नई दिल्ली । देशभर में शनिवार का दिन खास रहा। इस तरह कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 1,65,714 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया और अच्छी बात यह है कि इसके टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है।
शनिवार शाम 6 बजे तक एक भी व्यक्ति को वैक्सीन के साइड इफेक्ट की सूचना नहीं मिली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने शनिवार शाम को प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान के दौरान पूरे देश में 3351 सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें 16,755 लोगों की भागीदारी से अभियान चलाया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र से 2182 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। पहले दिन कुछ शिकायतें भी आईं। इनमें वैक्सीन लगवाने वाले लाभार्थियों का डेटा साइट पर देरी से उपलब्ध होना शामिल था। इसके अलावा जिनका वैक्सीनेशन हुआ उनमें से कुछ का शेड्यूल नहीं था।
लेकिन शुरू के तीन करोड़ हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर का को-विन पर रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं है। आंतरिक रजिस्ट्रेशन और राज्य सरकारों की सूची के अनुरूप ही लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की मौजूदगी में शुरूआत होने के दौरान मनीष कुमार नाम के एक सफाईकर्मी को राष्ट्रीय राजधानी में पहला टीका लगाया गया।
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी टीका लगाया गया।
इसके बाद नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने भी टीका लगवाया। मनीष कुमार अपनी मां लक्ष्मी के साथ एम्स में काम करते हैं। कुमार ने कहा कि वह बिल्कुल भी घबराये हुए नहीं थे और उन्हें “गर्व है कि उन्होंने टीका लगवाया।“ हर्षवर्धन ने कहा कि दोनों टीके भारत बायोटेक के स्वदेश विकसित कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड–इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक `संजीवनी` हैं।
टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद हर्षवर्धन ने
संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ये टीके महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारी `संजीवनी` हैं। हमने पोलियो के खिलाफ लड़ाई जीती है और अब हम कोविड के खिलाफ युद्ध जीतने के निर्णायक चरण में पहुंच गए हैं। मैं इस अवसर पर अग्रिम मोर्चे के सभी कर्मियों को बधाई देता हूं।“
वहीं, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में एक सुरक्षा गार्ड को पहला टीका लगाया गया। उसे कोवैक्सीन लगाया गया। साथ ही, सफदरजंग अस्पताल में भी एक सुरक्षा गार्ड को पहला टीका लगाया गया।