AllHealthSpecial Story

‘विरल’ की चिट्ठी में क्या है…

क्या आपको अपनी जिन्दगी से शिकायत है ?
क्या आप हार मान चुके हैं ?
क्या आपके पास कोई मकसद नहीं है जीने का ?
या फिर आप किसी के मदद की आस लगा कर बैठे हैं।

हम सब कभी ना कभी अपनी जिन्दगी में इन सभी सवालो का सामान जरुर करते हैं। जवाब कितने लोग दे पाते हैं ये हम खुद ही जानते हैं। पर विरल से मिलने के बाद मुझे एक बार फिर से इन सवालों का जवाब मिला।

विरल को फोन पर जानते हुए करीब महिना बीत चूका है, आज पहली बार उससे मिलना हुआ। मिलते ही उसने हँसते हुए कहा । ओह्ह्ह, तो भैया आज मेरा इंटरव्यू लेंगे। मैंने कहा, नही विरल आज गपशप करेंगे। फिर अगले एक घंटे हम सिर्फ विरल और उसकी मम्मी से बातें करते रहे।

रविंद्र छत्री के साथ विरल।

विरल एक गुजराती परिवार से सम्बन्ध रखती है। आपको याद होगा जनवरी 2001 में गुजरात में एक बहुत बड़ा भूकंप आया था , जिसमे बहुत लोगो की मौत हो गयी थी। उस भूकंप ने विरल के पिता को हमेशा के लिए छीन लिया। संयोग से उसी दिन ट्रेन से उनकी वापसी की टिकट थी । जाना कही और था पर कही और चले गए। विरल की मम्मी उस घटना के बाद वापस दुर्ग आ गयी। उन्होंने माँ और पिता दोंनो का फर्ज निभाया । बच्चो की परवरिश में कही कोई कमी ना रह जाए इसलिए माँ ने दुसरो के घरो में जा कर खाना बनाने का काम शुरू किया और दोनों बच्चो की पढ़ाई से ले कर हर जरूरतें पूरी की………… पर जिंदगी इतनी आसान कहाँ होती है।

2018 में कॉलेज की पढाई के दौरान विरल को सर में भारीपन सा महसूस होता था , धीरे धीरे आँखों से उसे धुंधला और हर चीज डबल नजर आने लगी थी । डॉक्टरों ने चेकप के बाद विरल को इलाज के लिए नागपुर हायर सेंटर रेफर किया। वहां जा कर पता चला की विरल अब ब्रेन टूयमर की गिरफ्त में आ चुकी है और उसे जल्द ही एक मेजर सर्जरी की जरूरत है। माँ ने जैसे तैसे अपनी बचत और समाज के सहयोग से विरल का ऑपरेशन कराया। इसमें करीब करीब 3 लाख रूपये लग गए। इस ऑपरेशन की वजह से विरल थोड़ी कमजोर हो गयी थी । वह अपने व् भाई के पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए घर घर जा कर मेहंदी लगाने का काम करती थी , पर ऑपरेशन के बाद यह सब भी बंद हो गया।

कुछ दिनों पहले विरल ने हॉस्पिटल जा कर फिर से अपना चेकप कराया तो उसे पता चला ऑपरेशन वाली जगह पर फिर से ट्यूमर बनना चालु हो गया है। जिसके लिए इसे दुबारा ऑपरेशन की जरुरत पड़ सकती है । फिलहाल एम्स रायपुर में विरल की थैरेपी चल रही है , कुछ वक़्त के बाद डॉक्टर तय करेंगे की आगे क्या करना है। इस घंटे भर की बात में एक बार भी विरल या उसकी मम्मी की आँखों में आसूं नहीं आये। इतनी दिक्कतों के बाद भी वो नही टूटे ये उनके बात करने के तरीके से मालुम हो रहा था .. विरल का एक छोटा भाई है जो एक दूकान पर बहुत ही कम तनख्वाह में अकाउंटेंट का काम करता है , उसे भी हार्ट में कुछ दिक्कत है, आगे चल कर उसे भी बेहतर इलाज की जरुरत पड़ सकती है। घर में इतनी सारी मुसीबतें होने के बाद भी उनका विश्वास बना हुआ है, की एक ना एक दिन सब ठीक हो जाएग।

विरल ने मुझे एक चिट्ठी लिखी है। जिसकी आखिरी लाइन में वह लिखती है की उसे डिप्टी कलेक्टर बनना है। भैया देखना मैं ठीक होने के बाद अच्छे से तैयारी करुँगी और जरूर से डिप्टी कलेक्टर बनूँगी। फिर सब कुछ ठीक करना है मुझे। इतनी परेशानी किसी को होने नहीं दूंगी मैं । हम लोग जानते हैं ना भैया की जब कोई साथ नहीं देता तो जिंदगी कितनी मुश्किल हो जाती है। ठीक होने के बाद मैं फिर से अपने मेहंदी वाले काम को आगे बढ़ाउंगी।
और मुझे भी पूरा यकीन है की विरल अपनी कही हर बात को जरुर पूरा करेगी।

तो दोस्तों , क्या आप विरल से मेहंदी लगवाना पसंद करेंगे ?
यह मेहंदी आपके हाथो के साथ-साथ उसके सपनो में रंग भर देगी ………
क्या हम सब विरल को ……. डिप्टी कलेक्टर विरल बनने तक के सफर में हर कदम साथ देंगे ..?
आपकी यह कोशिश हमारे समाज को विरल के रूप में एक बेहतर भविष्य देगी।

रविंद्र सिंह क्षत्री
सुमित फॉउंडेशन “जीवनदीप”
मो. 7804050607 (टीम )

Related Articles

Back to top button
Miss Universe 2023 Beauty Pageant