स्वदेशी शिल्प महोत्सव 2025: गास मेमोरियल मैदान में उमड़ा शिल्प और संस्कृति का संगम

रायपुर शहरवासियों के लिए एक शानदार सौगात
आकाशवाणी चौक स्थित गास मेमोरियल मैदान इन दिनों जीवंत रंगों और अद्भुत शिल्पकारी से सराबोर है। यहां सजे स्वदेशी खादी महोत्सव में भारत के कोने-कोने से आए कुशल शिल्पकारों और बुनकरों ने अपनी कला का अनुपम प्रदर्शन किया है। उनके हाथों से तराशी गई वस्तुओं का अनमोल खजाना शहरवासियों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है।

इस हथकरघा महोत्सव में आपको ₹10 की छोटी सी वस्तु से लेकर ₹30,000 तक की उत्कृष्ट कृतियों का विस्मयकारी संग्रह देखने को मिलेगा।

मेरठ की प्रसिद्ध खादी कुर्ते-शर्ट की बात हो, या लखनऊ के नज़ाकत भरे चिकनकारी वस्त्रों की, बनारस की रेशमी और सूती साड़ियों की मनमोहक छटा हो, या कश्मीर के गर्मजोश सूटों की; हर प्रदेश की कला और संस्कृति यहां साकार रूप लेती दिखती है।

इतना ही नहीं, जयपुर के रंगीन सूट, गुजरात के आकर्षक टॉप, खादी के आरामदायक गमछे और तौलिये, जयपुर के सुगंधित मुखवास, सहारनपुर के कलात्मक फर्नीचर, सीतापुर की टिकाऊ दरियां, त्रिचुर के अनूठे आइटम, भागलपुर के बेहतरीन सूती ड्रेस मटेरियल, जयपुर की चमकती लाख की चूड़ियां, मनमोहक इमिटेशन ज्वेलरी, भदोही के शानदार कारपेट, खुर्जा की सुंदर क्रोकरी और चेन्नापटनम के प्यारे लकड़ी के खिलौने – यह सूची अंतहीन है।

हजारों प्रकार की विविधताएं गास मेमोरियल मैदान में ग्राहकों का कर रही इंतजार
भीषण गर्मी को देखते हुए, इस महोत्सव में सूती वस्त्रों का एक विशाल भंडार उपलब्ध कराया गया है। कॉटन की साड़ियां, आरामदायक कॉटन शर्ट, सुंदर कॉटन कुर्तियां, मुलायम कॉटन के गमछे, और विभिन्न प्रकार के कुर्ते-शर्ट किफायती दामों पर शहरवासियों के लिए प्रस्तुत किए गए हैं।
सबसे खास बात यह है कि इस प्रदर्शनी में हथकरघा उत्पादों पर 10% और हस्तशिल्प की वस्तुओं पर 20% तक की विशेष छूट भी दी जा रही है। तो फिर देर किस बात की?
सुबह 10:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक आप इस अद्भुत मेले का आनंद ले सकते हैं। प्रवेश और पार्किंग बिल्कुल मुफ्त है! आइए, इस स्वदेशी कला और संस्कृति के संगम का हिस्सा बनें।