Online Scam Alert: Beware of ‘I’m Not a Robot’ Captcha Scam, Account Can Be Drained
डिजिटल दुनिया में कैप्चा (Captcha) का उपयोग हमेशा से सुरक्षा के लिए किया जाता रहा है। लेकिन अब यही विकल्प ऑनलाइन फ्रॉड (Online Scam Alert) का नया हथियार बन गया है। साइबर ठगों ने कैप्चा से ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक नया तरीका ढूंढ लिया है। ‘I’m Not a Robot’ जैसे विकल्प के जरिए अटैकर्स लोगों को फेक वेबपेज पर भेज रहे हैं। यहाँ उन्हें फिशिंग स्कैम (Phishing Scam) का शिकार बनाया जाता है। फेक वेबसाइट बनाकर यूजर्स के पासवर्ड और बैंक डिटेल्स चुराए जा रहे हैं।
ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचें! जानें कैसे सुरक्षित रहें और अपना पैसा बचाएं
स्कैमर्स की नई ट्रिक: AI ने बनाया ठगी का काम आसान
साइबर ठगों के लिए फेक वेबसाइट बनाना अब बहुत आसान हो गया है।
- मुफ्त होस्टिंग प्लेटफॉर्म: Vercel, Netlify जैसे फ्री होस्टिंग प्लेटफॉर्म की मदद ली जा रही है।
- वेबसाइट निर्माण: कोई भी व्यक्ति कुछ ही मिनटों में असली जैसी वेबसाइट तैयार कर सकता है।
- AI का रोल: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल ने ठगों का काम और आसान कर दिया है।
- पहचानना मुश्किल: फिशिंग साइट्स का डिज़ाइन और टेक्स्ट अब इतने असली लगते हैं कि यूजर असली और नकली में फर्क नहीं कर पाते।
- धोखाधड़ी: सिक्योरिटी अलर्ट मैसेज भी एकदम रियल नजर आते हैं।
Lost Phone: फोन खोने या चोरी होने पर यह सरकारी पोर्टल करेगा मदद
फिशिंग स्कैम कैसे काम करता है?
जैसे ही यूजर नकली मैसेज या अलर्ट पर क्लिक करता है, वह ठगों के जाल में फंस जाता है।
- संदिग्ध मैसेज: पासवर्ड रीसेट, डिलीवरी अपडेट या बैंक वेरिफिकेशन जैसे मैसेज यूजर्स को मिलते हैं।
- नकली फॉर्म: यूजर को मैसेज पर क्लिक करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- संवेदनशील जानकारी: क्लिक करते ही यूजर को नकली फॉर्म भरने के लिए कहा जाता है।
- डाटा चोरी: इस नकली फॉर्म को भरते ही उसकी ईमेल आईडी, बैंक डिटेल्स या अन्य संवेदनशील जानकारी साइबर ठगों के हाथ लग जाती है।
- अकाउंट खाली: मिनटों में आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। यह एक गंभीर Online Scam Alert है।
5G Battery Drain: 5G चला रहे हैं तो सावधान! क्यों जल्दी खत्म हो रही है आपके फोन की बैटरी
Online Scam Alert: ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?
इन बढ़ते साइबर स्कैम्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका सतर्कता और जांच-पड़ताल है।
- URL जांचें: किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसका URL (वेबसाइट एड्रेस) जरूर देखें।
- HTTPS देखें: वेबसाइट हमेशा https से शुरू होनी चाहिए।
- डोमेन जांचें: वेबसाइट का डोमेन असली संस्था से मेल खाना चाहिए।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA): अपने सभी अकाउंट्स में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को ऑन रखें।
- सुरक्षित अकाउंट: इससे अगर आपका पासवर्ड लीक हो भी जाए, तो भी अकाउंट सुरक्षित रहेगा।
- अपडेट रखें: अपने ब्राउजर और सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
- तुरंत रिपोर्ट: किसी संदिग्ध ईमेल या वेबसाइट को देखते ही तुरंत CERT-In या संबंधित कंपनी को रिपोर्ट करें।
UPI Refund: गलत अकाउंट में चले गए पैसे? जानें तुरंत वापस पाने का तरीका