मेरे जैसे वरिष्ठ नागरिकों को 1956 में आई फिल्म भाई-भाई का यह गाना याद होगा – ‘मेरा नाम अब्दुल रहमान, पिस्तावाला मैं हूं पठान…’, और हमें लगता था कि पिस्ता बाहर से आयातित मेवा है।
लेकिन डॉ. के. टी. अचया अपनी पुस्तक इंडियन फूड में बताते हैं कि बादाम, पिस्ता, काजू, अखरोट, खुबानी और अनार जैसे मेवों के बारे में आयुर्वेदिक चिकित्सा के जनक ऋषि चरक (100 ईसा पूर्व) के समय से जानकारी थी और उन्होंने स्वास्थ्य और पोषण में इनका महत्व बताया था।
इसाबेला मेटियस मार्टिंस और साथियों ने अपने हालिया पेपर में बादाम को मेवों की रानी बताया है। बादाम को स्वास्थवर्धक खाद्य पदार्थों का प्रतीक माना जाता है क्योंकि यह प्रोटीन, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, फाइबर, विटामिन ई, रिबोफ्लेविन और आवश्यक खनिजों के साथ-साथ फायटोस्टेरॉल और पॉलीफिनॉल का एक समृद्ध स्रोत है।
बढ़ते चिकित्सीय प्रमाणों से पता चलता है कि बादाम का सेवन कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा है। अन्य स्वास्थ्यवर्धक मेवे हैं – काजू, किशमिश, अखरोट, खजूर, खुबानी और पिस्ता। जैसा कि चरक बताते हैं मेवों के अलावा केले, अंगूर, अमरूद, संतरे, आम जैसे फल भी स्वास्थ्यवर्धक हैं।
कार्यात्मक आहार
ऐसे स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों को कार्यात्मक (फंक्शनल) खाद्य पदार्थ भी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने पोषण मूल्य से परे स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। फलों के अलावा कुछ अन्य उदाहरण हैं जई और मोटे अनाज; जैसे बाजरा, रागी, ज्वार और सोया प्रोटीन।
हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) समय-समय पर भारतीय खाद्य पदार्थों के पोषण मूल्यों पर रिपोर्ट जारी करता है और बताता है कि एक स्वस्थ वयस्क को स्वस्थ बने रहने के लिए क्या-क्या खाना चाहिए। खास कर बच्चों को मेवे, फल और पोषक तत्व युक्त खाद्यान्न अधिक मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है।
कार्यात्मक खाद्य पदार्थों को मोटे तौर पर ऐसे खाद्य पदार्थों के रूप में परिभाषित किया जाता है जो सामान्य पोषण से अधिक पोषक तत्व प्रदान करते हैं; ये उपभोक्ता को अतिरिक्त शारीरिक लाभ प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अलावा हेल्थलाइन (Healthline) नामक वेबसाइट भी कई ऐसे कार्यात्मक खाद्य पदार्थों का सुझाव देती है जिन्हें दैनिक आहार में शामिल होना चाहिए।
कार्यात्मक खाद्य पदार्थों में ऐसे तत्व होते हैं जो उनके पोषण मूल्य से परे स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ में पूरक पोषण या अतिरिक्त पोषण होता है जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
यह सब देखते हुए स्वास्थ्यवर्धक दैनिक आहार के लिए क्या खाना चाहिए? सबसे अच्छा तो यह होगा कि हम अपने दैनिक आहार में सिर्फ चावल या गेहूं ही न खाएं, बल्कि मुख्य भोजन में मोटे अनाजों को भी शामिल करें। और जब हम सब्ज़ियों को पकाएं या उनका सालन बनाएं तो हल्दी, दालचीनी, अदरक और लहसुन का उपयोग करें। मक्खन और घी खाएं, लेकिन बहुत ज़्यादा नहीं। दही में कई एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। और दिन में (बहुत ज़्यादा नहीं) चंद प्याली चाय-कॉफी पीना भी उपयोगी है क्योंकि उनमें भी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
खास कर बच्चों को दिन में कई कप दूध पीना चाहिए, जबकि वयस्क तीन कप तक दूध पी सकते हैं। इसके अलावा, हमें जब-तब या कम से कम सप्ताह में एक बार मेवे और फल भी खाने चाहिए। और, यदि आप मांसाहारी हैं तो अंडे, मछली, चिकन और मटन खा सकते हैं क्योंकि ये खनिज और वसा के समृद्ध स्रोत हैं।