करोना के चलते बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य शासन और शिक्षकों द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित आदिवासी क्षेत्र मोहला विकास खण्ड के अंतिम छोर पर स्थित पाटनखास संकुल के 13 स्कूलों में संसदीय सचिव श्री इंद्रशाह मंडावी ने डिजिटल क्लास का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रति मोहल विकासखण्ड की प्रगति दूसरों के लिए अनुकरणीय है। अब यहाँ के बच्चे स्मार्ट टीवी (स्मार्ट क्लास) डिजिटल स्कूल के माध्यम से पढ़ाई करेंगे। यहां स्कूलों के शिक्षकों ने स्मार्ट टीवी उपलब्ध करा के बच्चों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करने का बीड़ा उठाया है।
मोहला विकासखण्ड में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 280 स्कूल संचालित हैं। अभी यहां के 137 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में टीवी के माध्यम से पढ़ाई की शुरुआत हो चुकी है। पाटनखास के शासकीय स्कूलों में बच्चों को डिजिटल पढ़ाई के लिए स्थानीय सरपंच, जनप्रतिनिधियों, ग्रामीण और शिक्षकों के आर्थिक सहयोग से स्मार्ट टीवी उपलब्ध कराया गया है। पाटनखास की सरपंच श्रीमती इंदिया कोमरे और पाटनवाड़वी सरपंच श्रीमती जंत्री बाई पोरेटी ने 6 स्कूलों के लिए 18-18 हजार रुपए, मोहला सरपंच सरस्वती ठाकुर ने 6 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग प्रदान किया है। शेष राशि का सहयोग शिक्षकों द्वारा किया गया।
संसदीय सचिव श्री इंद्रशाह मंडावी ने इस अवसर पर शिक्षकों के प्रयास की सराहना करते हुए बधाई दी। स्मार्ट क्लास के रूप में शिक्षा का स्तर लगातार सुधारा जा रहा है। श्री शाह ने कहा कि इस आदिवासी क्षेत्र के बच्चे जिला, प्रदेश और दूसरे प्रदेश में पढ़ने जा रहे हैं, जो इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लिए सुखद खबर है।
इसी कड़ी में दन्तेवाडा जिले के विकासखण्ड तोकापाल में मोहल्ला क्लास का आयोजन किया जा रहा है। यहाँ मोहल्ले में कुछ बच्चे निर्धारित स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सुबह और शाम के समय पढ़ने बैठते हैं। इन बच्चों को सीख कार्यक्रम के अंतर्गत शैक्षिक विडिओ और विषय विशेषज्ञों द्वारा बनाए गए वीडियो के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है, जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिल रहा है। शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए तारागांव संकुल में पारा-मोहल्ला में स्मार्ट टीवी लगवाया गया है। इससे बच्चे ऑफलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यहां लगभग 12 स्मार्ट टीवी लगाए गए हैं। सीख कार्यक्रम से प्राप्त वीडियो को भी स्मार्ट टीवी के माध्यम से दिखाया जाता है। बच्चे इस व्यवस्था से प्रसन्नता पूर्वक अध्ययन कर रहे हैं। अध्ययन प्रक्रिया में विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि अत्यधिक भीड़ ना हो। कार्यक्रम को सफल बनाने में जनसमुदाय और ग्राम में उपस्थित शिक्षित युवक- युवतियां और रिटायर्ड पर्सन सेवादार की भूमिका में पूरा सहयोग दे रहे हैं। सेवादार अपनी सुविधानुसार कक्षाएं ले रहे हैं।