EPFO का क्रांतिकारी कदम: अब चेहरा बनेगा आपकी पहचान, घर बैठे पाएं UAN और डिजिटल सेवाएं

सुरक्षित भविष्य, डिजिटल शक्ति: ईपीएफओ ने कर्मचारियों के लिए खोला सुविधा का नया द्वार
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों सदस्यों के जीवन को और भी आसान बनाने की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। अब कर्मचारियों को अपने यूनिवर्सल प्रोविडेंट फंड अकाउंट नंबर UAN (यूएएन) से जुड़ी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए लंबी कतारों या जटिल प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना होगा।
आठ अप्रैल 2025 को केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस क्रांतिकारी बदलाव की घोषणा करते हुए बताया कि अब कर्मचारी केवल अपना चेहरा दिखाकर ही अपना यूएएन जेनरेट कर सकेंगे और विभिन्न डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे। यह पहल न केवल सेवाओं को अधिक सुलभ बनाएगी बल्कि सुरक्षा और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगी।
बिहार में ईएसआईसी का दायरा बढ़ा: अब और अधिक कर्मचारी सुरक्षित
इसी उत्साहजनक खबर के साथ, श्रम मंत्री ने बिहार के छह और जिलों में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की योजनाओं का पूर्ण कार्यान्वयन भी घोषित किया।
इस विस्तार के परिणामस्वरूप, लगभग 24,000 अतिरिक्त बीमित व्यक्ति ईएसआईसी की सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ जाएंगे।
बिहार जैसे राज्य में, जहां एक बड़ी आबादी असंगठित क्षेत्र में काम करती है, यह कदम सामाजिक सुरक्षा जाल को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अब राज्य के 38 में से 33 जिले पूरी तरह से ईएसआईसी द्वारा कवर किए जाएंगे, जो श्रमिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उमंग ऐप बनेगा आपका साथी: चेहरा दिखाओ, काम करवाओ
ईपीएफओ की इस नई डिजिटल क्रांति का केंद्रबिंदु है उमंग मोबाइल ऐप।
इस ऐप के माध्यम से, कर्मचारी अब आधार आधारित चेहरा सत्यापन तकनीक (Face Authentication Technology – FAT) का उपयोग करके सीधे अपना यूएएन जेनरेट कर सकते हैं।
यह प्रक्रिया न केवल तेज है बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित भी है।
नियोक्ता भी अब नए कर्मचारियों के लिए यूएएन बनाने हेतु इसी तकनीक का उपयोग कर सकते हैं।
यूएएन बनाने की प्रक्रिया अत्यंत सरल बनाई गई है।
कर्मचारी को केवल उमंग ऐप खोलना होगा और चेहरा पहचान प्रक्रिया का पालन करना होगा।
सफल सत्यापन के बाद, यूएएन UAN तुरंत जेनरेट हो जाएगा और कर्मचारी को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से सूचित कर दिया जाएगा।
इसके बाद, कर्मचारी उमंग ऐप या ईपीएफओ के सदस्य पोर्टल से अपना यूएएन कार्ड आसानी से डाउनलोड कर सकता है। चेहरे की पहचान का उपयोग बायोमेट्रिक और ओटीपी-आधारित सत्यापन से अधिक सुरक्षित माना जाता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।
निष्क्रिय यूएएन भी होंगे सक्रिय: लाखों कर्मचारियों को मिलेगी सुविधा
इस नई सुविधा का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जिन कर्मचारियों के पास पहले से ही यूएएन है,
लेकिन वे निष्क्रिय हैं, वे भी अब उमंग ऐप के माध्यम से आसानी से उन्हें सक्रिय कर सकते हैं।
यह उन लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है जो तकनीकी जानकारी की कमी या जटिल प्रक्रियाओं के कारण अपने यूएएन को सक्रिय नहीं कर पाए थे।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जारी किए गए 1.26 करोड़ यूएएन में से केवल 44 लाख ही सक्रिय थे, और इस नई प्रक्रिया से इस अंतर को कम करने में मदद मिलेगी।
पेंशनभोगियों के लिए भी सौगात: घर बैठे मिलेगा जीवन प्रमाण पत्र
ईपीएफओ यहीं नहीं रुक रहा है। भविष्य में, संगठन पेंशनभोगियों को उनके घर पर ही सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘माई भारत’ के स्वयंसेवकों के सहयोग से चेहरा सत्यापन तकनीक के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को बढ़ावा देगा।
यह पहल बुजुर्ग पेंशनभोगियों के लिए वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की जटिल प्रक्रिया को समाप्त कर देगी, जिससे उन्हें अनावश्यक परेशानी से मुक्ति मिलेगी।
ईपीएफओ द्वारा उठाया गया यह कदम वास्तव में एक गेम-चेंजर साबित होगा।
चेहरा पहचान जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करके यूएएन जनरेशन और अन्य सेवाओं को सुलभ बनाना न केवल डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करता है बल्कि करोड़ों कर्मचारियों के जीवन को भी सरल बनाता है।
- ईपीएफओ यूएएन चेहरा सत्यापन (EPFO UAN face authentication)
- उमंग ऐप से यूएएन कैसे बनाएं (Umang app se UAN kaise banaye)
- डिजिटल ईपीएफओ सेवाएं (Digital EPFO services)
- ईएसआईसी बिहार नए जिले (ESIC Bihar new districts)
- ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र (Online Jeevan Pramaan Patra)
- ईपीएफओ डिजिटल सेवा (EPFO Digital Seva)
- यूएएन चेहरा पहचान (UAN Face Recognition)
- उमंग ऐप (Umang App)
- ईएसआईसी (ESIC)
- डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (Digital Jeevan Pramaan Patra)