Korona update : थमती दिख रही रफ्तार, 10 गुना कम हुए एक्टिव केस
नई दिल्ली भारत में कोरोना वायरस का संकट जारी है और लगातार बढ़ रहा है. कोरोना संक्रमण के दुनिया में अब तक सामने आए कुल मामलों में 18 फीसदी मामले भारत में हैं। अच्छी बात ये है कि भारत में हर दिन संक्रमण के जितने मामले आ रहे हैं, उससे करीब 25-30 फीसदी ज्यादा संक्रमित मरीज ठीक भी हो रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 50,129 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए और 578 कोरोना संक्रमितों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं बीते दिन 62,077 मरीज ठीक भी हुए हैं। देश में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 70 लाख 78 हजार के पार पहुंच गई है। एक्टिव केस भी घटकर 6 लाख 68 हजार पर आ गए हैं।
हालांकि देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 78 लाख 64 हजार पहुंच गई। इनमें से एक लाख 18 हजार 534 मरीजों की मौत हो चुकी है।
संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या की तुलना में रिकवर हुए लोगों की संख्या करीब 10 गुना ज्यादा है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में कोरोना वायरस के एक्टिव केस, मृत्यु दर और रिकवरी रेट का प्रतिशत सबसे ज्यादा है।
राहत की बात है कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.50% हो गई। इसके अलावा एक्टिव केस जिनका इलाज चल है उनकी दर भी 9 फीसदी से कम है। इसके साथ ही रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर 90 फीसदी है। भारत में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है।
सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में एक्टिव केस
देश के आधे से ज्यादा राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 20,000 से कम एक्टिव केस हैं. केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में 50,000 से ज्यादा एक्टिव मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं।
एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। रिकवरी दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में हुई है. मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत का नंबर है।
ICMR के मुताबिक, 24 अक्टूबर तक कोरोना वायरस के कुल 10 करोड़ 25 लाख सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 11.40 लाख सैंपल की टेस्टिंग कल की गई। कोरोना वायरस का कुल पॉजिटिविटी रेट 8 फीसदी से कम है और दैनिक पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से कम है। कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का पॉजिटिविटी रेट राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।