रायपुर छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण इन दिनों चरम पर है, इस वक्त उपचार के लिए उपयोग में लाइ जाने वाली दवा रेमिडेसिविर के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग के उपसंचालक ने रायपुर में इंजेक्शन मिलने वाली दुकानों की सूची जारी की है। जारी आदेश के अनुसार यह सूची 27 मार्च की है। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि सूचीबद्ध सभी दवा दुकानों में उपरोक्त इंजेक्शन उपलब्ध ही नहीं है।
रायपुर के एक ही दवा दुकान कुमार मेडिकल में यह दवाई मिल रही है, जहां मरीजों के परिजनों को सुबह से लेकर शाम तक लाइन में खड़े होकर दवाई का इन्तजार करना पड़ रहा है। बता दें कि आज राजधानी के कुमार मेडिकोज में रविवार को 70 वायल पहुँची, लेकिन इसे लेने सुबह 8 बजे से ही लगभग 500 से 700 लोग लाइन में खड़े हो गए थे। खड़े भी ऐसे हुए कि कोरोना गाइडलाइन की खुले आम धज्जियां उड़ी। इसे देखते हुए राजनीतिक और पुलिस प्रशासन के लोग मौन रहे। इसमें कुछ लोग कोरोना संक्रमित भी थे, जो अपने परिजनों के लिए दवा लेने पहुंचे थे।
उल्लेखीय है कि सूची में मौजूद नामों में मेडिकल काम्प्लेक्स की 8 दुकानें हैं, जिनमें सिर्फ एक ही दुकान में इंजेक्शन उपलब्ध है, जिस कारण मरीजों के परिजनों को दवाई के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है। आज रविवार होने के बाद भी लोग सुबह से ही कतार बढ़ होकर दवाई का इन्तजार कर रहे हैं, लेकिन दोपहर 2 बजे तक दवाई दुकान ही नहीं खुली है।
इसके साथ ही शेष दुकानों में स्टॉक नहीं होने की बात कही जा रही है।
ऐसी में आज राजधानी में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगभग 4 हजार के पार पहुँच गयी है। ऐसे में पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार ही 11 हजार के पार प्रति मरीज यह दवाई 6 वाइल की जरुरत है, ऐसे में प्रदेश में एक दिन में लगभग 12 हजार वाइल की जरुरत प्रतिदिन है, लेकिन यह दवाई प्रतिदिन 300 से 400 वाइल राजधानी पहुँच रही है, इसके साथ ही जनऔषधी केंद्र में 900 रूपये में मिलने वाली एक वाइल बाजार में 5000 से 5400 रूपये प्रति वाइल मिल रही है।
ऐसे में राज्य सरकार को इंजेक्शन के पर्याप्त इंतजाम की व्यवस्था करने की दिशा में विचार करना चाहिए साथ ही आपदा के वक्त को अवसर बना कर लाभ कमाने वालों पर भी कठोर कार्रवाई करने की दिशा में विचार करने की जरुरत है।