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आजादी के अमृत को सदैव अक्षुण्ण रखने का लिया संकल्प,

पांच दिन से चल रहे चित्र प्रदर्शनी का समापन

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्वाधीनता पर आधारित प्रश्नमंच के साथ हुआ समापन

रायपुर महंत घासीदास संग्रहालय प्रांगण में लगाए गए पांच दिवसीय आजादी का अमृत महोत्सव चित्र प्रदर्शनी का मंगलवार को समापन हो गया। समापन के दिन प्रश्नमंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। बता दें कि प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, सांसद सुनील सोनी व संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने 12 मार्च को किया था।

इसके बाद पांच दिनों तक लोग उत्साह से स्वतंत्रता की लड़ाई में अपनी आत्महुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचते रहे। कार्यक्रम स्थल पर प्रतिदिनि विविध प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय के पंजीकृत कलाकारों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियों से आजादी के संघर्षों की कथाएं लोगों को बताई। इसके साथ ही हर दिन लोगों को देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने के दायित्व के बारे में जानकारी दी गई।

इस संबंध में प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय के प्रमुख शैलेष फाये ने बताया कि भारत सरकार आजादी के 75वें वर्षगांठ को पूरे उत्साह से मनाने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय अमर शहीदों की गाथाओं को प्रदर्शनी के रूप में जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। प्रदर्शनी देख लोग उस दौर के संघर्ष गाथ को याद करते हैं। यह महोत्सव प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय द्वारा 75 सप्ताह तक मनाया जाएगा।

प्रस्तुति पर भावुक हो उठे लोग

लोक कलाकारों द्वारा प्रतिदिन स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों के बारे में प्रस्तुति दी गई। कलाकारों ने जब छत्तीसगढ़ के अमर सेनानी वीर नारायण सिंह को फांसी दिए जाने के दृश्य की प्रस्तुति दी तो लोग भावुक हो उठे। कलाकारों ने दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन की झलकियां भी प्रस्तुति से पेश की।

चित्र से दिखाई संघर्ष की पीड़ा

प्रदर्शनी में चित्र कला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने ब्रश के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष की पीड़ा का मार्मिक दृश्य पेश किया। मनोज पटेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दांडी मार्च का दृश्य उकेरा इसलिए इसे प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। अन्य प्रतिभागियों ने भी संघर्ष का दृश्य जीवंत किया।

हर उम्र के लोगो में दिखा उत्साह

प्रदर्शनी में हर दिन हर उम्र के लोग स्वतंत्रता सेनानियों की यशगाथा को देखने के लिए पहुंचते रहे। स्कूल, काॅलेज के विद्यार्थी, शिक्षाविद, प्रशासनिक अधिकारी, नौकरीपेशा लोग व बुजुर्ग हर तबके के लोगों ने पूरे उत्साह से प्रदर्शनी में सहभागिता की।

प्रश्नमंच में खूब रहा रोमांच

प्रदर्शनी के आखिरी दिन स्वाधीनता आंदोलन प्रश्न मंच प्रतियोगिता हुई. इसमें दुर्गा कॉलेज के प्रतिभागियों सौम्य मिश्रा व लिकेश जंघेल ने बाजी मारी। दूसरे स्थान पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामनगर की टीम के प्रतिभागी रहे।

प्रतिभागियों से कुल 35 सवाल पूछे गए. जिनमें से विजेता व उपविजेता दोनों टीमों में 7-7 से मुकाबला टाई हुआ। बाद में दोनों टीमों के बीच स्वतंत्रता सेनानियों के आवाज़ पहचानने की स्पर्धा हुई। जिसमें दुर्गा कॉलेज की टीम ने बाजी मारी।

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