राजनांदगांव कलेक्टर के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी व नोडल अधिकारी तनुजा सलाम के मार्गदर्शन में कार्ययोजना बनाकर 5 से 14 अक्टूबर तक कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान चलाया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि अभियान के अंतर्गत 3 लाख 35 हजार 630 घरों में सर्वे किया गया, जिसमें 11 हजार 389 कोरोना के लक्षणात्मक व्यक्तियों की पहचान कर सैम्पल लिया गया। कोरोना संक्रमण के लक्षणात्मक व्यक्तियों के पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें आवश्यकतानुसार होम आइसोलेशन, हॉस्पिटल एडमिशन या कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया गया है।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान मैदानी स्तर के कार्यकर्ता, एएनएम, मितानीन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आरएचओ, पंचायत विभाग के कर्मचारी, सुपरवाईजर, नगर निगम के कर्मचारी की टीम द्वारा घर-घर सर्वे किया गया। सर्वे में कोरोना लक्षण वाले 11 हजार 389 व्यक्तियों को चिन्हांकित किया गया। जिसमें 1406 व्यक्ति उच्च जोखिम की श्रेणी में थे। जिन्हें कोई अन्य बीमारी थी एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे। लक्षण सहित एवं उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों का प्राथमिकता क्रम में सैम्पल लिया गया। जिसमें 839 व्यक्ति एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव पाए गये।
ऐसे लक्षण वाले व्यक्ति जिनका एंटीजन टेस्ट नेगेटिव था, उनमें से 3861 लोगों का आरटीपीसीआर ट्रूनाट सैम्पल लिया गया।
डॉ. चौधरी ने बताया कि मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. प्रियंका शुक्ला ने भी अभियान के दौरान सर्वें कार्यों का निरीक्षण कर आवश्यक सुझाव दिए। साथ ही प्रति सप्ताह बुधवार एवं गुरूवार को सर्वे अभियान लगातार जारी रहेगा। जिससे कोरोना श्रृंखला को तोड़ी जा सकेगी।
उन्होंने जिले के नागरिकों से सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, स्वाद व सूंघने की क्षमता में कमी आदि लक्षण आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में 24 घंटे के भीतर जांच कराने की अपील की है। जिससे कोरोना से स्वयं का बचाव एवं परिवार तथा साथियों का बचाव संभव है। वर्तमान समय में मास्क ही वैक्सीन है।
जब भी घर से निकले तो मास्क पहनकर ही निकलें। कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के लिए नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक, डिप्टी कलेक्टर लवकेश धु्रव, सहायक नोडल अधिकारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक गिरीश कुर्रे, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक अनामिका विश्वास, जिला डाटा प्रबंधक अखिलेश चोपड़ा, मितानीन, समन्वय आदि को विशेष जिम्मेदारी दी गई थी।