल्ली की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद निकिता जैकब ने सोमवार को अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से गुहार लगाई। जस्टिस पीडी नाइक के समक्ष निकिता के वकील अभिषेक येंडे ने त्वरित सुनवाई के लिए उनकी याचिका का उल्लेख किया था।
बता दें कि निकिता विगत छह वर्षों से वकालत कर रही हैं। वह गोरेगांव की रहने वाली हैं। वह सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहती हैं।
गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट से गुहार लगाई।
हालांकि `टूलकिट` दस्तावेज मामले में उनकी भूमिका सवालों के घेरे में है। निकिता की सोशल मीडिया प्रोफाइल के मुताबिक, वह महाराष्ट्र गोवा स्टेट बार काउंसिल से जुड़ी हैं बॉम्बे हाई कोर्ट में रजिस्टर्ड हैं। वहीं दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, 11 फरवरी को एक टीम तलाशी लेने के लिए निकिता जैकब के घर गई थी, लेकिन शाम होने के कारण उससे पूछताछ नहीं हो सकती थी।
यह घटनाक्रम बेंगलुरु कॉलेज के स्नातक व पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को देशद्रोह साजिश के आरोप में गिरफ्तार करने दिल्ली की एक अदालत द्वारा 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजे जाने के मद्देनजर सामने आया।
उल्लेखनीय है कि ग्रेटा थनबर्ग ने भारत के 3 कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में `टूलकिट` ट्वीट किया था। इस पर दिल्ली पुलिस ने `टूलकिट` बनाने वालों के खिलाफ 4 फरवरी को आईपीसी की धारा 124-ए, 120-ए 153-ए के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने दिशा रवि को यह दस्तावेज बनाने उसका प्रसार करने की महत्वपूर्ण साजिशकर्ता बताया। बाद में निकिता की भी इस काम में भूमिका सामने आई।
हालांकि दिल्ली पुलिस की एफआईआर को `झूठा निराधार` करार देते हुए निकिता ने दिल्ली की संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाने गिरफ्तारी से पहले चार सप्ताह के लिए अग्रिम जमानत मांगी है।
जमानत के लिए किए गए आवेदन में कहा गया है कि आवेदक को डर है कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध मीडिया ट्रायल के कारण गिरफ्तार किया जा सकता है। फिलहाल आज उनकी याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा।