परिषद् ने पूर्व आयोजित परीक्षाओं के माँगा ब्यौरा
नई दिल्ली सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की बहाली से पहले उनकी अर्हता तय करने के लिए टीईटी की परीक्षा ली जाती है, जिसमें सरकार अब बदलाव करने जा रही है। ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत होगा और इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में आयोजित होनेवाली इस परीक्षा में एकरुपता लाने का प्रयास होगा।
शिक्षक पात्रता परीक्षा में बदलाव को लेकर रुपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी संभाल रहे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने इसे लेकर विभिन्न राज्यों से पूर्व में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा का पूरा ब्यौरा 15 फरवरी तक मांगा है।
इसके तहत इस परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के पैटर्न के अलावा परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों, सफल अभ्यर्थियों आदि की जानकारी निर्धारित प्रारुप के साथ ही परीक्षा को लेकर समय-समय पर राज्यों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों के संबंध में भी जानकारी मांगी गई है।
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षक प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दिया गया है। बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह परीक्षा अब माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी होनी है।
एनसीटीई द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर नई गाइडलाइन जारी किए जाने के बाद राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को अपनी नियमावली में बदलाव करना होगा। शिक्षक नियुक्ति में एनसीटीई की गाइडलाइन का अनुपालन करना अनिवार्य होता है।
बता दें कि शिक्षक नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि टीईटी उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता वर्ष 2010 में ही लागू की गई है। अब इसमें कुछ संशोधन के बाद इसे नया प्रारूप दिया जा सकता है।