National news : दुनिया का सबसे तेज जानवर अब गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में लगाएगा दौड़
भारत में चीतों की वंशवृद्धि के लिए साउथ अफ्रीका से लाए जाएंगे चीते
रायपुर दुनिया के सबसे तेज जानवर चीते को हर कोई जानता है। अब भारत में इनके वंशवृद्धि के प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल चुकी है। 73 साल पहले जिस जंगल में आखिरी चीते का शिकार कर अस्तित्व खत्म कर दिया था, उसी जंगल के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान रामगढ़-सोनहत में साउथ अफ्रीका से चीता लाकर वंश बढ़ाने की तैयारी है।
भारत में वर्ष 1952 में वन्यजीव चीता को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। वहीं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री के दस्तावेज के मुताबिक वर्ष 1947 में भारत का आखिरी चीते का रामगढ़ के जंगल में शिकार करने का उल्लेख है। स्थानीय बुजुर्गो का मानना है कि कोरिया रियासत के महाराजा ने गांव की रक्षा के लिए आदमखोर चीते का शिकार किया था।
कोरिया जिले के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान रामगढ़-सोनहत में साउथ अफ्रीका से चीता लाकर वंश बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ वन विभाग से रिपोर्ट मांगी है। साल 2012 में साउथ अफ्रीका से चीता लाने की कवायद शुरू की गई थी। उस समय देशभर के चुनिंदा राष्ट्रीय उद्यान का सर्वे कराया गया था। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से चीते लाकर रखने के लिए अनुकूल रहवास क्षेत्रों का चयन करने का प्रोजेक्ट बना था।
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) ने सर्वे किया था। इसमेंं गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का चयन किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित था। करीब 10 साल बाद सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद केंद्र सरकार ने वन विभाग छत्तीसगढ़ को पत्र लिखकर गुरु घासीदास नेशनल पार्क में प्राकृतिक रूप से चीता के रहने, खाने के इंतजाम की सर्वे रिपोर्ट मांगी थी।
चीते के लिए उपयुक्त राष्ट्रीय उद्यान को लेकर दिल्ली में बैठक हुई थी। उसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से सभी राष्ट्रीय उद्यान का ब्यौरा मांगा गया था। योजना के तहत कुल 20 चीता साउथ अफ्रीका के नामीबिया से लाने की तैयारी है। हालांकि गुरु घासीदास राष्ट्रीय में कितने चीते लाए जाएंगे। फिलहाल स्पष्ट नहीं है। ऐसी चर्चा है कि पहली खेप में सिर्फ दो या तीन चीते लाए जाएंगे।
करीब दस साल पहले सर्वे हुआ था। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित था। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रपोजल भेजा गया है। मामले में केंद्र सरकार का पत्र आया है। चीता अफ्रीका से लाया जाना है, उससे पहले डब्ल्यूआईआई और डब्ल्यूटीआई की टीम सर्वे करने आएगी। संभावना है कि साल 2021की शुरूआत में टीम सर्वे करने आ सकती है।