डीप फेक टेक्नोलॉजी
दोस्तो आजकल लोगों का अधिकतर समय इंटरनेट पर ही बीतता है। लेकिन अब साइबर अपराध इतना ज्यादा बढ़ता जा रहा है कि यह हम सबके लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है।
इंटरनेट पर सभी अपनी तस्वीरें डालते हैं।प्रायः देखा गया है पुरुषों की तुलना में महिलाएं कुछ ज्यादा ही तस्वीरें पोस्ट करती हैं। ये तस्वीरें व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर पोस्ट की जाती हैं।
साइबर अपराधी इन तस्वीरों का दुरुपयोग कर सकते हैं।
इन तस्वीरों को बड़ी आसानी से डीपफेक टेक्नोलॉजी की मदद से अश्लील तस्वीरों में बदला जा सकता है। अभी हाल ही में पता चला है कि सोशल मीडिया पर डाली गई एक लाख महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदला गया है।
इन तस्वीरों को डीपफेक बॉट की मदद से अश्लील तस्वीरों में बदला गया है। यह सब इतनी सफाई से किया जाता है कि असली और नकली तस्वीरों और वीडियो में फर्क कर पाना मुश्किल होता है! दीपफेक बॉट दरअसल एक ऐसा रोबोट है, जो मैसेजिंग ऐप पर इंसानी बातचीत की भी नकल कर सकता है ! सोशल मीडिया से महिलाओं की प्राप्त तस्वीरों को बॉट अश्लील तस्वीरों में बदल सकता है ।
इंटरनेट की दुनिया में ऐसे न जाने कितने डीपफेक बॉट्स मौजूद होंगे, जिनके जरिये दुनिया भर में अश्लील तस्वीरें बनाई जा रही होंगी !अभी तो सिर्फ एक ही बॉट का खुलासा हुआ है। सबसे खतरनाक बात यह है कि एक लाख महिलाओं की जिन तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदला गया, उन्हें इंटरनेट से हटाना भी मुमकिन नहीं है।
इंटरनेट पर कोई आपत्तिजनक कंटेंट एक बार अपलोड हो जाए, तो उसे पूरी तरह से हटाना लगभग असंभव है। आईटी ऐक्ट के तहत एक नोटिस के जरिये इस आपत्तिजनक कंटेट्स को हटाने के लिए सरकार से निर्देश दिलाया जा सकता है। आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना संभव नहीं है।
सोशल मीडिया की जिन तस्वीरों के साथ आसानी से छेड़छाड़ हो सकती है, उनमें ज्यादातर सेल्फीज होती हैं। सेल्फीज में चेहरा साफ-साफ दिखाई देता है! इसलिए सेल्फी कैमरे से ली गई इसलिए साइबर अपराधी ज्यादातर सेल्फी का ही दुरुपयोग करते हैं।
डीपफेक के जरिये केवल महिलाओं को ही बदनाम करने की कोशिश नहीं की जाती, बड़े-बड़े नेता, सेलिब्रिटीज और आम पुरुष भी इसके शिकार होते हैं। डीपफेक इंटरनेट की दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार बन चुका है !
इसलिए सावधान रहें सुरक्षित रहें।
बालोद पुलिस
🙏
(थाना गुण्डरदेही द्वारा जनहित में जारी)