
प्लांट बेस्ड प्रोटीन के फायदे : इस सरल बदलाव से आपकी उम्र बढ़ सकती है!
आपकी डाइट में एक छोटा सा बदलाव आपकी उम्र बढ़ा सकता है! एक नए शोध में पाया गया है कि जानवरों के प्रोटीन की जगह शाकाहारी प्रोटीन (plant proteins) का सेवन शरीर को बीमारियों से बचाता है, जिससे खास तौर पर वयस्कों का जीवन लंबा होता है। यह शोध चार्ल्स पर्किन्स सेंटर, सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया और ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
यह अध्ययन 1961 से 2018 के बीच 101 देशों के डाइट और जनसंख्या डेटा का विश्लेषण करता है। इसमें जनसंख्या और धन के स्तर को भी समायोजित किया गया ताकि सटीकता बनी रहे।
शाकाहारी बनाम मांसाहारी प्रोटीन: सेहत पर असर
नतीजों से पता चला कि दालों, नट्स और टोफू जैसे शाकाहारी प्रोटीन का ज़्यादा सेवन लंबी उम्र से जुड़ा है। वहीं, मांस, खासकर प्रोसेस्ड मांस का ज़्यादा सेवन हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसे गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा है।
अध्ययन की सह-लेखिका कैटलिन एंड्रयूज के अनुसार, प्लांट-बेस्ड प्रोटीन वयस्कों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य में मदद करते हैं, जबकि पशु प्रोटीन बच्चों में शिशु मृत्यु दर को कम करने में योगदान करते हैं। डॉ. एलिस्टेयर सीनियर ने कहा कि प्रोटीन डाइट का एक आवश्यक हिस्सा है, और कार्बन फुटप्रिंट कम करने की बढ़ती प्रवृत्ति के साथ, प्रोटीन के प्रकारों का सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव समझना ज़रूरी हो जाता है।

यह अध्ययन समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और जीवन प्रत्याशा बढ़ाने में पौधों के स्रोतों पर आधारित संतुलित आहार के महत्व पर केंद्रित है।
यह नई, अधिक प्रभावी और टिकाऊ पोषण रणनीतियों के लिए द्वार खोलता है।
एक नई रिसर्च में पता चला है कि जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन की जगह प्लांट बेस्ड प्रोटीन
(जैसे दाल, नट्स और टोफू) खाने से शरीर बीमारियों से बचता है और उम्र बढ़ती है।
रिसर्च में यह भी पाया गया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए एनिमल प्रोटीन फायदेमंद होता है।
रिसर्च में 101 देशों के लोगों के खाने-पीने की आदतों का अध्ययन किया गया।
नतीजे बताते हैं कि जो लोग प्लांट बेस्ड प्रोटीन ज़्यादा खाते हैं, वे ज़्यादा जीते हैं।
वहीं, जो लोग मांस, खासकर प्रोसेस्ड मीट खाते हैं,
उन्हें दिल की बीमारी, डायबिटीज और कैंसर होने का खतरा रहता है।
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प्लांट बेस्ड प्रोटीन सेहत के लिए अच्छा
रिसर्च करने वाली वैज्ञानिक कैटलिन एंड्रयूज का कहना है कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन सेहत के लिए अच्छा होता है,
जबकि एनिमल प्रोटीन छोटे बच्चों के लिए ज़रूरी है।
डॉ. एलिस्टर सीनियर बताते हैं कि प्रोटीन हमारे खाने का ज़रूरी हिस्सा है।
इसलिए, यह जानना ज़रूरी है कि अलग-अलग तरह के प्रोटीन का हमारी सेहत और पर्यावरण पर क्या असर होता है।
यह रिसर्च बताती है कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
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