Chhattisgarh news : पढ़ना-लिखना अभियान क्रियान्वयन के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण
छत्तीसगढ़ में पढ़ना-लिखना अभियान के क्रियान्वयन की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई है। पढ़ना-लिखना कार्य के क्रियान्वयन के लिए कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए जिलों के स्रोत व्यक्ति और चिन्हांकित नगरीय निकाय, विकासखण्डों के कुशल प्रशिक्षकों का एक दिवसीय ऑनलाइन उन्मुखीकरण ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में किया गया।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम के प्रथम सत्र का आरम्भ छत्तीसगढ़ की राज्यगीत से किया गया। तत्पश्चात् स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा निर्मित “शिक्षा का सूरज” गीत का प्रदर्शन किया गया।
पढ़ना-लिखना अभियान का परिचय, क्रियान्वयन, विशेषताएं और राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण से लेकर विकासखण्ड, नगरीय साक्षरता मिशन समिति तक की प्रशासनिक संरचना, अकादमिक संरचना के विषय में पढ़ना-लिखना अभियान के नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पाण्डेय द्वारा पीपीटी के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
शिक्षा सलाहकार श्री सत्यराज अय्यर ने बताया कि साक्षरता केन्द्र में प्लिकरर्स, यू ट्यूब, फ्लैश कार्ड, फोटो इत्यादि से डिजिटल माध्यमों का उपयोग कैसे करें। सहायक संचालक समग्र शिक्षा डॉ. एम. सुधीश ने प्रौढ़ मनोविज्ञान का उपयोग कर नवाचारी गतिविधियों का उपयोग करते हुए साक्षरता केन्द्र से जोड़े जाने के संबंध में विचार व्यक्त किए। डॉ. मनीषा वत्स द्वारा चर्चा करते हुए असाक्षरों को साक्षरता केन्द्र तक लाने के लिए स्रोत व्यक्ति और कुशल प्रशिक्षकों की क्या और किस तरह से भूमिका हो इस संबंध में जानकारी दी।
सहायक संचालक राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण श्री दिनेश कुमार टांक द्वारा उन्मुखीकरण कार्यक्रम के द्वितीय सत्र पढ़ना-लिखना अभियान के जमीनी स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन के लिए मशाल रैली, नुक्कड़ नाटक, प्रभात फेरी इत्यादि द्वारा वातावरण निर्माण संबंधी प्रस्तुतिकरण किया गया। सुनील रॉय द्वारा स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन संबंधी विभिन्न विभागों के कार्यकर्ताओं से समन्वय के विषय में प्रस्तुति दी गई।
निधि अग्रवाल ने पीपीटी के माध्यम से कार्यक्रम अंतर्गत स्वयंसेवी भावना से कार्य करने वाले स्थानीय शिक्षक, सेवानिवृत्त व्यक्ति, विद्यार्थी इत्यादि की साक्षरता केन्द्रों में असाक्षरों को पठन-पाठन कराने वाले स्वयंसेवी शिक्षकों की भूमिका का प्रस्तुतिकरण किया गया।
अंतिम सत्र में सहायक संचालक द्वय द्वारा पढ़ना लिखना अभियान के क्रियान्वयन संबंधी रणनीति जैसे गठन, चिन्हांकन, कक्षा संचालन, मूल्यांकन, पुरस्कार और प्रश्नोत्तरी सत्र में प्रशिक्षार्थियों की शंका का समाधान किया।