🔆✨🌷✨🔆तब उम्र बस ग्यारह बारह की थीआंखो में सपने बसते थे ,निश्चित की राह को टटोलती सीचेहरे पर मासूमियत खिलती थी ।स्कर्ट हमारी हरी रही और ,शर्ट सफेद हुआ करती थी ,किशोरावस्था की दहलीज पर खडीवो सालेम स्कूल की लडकी थी… स्कूल था पूरी दुनिया हमारी, औरअब माँ नही सखियाँ …
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