तीन दशक बाद हुआ Miracle, वियतनाम में कैमरे में कैद हुआ दुर्लभ ‘चेव्रोटेन’ जीव। A Miracle: Extinct ‘Mouse Deer’ Found Again
प्रकृति के चमत्कार कभी-कभी, विज्ञान को भी चौंका देते हैं। विश्वभर में कई ऐसे उदाहरण हैं, जहां विलुप्त माने गए जीव, अचानक दोबारा पाए गए। ऐसा ही एक रोमांचक मामला, वियतनाम के जंगलों में सामने आया। जहां लगभग 30 वर्षों से, लुप्त माने जा रहे सिल्वर-बैक चेव्रोटेन को, कैमरे में पहली बार जंगली अवस्था में देखा गया। यह एक वास्तविक Miracle है।
यह प्रकृति के इस Miracle की खबर है।
विलुप्त नहीं, जीवित था ‘दो-रंगी माउस डियर’
सिल्वर-बैक चेव्रोटेन को, ‘दो-रंगी माउस डियर’ भी कहा जाता है। यह एक अत्यंत दुर्लभ और, छोटा खुरधारी स्तनपायी है। यह खरगोश के आकार का होता है। और इसकी अनोखी रंगत, इसे पहचानने योग्य बनाती है। इसका सिर और अगली टांगें, गहरे लाल-भूरे रंग की होती हैं। शरीर का पिछला हिस्सा, सिल्वर-ग्रे रंग का होता है। और पूंछ के पास, सफेद झुर्रीदार रंग होता है।
यह विलुप्त माने गए जीव का विवरण है।
कैसे हुई यह अद्भुत पुनःखोज?
वैज्ञानिक अन गुयेन के नेतृत्व में, ग्लोबल वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन (GWC) की टीम ने, स्थानीय ग्रामीणों से जानकारी एकत्र की। उन्होंने दक्षिणी वियतनाम के, एक निचले भूमि वाले जंगल में, कैमरा ट्रैप लगाए। पाँच महीनों में 275 तस्वीरें खींची गईं। जो 72 स्वतंत्र घटनाओं का संकेत देती हैं। उत्साहित होकर टीम ने, 29 और कैमरे लगाए। जिससे लगभग 1,900 अतिरिक्त तस्वीरें, और 208 नई घटनाएं दर्ज हुईं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है, कि ये कितने अलग-अलग जानवरों की तस्वीरें हैं। पर यह पुनःखोज ‘नेचर इकोलॉजी एंड एवोल्यूशन’ पत्रिका में, प्रकाशित हुई। और इससे प्रजाति के संरक्षण का, मार्ग प्रशस्त हुआ।
यह एक वैज्ञानिक Miracle है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सिल्वर-बैक चेव्रोटेन केवल, वियतनाम के ग्रेटर अन्नामीट्स इकोरिजन में, पाया जाता है।
- यह जीव सबसे पहले 1990 के दशक में, देखा गया था। और उसके बाद से, लुप्त माना जा रहा था।
- इसकी सबसे बड़ी खतरा, शिकारियों द्वारा बिछाए गए फंदे हैं। जो कई अन्य स्थानीय प्रजातियों के लिए, भी जानलेवा हैं।
- GWC जैसी संस्थाएं, स्थानीय समुदायों के सहयोग से, ऐसे गुम हो चुके जीवों की खोज को, आगे बढ़ा रही हैं।
ये Miracle से जुड़े रोचक तथ्य हैं।
स्थानीय सहयोग और संरक्षण का महत्त्व
GWC के वैज्ञानिक एंड्रू टिलकर ने बताया, कि स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर, कार्य करना इस खोज की सफलता का, अहम कारण रहा। उन्होंने कहा, “स्थानीय पारिस्थितिकी ज्ञान का समावेश, भविष्य में अन्य विलुप्त समझे जाने वाले जीवों की खोज में, भी मददगार सिद्ध हो सकता है।” यह दर्शाता है कि स्थानीय भागीदारी, संरक्षण प्रयासों के लिए, कितनी महत्वपूर्ण है।
यह Miracle की सफलता का राज है।
निष्कर्ष: प्रकृति में आशा कभी खत्म नहीं होती
- सिल्वर-बैक चेव्रोटेन की पुनः खोज, यह दर्शाती है कि प्रकृति में, आशा कभी खत्म नहीं होती।
- यह उदाहरण न केवल, वैज्ञानिकों और संरक्षणवादियों के लिए, प्रेरणा है।
- बल्कि यह भी दर्शाता है, कि स्थानीय लोगों के सहयोग से, विलुप्तप्राय प्रजातियों को, बचाया जा सकता है।
- यह एक Miracle से कम नहीं है।
यह Miracle के महत्व को बताता है।
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