उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद अभी तक नहीं हो रही संविदा डॉक्टरों की स्थायी नियुक्ति
रायपुर । संविदा डॉक्टरों को स्थायी रुप से नियुक्ति दिए जाने 2019 के राजपत्र में शासन ने शासकीय मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत संविदा चिकित्सा शिक्षकों को स्थायी किए जाने का उल्लेख किया था। उल्लेख के बावजूद तथा उच्च न्यायालय द्वारा इस वर्ष जनवरी में दिए गए आदेश के बावजूद इन संविदा डॉक्टरोंं को अभी तक स्थायी नियुक्ति दिए जाने के संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने किसी भी प्रकार का कोई आदेश नहीं जारी किया है।
इसके चलते संविदा में नियुक्त डॉक्टर लगातार नौकरी छोड़कर दूसरे शहरों के अस्पतालों में चले गए हैं।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आदर्श भर्ती नियम 2019 का राजपत्र में प्रकाशन किया था। राजपत्र में प्रकाशित नियमों में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यरत संविदा चिकित्सा शिक्षकों का संविलयन किया जाए।
राज्य के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में लगभग 70 प्रतिशत डॉक्टर संविदा नियुक्ति में है और अस्पताल व कॉलेज के संचालन में अपनी सेवाएं विगत 10-14 वर्षों से दे रहे है। लेकिन इसके बावजूद उन्हें अभी तक नियमित नहीं किया गया है
इस संदर्भ में मेडिकल कॉलेज में संविदा चिकित्सा शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी
जिस पर माननीय न्यायालय ने जनवरी 2021 में अहम फैसला देते हुए राज्य शासन के सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिए थे कि चार माह के भीतर मई 2021 तक इन संविदा चिकित्सा शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से नियमित स्थायी नियुक्ति दी जाए।
राज्य में संचालित होने वाले शासकीय मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में 19, रायगढ़ में 30, बिलासपुर में 19, अंबिकापुर में 28, राजनांदगांव से 11, इस प्रकार कुल 107 डॉक्टरों ने संयुक्त रुप से माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने विभिन्न शासकीय चिकित्सा व दमा चिकित्सा महाविद्यालयों में संविदा सेवा के अंतर्गत कार्यरत चिकित्सकों को नियमित करने के आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन को दिए थे। यह भी बताना यहां पर लाजमी होगा कि अकेले रायपुर दंत चिकित्सालय में ही 135 डॉक्टर संविदा नियुक्ति पर कार्यरत हैं।