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SMS में छुपे हैं ये राज़: क्या आप जानते हैं -P, -T, -S, -G का मतलब?

SMS के आखिरी अक्षर के कोड्स का मतलब: -P, -T, -S, -G का क्या है अर्थ?

क्या आपको भी SMS के आखिर में -P, -T, -S, -G जैसे कोड्स दिखते हैं? जानिए इन लास्ट वर्ड कोड्स का मतलब और ये आपके मैसेज के बारे में क्या बताते हैं!

आजकल हम सभी SMS का इस्तेमाल करते हैं, चाहे वो बैंक से आया मैसेज हो, कोई OTP हो या फिर कोई प्रमोशन। आपने ध्यान दिया होगा कि कुछ SMS के आखिर में कुछ खास कोड्स लगे होते हैं, जैसे “-P”, “-T”, “-S”, या “-G”। क्या आपने कभी सोचा है कि इनका क्या मतलब होता है? ये कोई रैंडम अक्षर नहीं हैं, बल्कि ये कोड्स मैसेज के प्रकार या उसके उद्देश्य (purpose) को बताते हैं।

आइए समझते हैं इन सीक्रेट कोड्स का मतलब!



SMS लास्ट वर्ड कोड्स: क्यों होते हैं ये और क्या बताते हैं?

ये लास्ट वर्ड कोड्स (Last Word Codes) आमतौर पर उन मैसेजेस में इस्तेमाल होते हैं जो किसी कंपनी या सर्विस प्रोवाइडर की ओर से भेजे जाते हैं।

ये कोड्स मैसेजिंग सिस्टम को यह समझने में मदद करते हैं कि मैसेज किस कैटेगरी का है, और कई बार यह भी बताते हैं कि उस मैसेज को कैसे डिलीवर करना है या उसकी क्या प्राथमिकता (priority) है।

चलिए जानते हैं कुछ मुख्य लास्ट वर्ड कोड्स और उनके मतलब:

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1. -P (Promotional – प्रमोशनल मैसेज)

  • मतलब: यह कोड उन मैसेजेस के लिए इस्तेमाल होता है जो प्रमोशनल या मार्केटिंग से जुड़े होते हैं।
  • उदाहरण: किसी नई स्कीम का विज्ञापन, डिस्काउंट ऑफर, किसी स्टोर से सेल की जानकारी, या कोई नया प्रोडक्ट लॉन्च।
  • खास बात: ये मैसेज आमतौर पर उन लोगों को भेजे जाते हैं जिन्होंने इन्हें प्राप्त करने की सहमति दी हो (Opt-in)। इन मैसेजेस को अक्सर DND (Do Not Disturb) पर रजिस्टर किए गए नंबर्स पर नहीं भेजा जा सकता।

2. -T (Transactional – ट्रांजैक्शनल मैसेज)

  • मतलब: यह कोड उन मैसेजेस के लिए होता है जो किसी ट्रांजैक्शन (लेन-देन) से संबंधित होते हैं।
  • उदाहरण: बैंक से आया OTP (वन टाइम पासवर्ड), कोई अलर्ट जैसे डेबिट/क्रेडिट की जानकारी, ऑनलाइन बुकिंग का कन्फर्मेशन (ट्रेन, फ्लाइट, मूवी टिकट), या किसी सर्विस का एक्टिवेशन मैसेज।
  • खास बात: ये मैसेज DND पर रजिस्टर्ड नंबर्स पर भी डिलीवर होते हैं, क्योंकि ये किसी महत्वपूर्ण लेन-देन या सर्विस से जुड़े होते हैं जिसके लिए यूजर ने रिक्वेस्ट की होती है। ये आमतौर पर समय-संवेदनशील होते हैं।

3. -S (Service – सर्विस मैसेज)

  • मतलब: यह कोड उन मैसेजेस के लिए इस्तेमाल होता है जो किसी सर्विस या महत्वपूर्ण सूचना से जुड़े होते हैं, लेकिन सीधे ट्रांजैक्शनल नहीं होते।
  • उदाहरण: अकाउंट अपडेट, सर्विस मेंटेनेंस की सूचना, पासवर्ड रीसेट लिंक, कोई तकनीकी अपडेट, या किसी शिकायत पर मिला जवाब।
  • खास बात: ट्रांजैक्शनल मैसेजेस की तरह, ये भी DND पर डिलीवर होते हैं
    क्योंकि ये सर्विस से जुड़े होते हैं और यूजर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

4. -G (Government – सरकारी मैसेज)

  • मतलब: यह कोड उन मैसेजेस के लिए होता है जो सरकारी विभागों या एजेंसियों द्वारा भेजे जाते हैं।
  • उदाहरण: सरकारी योजनाओं की जानकारी, सार्वजनिक सुरक्षा अलर्ट, इलेक्शन से संबंधित सूचनाएं,
    आपदा प्रबंधन के मैसेज, या किसी सरकारी सेवा से जुड़े अपडेट।
  • खास बात: इन मैसेजेस की डिलीवरी प्राथमिकता (priority) बहुत अधिक होती है और ये सभी नंबर्स पर डिलीवर होते हैं, चाहे DND एक्टिव हो या नहीं।

क्यों होते हैं ये कोड्स ज़रूरी?

ये कोड्स मैसेजिंग इकोसिस्टम को सुचारु रूप से चलाने में मदद करते हैं।

ये सुनिश्चित करते हैं कि सही प्रकार का मैसेज सही प्राथमिकता के साथ सही प्राप्तकर्ता तक पहुंचे।

रेगुलेटरी अथॉरिटीज (जैसे TRAI) भी इन कोड्स का उपयोग मैसेजेस को वर्गीकृत करने

और स्पैम को नियंत्रित करने के लिए करती हैं।

अगली बार जब आपके फोन पर कोई SMS आए और उसके आखिर में ऐसा कोई कोड दिखे,

तो आप समझ जाएंगे कि वह मैसेज किस प्रकार का है और उसका क्या उद्देश्य है!


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