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धड़कते दिल को लेकर पहली बार दौड़ी मेट्रो, 30 मिनट में किया डिलीवर

हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए बनाया 21 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर

हैदराबाद देश में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी मेट्रो ने ब्रेन डेड व्यक्ति के धड़कते हृदय को ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई। हैदराबाद मेट्रो रेल ने हृदय को अस्पताल तक पहुंचने के लिए विशेष तौर पर ट्रेन चलाई और कामयाबी के साथ अपने काम को अंजाम दिया।

एक ब्रेन डेड व्यक्ति के धड़कते हृदय को पहुंचाने के लिए हैदराबाद मेट्रो रेल ने स्पेशल ट्रेन चलाई जिसकी मदद से हार्ट महज आधे घंटे में एक स्थान से दूसरे स्थान पर सफलतापूर्वक पहुंचा दिया गया।

हैदराबाद मेट्रो रेल अधिकारियों ने एलबी नगर स्थित कामिनेनी अस्पताल से हृदय (हार्ट) को शहर के जुबली हिल्स स्थित अपोलो अस्पताल पहुंचाने के लिए विशेष मेट्रो कॉरिडोर बनाया।
तेलंगाना के नलगोंडा जिले के एक किसान के परिवार द्वारा उस समय अंग दान किया गया, जब कामिनेनी अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था

हृदय को प्रत्यारोपण के लिए मेट्रो के जरिए दूसरे अस्पताल तक पहुंचाने मेट्रो कॉरिडोर बनाया गया।

हृदय को तत्काल ले जाया गया और अपोलो अस्पताल में भर्ती एक अन्य मरीज को प्रत्यारोपित भी कर दिया गया।
राचकोंडा पुलिस और हैदराबाद पुलिस की मदद से जरूरी मेडिकल औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद मंगलवार को हैदराबाद मेट्रो ने एलबी नगर स्थित कामिनेनी अस्पताल से जुबली हिल्स अपोलो अस्पताल तक दोपहर बाद लाइव ऑर्गन को सफलतापूर्वक पहुंचाया।
शहर में भारी ट्रैफिक को देखते हुए मेट्रो के जरिए करीब 21 किलोमीटर की दूरी तय करने का फैसला लिया गया। अस्पताल से नागोल मेट्रो स्टेशन तक राचकोंडा पुलिस ने एक ग्रीन चैनल बनाया, इसी तरह हैदराबाद पुलिस ने जुबली हिल्स चेकपोस्ट स्टेशन से अपोलो अस्पताल तक एक ग्रीन चैनल बनाया।

मेट्रो ने महज 30 मिनट में दूरी तय की

दोनों अस्पताल के बीच सड़क के जरिए जाने से 1:30 घंटे से अधिक का वक्त लगता। यह पहली बार है कि इस तरह विशेष समर्पित ट्रेन चलाई गई जिसका मकसद किसी की जिंदगी बचाना था।

हृदय को लेने और अस्पताल तक ले जाने के लिए जुबली हिल्स चेक पोस्ट स्टेशन पर एक एम्बुलेंस तैयार रखी गई थी। विशेष ट्रेन में हृदय के साथ डॉक्टरों की एक टीम भी थी।

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