New Income Tax Rule on Advance Tax 2025 : अब Income Tax Rule समझना हुआ आसान: नया बिल लाया ये बड़े बदलाव।
वित्त मंत्रालय ने 12 अगस्त 2025 मंगलवार को आयकर विधेयक 2025 में नई अधिसूचना जारी की है। इस नए Income Tax Rule के मुताबिक, अगर आप तय तारीख तक, एडवांस टैक्स की पूरी रकम, जमा नहीं करते हैं, तो अब आपको 3% ब्याज देना होगा। यह नियम पुराने आयकर अधिनियम, 1961 के साथ मिलकर, बनाया गया है। इसका उद्देश्य नियमों में, पारदर्शिता लाना है, ताकि टैक्सपेयर्स को, कोई उलझन न हो।
यह Income Tax Rule एडवांस टैक्स भरने वालों के लिए, एक महत्वपूर्ण जानकारी है।
एडवांस टैक्स का नया नियम
पुराने नियमों के अनुसार, अगर आपका कुल टैक्स, ₹10,000 या उससे ज्यादा है, तो आपको साल में चार बार, एडवांस टैक्स भरना होता है। ये तारीखें 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर, और 15 मार्च हैं। यदि आप इन तारीखों तक, पूरा टैक्स नहीं भर पाते हैं, तो आपको ब्याज देना पड़ता है। अब नई अधिसूचना के अनुसार, अगर आप एक दिन भी, देर से टैक्स जमा करते हैं, तो आपको कम से कम, “3 महीने का 3% ब्याज” देना होगा।
यह नया Income Tax Rule टैक्सपेयर्स के लिए, एक बड़ी चेतावनी है।
नए विधेयक के उद्देश्य और अन्य नियम
- सोमवार को लोकसभा में पास हुआ, ‘आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025’, जल्द ही कानून बन जाएगा।
- यह 60 साल पुराने ‘आयकर अधिनियम, 1961’ की जगह लेगा।
- इसका मुख्य उद्देश्य, टैक्स नियमों को आसान और, पारदर्शी बनाना है।
इसके साथ ही, कुछ और भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
- पीएफ निकासी पर टीडीएस और, एडवांस रूलिंग फीस से जुड़े, प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है।
- खाली घर पर लगने वाले, अनुमानित किराये (Notional Rent) पर, टैक्स हटाने का सुझाव भी दिया गया है।
- “प्रीवियस ईयर” और “एसेसमेंट ईयर” जैसे, अलग-अलग शब्दों को हटाकर, केवल “टैक्स ईयर” का इस्तेमाल होगा।
यह Income Tax Rule का एक बड़ा बदलाव है।
आयकर से जुड़े नए नियम और बदलाव
नए कानूनों के तहत करदाताओं और कंपनियों के लिए कई बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना है। इन नियमों से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें यहाँ दी गई हैं:
- ज़ीरो टीडीएस सर्टिफिकेट: नए कानून में करदाताओं को ज़ीरो टीडीएस सर्टिफिकेट (Zero TDS Certificate) जारी करने का प्रावधान होगा, जिससे उनकी टैक्स देनदारी कम हो सकेगी।
- डिविडेंड पर डिडक्शन: धारा 80एम के तहत, कंपनियों को डिविडेंड पर कटौती का लाभ दिया जाएगा।
- यह प्रावधान पहले के बिल में नहीं था, जिसे कमेटी की सिफारिश पर जोड़ा गया है।
- खाली घर पर टैक्स राहत: खाली पड़े घरों पर लगने वाले अनुमानित किराए (नोशनल रेंट) पर टैक्स लगाने का प्रावधान अब हटा दिया गया है, जिससे घर मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी।
- सरल अनुपालन नियम: पीएफ निकासी पर टीडीएस, एडवांस रूलिंग फीस
- और पेनल्टी से जुड़े नियमों को सरल और अधिक स्पष्ट बनाया गया है।
- हाउस प्रॉपर्टी डिडक्शन: हाउस प्रॉपर्टी पर डिडक्शन को और स्पष्ट किया गया है।
- अब म्युनिसिपल टैक्स घटाने के बाद 30% का स्टैंडर्ड डिडक्शन
- और किराए पर दिए गए घर पर ब्याज कटौती का फायदा मिलेगा।
- पेंशन बेनिफिट्स: पेंशन से जुड़े लाभों का विस्तार किया गया है।
- नए नियमों के तहत, गैर-कर्मचारी व्यक्तियों को भी कम्यूटेड पेंशन डिडक्शन का लाभ मिल सकेगा।
- सरल शब्दावली: टैक्स से जुड़ी शब्दावली को भी सरल बनाया गया है।
- “प्रीवियस ईयर” और “एसेसमेंट ईयर” जैसे अलग-अलग शब्दों को हटाकर, अब केवल “टैक्स ईयर” का इस्तेमाल किया जाएगा।
- भाषा और ड्राफ्टिंग में सुधार: कानून की भाषा और ड्राफ्टिंग को बेहतर किया गया है।
- सेक्शनल नंबरिंग और अन्य शब्दावली में भी बदलाव किए गए हैं ताकि इसे समझना आसान हो।
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