नई दिल्ली विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘क्वाड’ या चतुभुर्जीय गठबंधन के अंतर्गत भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का आना बदलते समय के अनुसार कदम है तथा यह बहुध्रुवीय विश्व के उभरते परिदृश्य का प्रतिबिंब है।
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जयशंकर ने कहा कि शक्ति के भूराजनीतिक संतुलन में प्रत्येक प्रतिबिंब और आयाम अपनी खुद की सोच और रणनीति उत्पन्न करते हैं तथा भारत पूरे दृष्टिकोण में अपनी अनुरूपता कायम रखते हुए विभिन्न स्थितियों में विभिन्न प्रकार से स्वयं को अभिव्यक्त करेगा।
पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन सम्मेलन में ‘क्वाड’ से संबंधित सवालों के जवाब में जयशंकर ने कहा, यह समय के अनुरूप उठाया गया कदम है और हमारे सामने एक अधिक बहुध्रुवीय दुनिया तथा एक अधिक बिखरा हुआ विश्व होगा, देशों के ये विशेष संगठन हैं जो मिलकर काम करेंगे।
शीतयुद्ध की अवधि और पश्चिमी प्रभुत्व के दौर सहित पिछले कुछ दशकों में वैश्विक शक्ति समीकरण में बदलते आयामों के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि चीन का उभार एक बड़ा भूराजनीतिक घटनाक्रम है। विदेश मंत्री ने कहा, विश्व एक अधिक बहुध्रुवीय दुनिया की ओर बढ़ रहा है।
इसका अर्थ है कि कई और देश हैं जो परिणामों को प्रभावित करने और आकार देने की क्षमता रखते हैं तथा इसका एक उदाहरण यह है कि अमेरिका की स्थिति एवं शक्ति में अपेक्षाकृत बदलाव होते रहे हैं।
चीन का उभार हमारे जीवनकाल का एक बड़ा भूराजनीतिक घटनाक्रम है। उन्होंने कहा कि बहुध्रुवीय विश्व अपना खुद का तर्क गढ़ेगा। जयशंकर ने कहा, अंतर्निहित विचार एक दृढ़ भारत है।
स्वतंत्र भारत स्वयं को बहुत ही अलग तरीके से अभिव्यक्त करेगा और क्वाड जैसे उदाहरण में आज यह दिखता है। क्वाड एकमात्र उदाहरण नहीं है जहां चार देशों ने इसे साझा हितों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उपयोगी पाया है।