जूनियर डॉक्टरों की दूसरे दिन भी जारी रही हड़ताल, सरकार से अब तक नहीं हुई पहल
रायपुर छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच दिल दहला देने वाली तस्वीरें इन दिनों राज्य के अस्पतालों से वायरल हो रही है। इन सब के बाद प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा के जूनियर डॉक्टर पिछले दो दिन से हड़ताल पर हैं। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मेकाहारा में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। यहां की मर्चूरी की हालत किसी से छुपी नहीं है, लेकिल मर्चूरी से भी ज्यादा दयनीय स्थिति में डॉक्टरों द्वारा मरीजों का उपचार के बाद फेंका गया पीपीई किट जानलेवा साबित हो सकता है।
इस्तेमाल किए गए पीपीई किट के समय पर डिस्पोज नहीं होने से मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों पर संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर मेडिकल कॉलेज पीजी डॉक्टर एशोसिएशन इन दिनों हड़ताल पर है। मेडिकल कॉलेज पीजी डॉक्टर एशोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. इंद्रेश यादव ने बताया कि अस्पताल में उपचार कर रहे डॉक्टर्स को घटिया गुणवत्ता के मास्क और पीपीई किट दी जा रही है, जिससे उपचार के दौरान ही जूनियर डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो रहे हैं।
इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार करने के बाद क्वारंटीन अवधि में जो जूनियर डॉक्टर आइसोलेशन में रहते हैं, इस अवधि पर प्रबंधन अवैतनिक अवकाश दे रहा है।
डॉ. इंद्रेश यादव ने बताया कि अब तक 9 सूत्रीय मांगों के समाधान को लेकर कोई पहल नहीं हुई है। हालांकि एसोशिएशन की बैठक गुरूवार को डीन के होना प्रस्तावित है।
बैठक के बाद ही हड़ताल की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी, लेकिन अब तक एशोसिएशन की तरफ से बगैर मांगों के पूरा हुए हड़ताल समाप्ति पर कोई विचार नहीं किया गया है।
एशोसिएशन मरीजों का पूरा ध्यान रख रहा है, इसलिए आपात कालीन परिस्थिति में आने वाले मरीजों के लिए जूनियर डॉक्टर्स अपने ड्यूटी अनुसार उपचार के लिए उपस्थित हैं, लेकिन ओपीडी व ओटी के डॉक्टर हउ़ताल पर हैं।
उल्लेखनीय है कि मेकाहारा के मर्चूरी की तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, लेकिन इससे भी बुरा होले मेकाहारा में इस्तेमाल किए पीपीई किट के इकट्ठा होने से हो गया है। पीपीई किट के डिस्पोज नहीं होने से संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है।