स्कूलों में स्मार्टफोन : प्रतिबंध या प्रोत्साहन? वैश्विक बहस और भारत की स्थिति
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स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, यह एक जटिल सवाल है, जिस पर दुनिया भर में बहस चल रही है। बच्चों की शिक्षा, उनकी गोपनीयता और उनके समग्र विकास पर स्मार्टफोन के प्रभाव को लेकर कई देशों में मंथन चल रहा है।
स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, यह एक जटिल मुद्दा है। स्कूलों को इस मुद्दे पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए और छात्रों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।
वैश्विक परिदृश्य
दुनिया भर में कम से कम 79 शिक्षा प्रणालियों ने स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यूनेस्को की वैश्विक शिक्षा निगरानी (जीईएम) टीम के अनुसार, 60 शिक्षा प्रणालियों ने विशेष कानूनों या नीतियों के माध्यम से 2023 के अंत तक स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगा दिया था। 2024 के अंत तक इस सूची में 19 और शामिल हो गए।
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कुछ देशों में प्रतिबंध और भी सख्त हो गए हैं। उदाहरण के लिए, चीन के झेंग्झू शहर ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। फ्रांस में निम्न माध्यमिक विद्यालयों में “डिजिटल ब्रेक” का सुझाव दिया गया था। हालांकि, अन्य शिक्षा स्तरों पर पहले से ही फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। इसके विपरीत, सऊदी अरब ने चिकित्सा उद्देश्यों के लिए दिव्यांग-संगठनों के विरोध के कारण अपने प्रतिबंध को वापस ले लिया।
जीईएम (GEM) टीम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्ण प्रतिबंधों के अलावा कुछ देशों ने गोपनीयता संबंधी चिंताओं के कारण स्मार्टफोन के एजुकेशन सेटिंग्स में कुछ खास एप के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। डेनमार्क और फ्रांस दोनों ने गूगल वर्कप्लेस पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि जर्मनी के कुछ राज्यों ने माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भारत की स्थिति
भारत ने अभी तक शैक्षणिक संस्थानों में स्मार्टफोन के उपयोग पर कोई विशिष्ट कानून या नीति नहीं बनाई है। हालांकि, कुछ स्कूलों ने अपने स्तर पर स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए हैं।
प्रतिबंध के पक्ष में तर्क
- स्मार्टफोन छात्रों का ध्यान भटकाते हैं और उनकी एकाग्रता को कम करते हैं।
- स्मार्टफोन छात्रों के सीखने के परिणामों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
- स्मार्टफोन छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
- स्मार्टफोन छात्रों को साइबरबुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न का शिकार बना सकते हैं।
प्रतिबंध के विपक्ष में तर्क
- स्मार्टफोन छात्रों को सीखने के लिए उपयोगी उपकरण प्रदान करते हैं।
- स्मार्टफोन छात्रों को जानकारी तक पहुंच प्रदान करते हैं।
- स्मार्टफोन छात्रों को एक दूसरे के साथ संवाद करने और सहयोग करने में मदद करते हैं।
- स्मार्टफोन छात्रों को डिजिटल साक्षरता कौशल विकसित करने में मदद करते हैं।
कुछ सुझाव
- स्कूल स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर स्पष्ट नीतियां विकसित कर सकते हैं।
- स्कूल छात्रों को स्मार्टफोन के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के बारे में शिक्षित कर सकते हैं।
- स्कूल छात्रों को स्मार्टफोन के इस्तेमाल के विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
- स्कूल छात्रों को स्मार्टफोन के इस्तेमाल से होने वाले जोखिमों के बारे में जागरूक कर सकते हैं।
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