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ग्रह निर्माण का प्रत्यक्ष साक्ष्य, मिलिए 50 लाख वर्ष पुराने WISPIT 2b नवग्रह से

WISPIT 2b: First Direct Evidence of Planet Formation in a Disk Gap

खगोल विज्ञान (Astronomy) की दुनिया में एक ऐतिहासिक खोज सामने आई है। वैज्ञानिकों ने पहली बार किसी नवग्रह को उसकी जन्मस्थली में बनते हुए देखा है। यह खोज हमारे सौरमंडल के निर्माण जैसे रहस्यों को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नवग्रह का नाम WISPIT 2b है। यह एक विशाल गैस ग्रह है जो एक प्रोटोप्लैनेटरी डिस्क (Protoplanetary Disk) की खाई में बनता हुआ पाया गया है। WISPIT 2b का यह प्रत्यक्ष प्रमाण ग्रह निर्माण की प्रक्रिया को सिद्ध करता है।


WISPIT 2b क्या है? एक नवगठित गैस दानव

WISPIT 2b ग्रह निर्माण की प्रक्रिया को उजागर करने वाला एक सक्रिय उदाहरण है।

  • नाम: WISPIT 2b
  • प्रकार और आकार: यह एक विशाल गैस दानव (Gas Giant) ग्रह है। यह बृहस्पति (Jupiter) से लगभग 5 गुना अधिक बड़ा है।
  • आयु: इस ग्रह की आयु मात्र 50 लाख वर्ष है। यह पृथ्वी की तुलना में लगभग 1,000 गुना छोटा है।
  • तारा और दूरी: यह ग्रह अपने युवा तारे WISPIT 2 की परिक्रमा कर रहा है। यह पृथ्वी से लगभग 437 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है।
  • सक्रिय निर्माण: यह ग्रह अपने तारे की डिस्क में मौजूद एक खाई के भीतर है। यह लगातार गैस और धूल को सक्रिय रूप से एकत्र कर रहा है। यह प्रक्रिया ही इसके निर्माण की स्पष्ट निशानी है।

प्रोटोप्लैनेटरी डिस्क: ग्रहों की जन्मस्थली

प्रोटोप्लैनेटरी डिस्क वे स्थान हैं जहाँ ग्रहों का जन्म होता है।

  • डिस्क का स्वरूप: ये नवजात तारों के चारों ओर मौजूद गैसीय और धूलभरे छल्ले होते हैं। ये डिस्क ही वह मूल पदार्थ हैं जिनसे ग्रहों का निर्माण होता है।
  • खाइयाँ (Gaps): इन डिस्क में दिखाई देने वाली ‘खाइयाँ’ लंबे समय से वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बनी हुई थीं।
  • नई पुष्टि: अब तक यह माना जाता था कि इन खाइयों का निर्माण बनते हुए ग्रहों द्वारा किया जाता है। WISPIT 2b की छवि इस पुरानी परिकल्पना को सिद्ध करती है।

WISPIT 2b की खोज कैसे हुई?

इस महत्वपूर्ण खोज के लिए वैज्ञानिकों ने अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया।

  • वेरी लार्ज टेलीस्कोप (VLT): चिली में स्थित VLT से पहले WISPIT 2 सिस्टम की पहचान हुई।
  • मैगेलन क्ले टेलीस्कोप: इसके बाद MagAO-X यंत्र द्वारा इस ग्रह की प्रत्यक्ष छवि ली गई।
  • Hydrogen-alpha प्रकाश: यह छवि Hydrogen-alpha प्रकाश में ली गई थी।
  • यह प्रकाश तब उत्सर्जित होता है जब हाइड्रोजन गैस किसी ग्रह पर गिरती है।
  • यह प्रकाश ही सक्रिय ग्रह निर्माण का स्पष्ट संकेत है।
  • अतिरिक्त जानकारी: लार्ज बायनॉक्युलर टेलीस्कोप से अवरक्त चित्रण द्वारा भी अतिरिक्त जानकारी मिली।
  • अन्य ग्रह: इस प्रणाली में एक और संभावित ग्रह की मौजूदगी भी देखी गई है।
  • इससे यह संकेत मिलता है कि WISPIT 2 में बहुग्रही प्रणाली विकसित हो रही है।

खोज के पीछे कौन?

  • यह ऐतिहासिक खोज University of Arizona के खगोलशास्त्री लेयर्ड क्लोज़ के नेतृत्व में हुई है।
  • इसमें Leiden Observatory की छात्रा रिचेल वान कैपलेवीन भी शामिल थीं।
  • यह शोध 26 अगस्त 2025 को Astrophysical Journal Letters में प्रकाशित हुआ।

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