AllReligion

हज़रत सैय्यद मख़्दूम अशरफ जहाँगीर सिमनानी रहमतुल्लाह अलैह पार्ट-9

🪻 स वा ने ह – उ म री 🪻

🌹🌲🌹🌲🌹🌲🌹🌲

सैय्यद अशरफ़ जहांगीर अशरफ़ सिमनानी रहमतुल्लाह अलैह के सिलसिले के ख़ास उलमा ओ मशाएख

हज़रत मख़दूम अशरफ़ जहाँगीर सिमनानी की ज़ात-ए-गिरामी से सिलसिला-ए-आ’लिया क़ादरिया जलालिया अशरफ़िया और सिलसिला-ए-चिश्तिया निज़ामिया अशरफ़िया की तर्वीज-ओ-इशाअ’त हुई और कसीर औलिया-ए-रोज़गार- ओ- फ़ाज़िल उ’लमा-ओ-मशाइख़- दाख़िल-ए-सिलसिला हुए।

आपके ख़ुलफ़ा की ता’दाद बहुत ज़ियादा है जिन्हें ख़ुद आपने अपनी हयात-ए-तय्यिबा में दुनिया के गोशे-गोशे में तब्लीग़-ए-दीन के लिए साहिब-ए-विलायत बना कर भेजा।

आपके तक़रीबन सभी ख़ुलफ़ा अपने वक़्त के ज़बरदस्त आ’लिम-ओ-सूफ़ी थे, जिनमे से आपके कुछ उन मशहूर-ओ- मा’रूफ़ ख़ुलफ़ा का ज़िक्र यहाँ किया जा रहा हैं ।

(1) हज़रत सय्यद शाह अबुलहसन अ’ब्दुर्रज़्ज़ाक़ नूरुल-ऐ’न रहमतुल्लाह अ’लैह

आप जीलान के रहने वाले थे और हज़रत ग़ौसुल-आ’लम की ख़ाला-ज़ाद बहन के साहिब-ज़ादे थे। जिनके बारे मे आप पढ़ ही चुके है की आपके वालिदैन ने उन्हें हज़रत की फ़र्ज़न्दी में दिया ।हज़रत ग़ौसुल-आ’लम सय्यद अ’ब्दुर्रज़्ज़ाक़ से बहुत मोहब्बत फ़रमाते थे और उन्हें इंतिहाई मोहब्बत से “नूरुल-ऐ’न” के ख़िताब से नवाज़ा।

हज़रत नूरुल-ऐ’न को हज़रत की रूहानी फ़र्ज़न्दी का शरफ़ हासिल हुआ।हज़रत ग़ौसुल-आ’लम ने अपनी हयात-ए-मुबारका में उन्हें अपना जानशीन नामज़द फ़रमाया और सारे तबर्रुकात इ’नायत फ़रमाए।

हज़रत ग़ौसुल-आ’लम के विसाल के बा’द हज़रत अ’ब्दुर्रज़्ज़ाक़ नूरुल-ऐ’न रहमतुल्लाह अ’लैह आपके सज्जादा-नशीन हुए और चालीस साल सज्जादा-नशीनी फ़रमाई और रुश्द-ओ-हिदायत के फ़राएज़ अंजाम देते रहे।आपने हज़रत ग़ौसुल-आ’लम के ख़ुतूत को मक्तूबात-ए-अशरफ़ी के नाम से किताबी शक्ल में तर्तीब दिया।
आज भी उनकी औलाद सिर्फ़ मुल्क ही नहीं बल्कि बहरूने मुल्क मे भी अपनी बेशकीमती खिदमात अंजाम दे रही है

(2). हज़रत शैख़ निज़ामुद्दीन ग़रीब अल-यमनी

आप यमन के रहने वाले थे।जब हज़रत ग़ौसुल-आ’लम यमन तशरीफ़ ले गए तो वहाँ आपको हज़रत से शरफ़-ए-मुलाक़ात हासिल हुआ और फिर हज़रत के हल्क़ा-ए-इरादत में दाख़िल हुए। आपकी अ’क़ीदत-मंदी का ये आ’लम था कि जब हज़रत से क़रीब हुए तो ज़िंदगी भर जुदा न हुए और अपनी पूरी ज़िंदगी हज़रत की ख़िदमत में वक़्फ़ कर दिया।

आप एक अच्छे अदीब-ओ-शाइ’र भी थे।ग़रीब आपका तख़ल्लुस था।आपको हज़रत से वो क़ुर्ब हासिल था जो नूरुल-ऐ’न के अ’लावा किसी को भी हासिल न था।

हज़रत ग़ौसुल-आ’लम की सवानेह-ए-हयात और मल्फ़ूज़ात “लताएफ़-ए- अशरफ़ी” के नाम से आपने तर्तीब दिया।

(3). हज़रत शैख़ कबीर रहमतुल्लाह अ’लैह

आप,नवाह-ए-जौनपुर में एक गाँव “सरहरपुर” है,वहीं के रहने वाले थे।बड़े आ’लिम-ओ-फ़ाज़िल और इ’ल्म-ए-ज़ाहिर से पूरे तौर पर आरास्ता-ओ-पैरास्ता थे।जब हज़रत ग़ौसुल आ’लम के पीर-ओ-मुर्शिद सुल्तानुल- मुर्शिदीन हज़रत शैख़ अ’लाउद्दीन ने आपको दयार-ए-जौनपुर का साहिब-ए-विलायत बनाया तो आपने अ’र्ज़ किया कि

आप मुझे जौनपुर भेज रहे हैं वहाँ एक शेर भी रहता है।

आपके पीर-ओ-मुर्शिद ने फ़रमाया कि

घबराने की कोई बात नहीं।वहाँ तुम्हें एक ऐसा बच्चा मिलेगा जो उस शेर के लिए काफ़ी होगा।

वो बच्चा जिसके बारे में आपके पीर ने पेश-गोई फ़रमाई थी यही हज़रत शैख़ कबीर थे।आपको हज़रत के ख़लीफ़ा होने का शरफ़ हासिल हुआ और हज़रत ग़ौसलु-आ’लम के असहाब में बुलंद मक़ाम रखते थे।हज़रत ने आपको “जौहर-ए-कान- ए- दक़ाइक़” फ़रमाया है।

रूहआबाद रसूलपुर दरगाह की नियाबत हज़रत ग़ौसुल-आ’लम की अ’दम-ए-मौजूदगी में हज़रत शैख़ कबीर के सुपुर्द होती थी।

(4). हज़रत शैख़ मोहम्मद दुर्र-ए-यतीम रहमतुल्लाह अ’लैह

हज़रत शैख़ कबीर रहमतुल्लाह अ’लैह के साहिब-ज़ादे थे।कम-सिनी में आपके वालिद-ए- गिरामी का इंतिक़ाल हो गया।हज़रत ग़ौसुल-आ’लम ने उनकी ता’लीम-ओ-तर्बियत ख़ुद फ़रमाई और उसके बा’द इजाज़त-ओ- ख़िलाफ़त अ’ता फ़रमाई।

हज़रत आपसे बहुत मोहब्बत फ़रमाते थे और प्यार से “दुर्र-ए-यतीम” के नाम से आपको याद फ़रमाते थे।

बा’द में वो इसी नाम से मशहूर हुए।

(5).हज़रत शैख़ शम्सुद्दीन अवधी रहमतुल्लाह अ’लैह

आप हज़रत शैख़ निज़ामुद्दीन अवधी के फ़र्ज़न्द थे।आप अयोध्या के रहने वाले थे।आपके बारे में अक्सर फ़रमाया करते थे कि अवध से एक दोस्त की ख़ुशबू आ रही है।
आप मौलाना रफ़ी’उद्दीन अवधी से उ’लूम-ए-अ’क़्लिया और नक़्लिया की तक्मील के बा’द बैअ’त के ख़्वास्त-गार हुए तो मौलाना ने कहा कि

मेरे पास जो कुछ था वो मैने तुम्हें अ’ता कर दिया।तुम्हारी राह-ए-सुलूक की तक्मील एक सय्यद से होगी।

चुनाँचे जब हज़रत से मुलाक़ात हुई तो फ़ौरन मुरीद हो गए।हज़रत ने उन्हें ख़िर्क़ा-ए- ख़िलाफ़त अ’ता फ़रमाया।

हज़रत उनके बारे मे फ़रमाते थे:
“अशरफ़-ए-शम्स-ओ-शम्स-ए-अशरफ़”।

इस जुम्ले से आपकी अ’ज़मत का इज़हार होता है।

(6). हज़रत शैख़ क़ाज़ी हुज्जत रहमतुल्लाह अ’लैह

आप हज़रत के मशहूर-ओ- मा’रूफ़ ख़ुलफ़ा मे थे।मा’क़ूलात-ओ-मंक़ूलात के ज़बरस्त आ’लिम थे।
रूहआबाद के क़रीब ही सुकूनत इख़्तियार की और दीनी-ओ- रूहानी इस्लाह को अपनी ज़िंदगी का मिशन बनाया।

(7). हज़रत शैख़ अबुल-वफ़ा ख़्वारज़मी रहमतुल्लाह अ’लैह

आप बड़े साहिब-ए-इ’ल्म-ओ- फ़ज़्ल-ओ-साहिब-ए-ज़ौक और ज़ूद-गो-शाइ’र थे।बिल-ख़ुसूस हक़ाइक़-ए-सूफ़िया को नज़्म करने में आपको कमाल हासिल था।
आपका शुमार हज़रत के मख़्सूस ख़ुलफ़ा में होता है।

(8). मलिकुल-उ’लमा हज़रत शैख़ क़ाज़ी शहाबुद्दीन दौलतआबादी रहमतुल्लाह अ’लैह

आप माया-ए-नाज़ आ’लिम थे।आपका शुमार उस दौर के अकाबिर उ’लमा में होता था।सुल्तान इब्राहीम शर्क़ी के दौर में क़ाज़ी-उल-क़ुज़ात के ओ’हदा पर फ़ाइज़ थे।
आप जब पहली बार हज़रत की ख़िदमत में हाज़िर हुए तो आपके तबह्हुर-ए-इ’ल्मी से बे-पनाह मुतआस्सिर हुए।

आपका ये आ’लम था कि जब कोई अहम इ’ल्मी मस्अला पेश आता तो हज़रत की ख़िदमत में उसे समझने के लिए जाते और आपको पूरी तसल्ली हो जाती।बहुत सी किताबें और हवाशी आपने तहरीर फ़रमाया,जिनमें शर्ह-ए-काफ़िया,नह्व-ए-इर्शाद, बदीअ’-उल-बयान,बह्र-ए-मव्वाज,उसूल-ए-इब्राहीम शाही,रिसाला दर-तक़्सीम-ए-उ’लूम और रिसाला दर सनाए’ मशहूर हैं।

(9).हज़रत शैख़ मौलाना अ’ल्लामुद्दीन रहमतुल्लाह अ’लैह

आप अपने दौर के जय्यिद आ’लिम थे।चंद पेचीदा इ’ल्मी मसाएल मौलाना के लिए उक़्दा-ए-ला-यनहल बने थे।मुख़्तलिफ़ उ’लमा से उन मसाएल को समझने की कोशिश की लेकिन कोई आपको तसल्ली-बख़्श जवाब न दे सका।जाइस में हज़रत ग़ौसुल-आ’लम से मुलाक़ात हुई तो आपने उन मसाएल को हज़रत की ख़िदमत में पेश किया और समझने की ख़्वाहिश ज़ाहिर की।

हज़रत ने आपके हर सवाल का ऐसा इत्मीनान-बख़्श जवाब दिया कि मौलाना आपकी वुस्अ’त- ए-इ’ल्मी से बे-पनाह मुतअस्सिर हुए और मुरीद हो गए और इजाज़त-ओ-ख़िलाफ़त से सरफ़राज़ हुए।

(10).हज़रत शैख़ुल-इस्लाम शैख़ अहमद गुजराती रहमतुल्लाह अ’लैह

आप बड़े आ’लिम-ओ-फ़ाज़िल और उ’लूम-ओ-फ़ुनून-ए-ज़ाहिरी के जामे’ थे।इ’ल्म-ए-हैअत,नुजूम और हिक्मत में आपको दख़्ल था। उन्होंने चंद इ’ल्मी मसाएल हज़रत से दरयाफ़्त किए।हज़रत ने उन मसाएल के ऐसे शाफ़ी जवाबात दिए कि शैख़ुल-इस्लाम आपकी इ’ल्मी बसरीत पर दंग रह गए और हज़रत से मुरीद हो गए।हज़रत से उनकी अ’क़ीदत का ये आ’लम था कि एक साअ’त के लिए भी ख़िदमत से जुदा नहीं होते थे।

क्रमशः

🖊️ एड. शाहिद इक़बाल ख़ान,
चिश्ती – अशरफी

🌹🌲🌹🌲🌹🌲🌹🌲

Related Articles

Back to top button
Miss Universe 2023 Beauty Pageant