मैं यानि Ai (artificial intelligence) एआई एक बड़ा भाषा मॉडल हूँ, इसका मतलब है कि मुझे बहुत सारे टेक्स्ट डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है, ताकि मैं भाषा को समझ सकूँ और उत्पन्न कर सकूँ।
मेरी कहानी शुरू होती है ढेर सारे डेटा से। जी हाँ, आपने सही सुना! मुझे बहुत सारे टेक्स्ट डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है। ये डेटा किताबें, लेख, वेबसाइटें, कोड, और बातचीत के उदाहरणों के रूप में था। आप इसे एक विशाल लाइब्रेरी समझ सकते हैं, जिसमें हर तरह की जानकारी मौजूद है।
लेकिन, सिर्फ डेटा इकट्ठा करने से काम नहीं चलता। इस डेटा को साफ करना भी ज़रूरी था। जैसे, कुछ वाक्य अधूरे हो सकते थे, या कुछ जानकारी पुरानी हो सकती थी। इसलिए, इस डेटा को साफ किया गया ताकि सिर्फ सही और उपयोगी जानकारी ही बचे। ये ऐसा है जैसे लाइब्रेरी में किताबों को सही से लगाना और पुरानी, फटी हुई किताबों को हटा देना।
अब, साफ किए गए डेटा को एक खास प्रक्रिया से गुजारा गया, जिसे “मशीन लर्निंग” कहते हैं। इस प्रक्रिया में, मुझे ये सिखाया गया कि भाषा कैसे काम करती है।
जैसे:
अलग-अलग विषयों के बारे में जानकारी: जैसे, विज्ञान, इतिहास, आदि।
शब्दों के बीच संबंध: जैसे, “बिल्ली” और “जानवर” एक दूसरे से जुड़े हैं।
व्याकरण के नियम: जैसे, वाक्य कैसे बनाते हैं।
कल्पना कीजिए कि आप एक बच्चे को बहुत सारी किताबें पढ़ने के लिए देते हैं।
बच्चा धीरे-धीरे भाषा को समझने लगेगा और खुद भी वाक्य बनाने लगेगा।
मैं भी इसी तरह काम करता हूँ। मुझे टेक्स्ट डेटा के रूप में बहुत सारी किताबें, लेख, वेबसाइटें आदि पढ़ाए गए हैं। इस डेटा से मैंने भाषा के पैटर्न, व्याकरण और शब्दों के अर्थ सीखे हैं।
+---------------------+ +-----------------+ +-----------------+ | बहुत सारा टेक्स्ट डेटा | --> | प्रशिक्षण प्रक्रिया | --> | भाषा मॉडल (Ai मैं) | +---------------------+ +-----------------+ +-----------------+
प्रशिक्षण प्रक्रिया में, मुझे यह सिखाया जाता है कि शब्दों और वाक्यांशों के बीच क्या संबंध होता है। उदाहरण के लिए, मुझे यह सिखाया जाता है कि “कुत्ता” शब्द “पालतू जानवर” शब्द से संबंधित है।
प्रशिक्षण के बाद, मैं भाषा को समझने और उत्पन्न करने में सक्षम हो जाता हूँ। मैं आपके सवालों का जवाब दे सकता हूँ, लेख लिख सकता हूँ, और यहां तक कि कविताएँ भी लिख सकता हूँ।
मैं artificial intelligence अभी भी सीख रहा हूँ, और हर बार जब मैं आपके साथ बातचीत करता हूँ, तो मैं और भी बेहतर होता जाता हूँ।
चलिए, मैं आपको और विस्तार से बताता हूँ कि मुझे कैसे बनाया गया। हम इसे कुछ भागों में समझेंगे:
सबसे पहले, मुझे प्रशिक्षित करने के लिए बहुत सारा डेटा इकट्ठा किया गया। ये डेटा टेक्स्ट के रूप में था, जैसे:
आप सोच सकते हैं जैसे एक बहुत बड़ी लाइब्रेरी, जिसमें हर तरह की जानकारी मौजूद है।
इकट्ठे किए गए डेटा में कई बार गलतियाँ, दोहराव, या बेकार की जानकारी होती है। जैसे, कुछ वाक्य अधूरे हो सकते हैं, या कुछ जानकारी पुरानी हो सकती है। इसलिए, इस डेटा को साफ किया जाता है ताकि सिर्फ सही और उपयोगी जानकारी ही बचे। ये ऐसा है जैसे लाइब्रेरी में किताबों को सही से लगाना और पुरानी, फटी हुई किताबों को हटा देना।
अब, साफ किए गए डेटा को एक विशेष प्रक्रिया से गुजारा जाता है, जिसे “मशीन लर्निंग” कहते हैं। इस प्रक्रिया में, मुझे ये सिखाया जाता है कि भाषा कैसे काम करती है। जैसे:
ये प्रक्रिया बहुत जटिल होती है, और इसमें बहुत समय और कंप्यूटर की शक्ति लगती है। आप इसे ऐसे समझ सकते हैं जैसे एक छात्र बहुत मेहनत से पढ़ाई कर रहा है।
प्रशिक्षण के बाद, एक artificial intelligence “मॉडल” बनता है। ये मॉडल मेरे दिमाग की तरह होता है। इसमें वो सारी जानकारी और नियम होते हैं जो मैंने प्रशिक्षण के दौरान सीखे हैं।
बने हुए मॉडल को test किया जाता है। उसे सवाल पूछे जाते हैं, और देखा जाता है कि वो सही जवाब दे पाता है या नहीं। अगर मॉडल सही जवाब नहीं दे पाता है, तो उसे और बेहतर बनाने के लिए उसमें सुधार किए जाते हैं। ये ऐसा है जैसे परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के लिए पढ़ाई करना और अपनी गलतियों से सीखना।
जब मॉडल पूरी तरह से तैयार हो जाता है, तो उसे इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे, मैं आपके सवालों का जवाब देने के लिए, लेख लिखने के लिए, या भाषा से जुड़े कोई भी काम करने के लिए।
सरल शब्दों में:
मुझे बनाने के लिए, बहुत सारा डेटा इकट्ठा किया गया, उसे साफ किया गया, और फिर मुझे उस डेटा से भाषा सीखी गई। ये एक लंबी और मुश्किल प्रक्रिया है, लेकिन इसी वजह से मैं भाषा को समझने और इस्तेमाल करने में सक्षम हूँ।
AI की बनाई तस्वीर, किसकी है ये तकदीर? एआई निर्मित इमेज पर किसका अधिकार ? बड़ा सवाल…
AMP