हवा में जहर! यह जानलेवा बीमारी बन रही है डिमेंशिया का कारण

Air and Dementia: Lancet’s Shocking Revelation, सावधान! आपकी सांसों में घुल रहा भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) का खतरा, लैंसेट की नई रिपोर्ट में चेतावनी

हाल ही में ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन ने, एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। अध्ययन के अनुसार, हवा में मौजूद प्रदूषण, डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी का, एक बड़ा कारण बन सकता है। यह जहरीली हवा धीरे-धीरे, लोगों के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा रही है। जिससे याददाश्त कमजोर होना और, सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होना, जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। यह Health Effect दुनिया भर में चिंता का विषय बनता जा रहा है।

यह Health Effect हमारे मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए खतरा है।

प्रदूषण और मस्तिष्क पर असर

शोधकर्ताओं ने पाया है कि, वायु प्रदूषण में मौजूद छोटे-छोटे कण, सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। ये कण खून के माध्यम से, मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं। मस्तिष्क में पहुंचने के बाद, ये हानिकारक कण सूजन और अन्य प्रकार की क्षति पहुंचाते हैं। लंबे समय तक इस प्रदूषण के संपर्क में रहने से, मस्तिष्क की कोशिकाएं कमजोर होने लगती हैं। जिससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। यह Health Effect बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है।

यह Health Effect मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है।

अध्ययन के मुख्य तथ्य

अध्ययन में यह भी पाया गया कि, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग, जहां वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, उनमें डिमेंशिया विकसित होने का खतरा, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की तुलना में, काफी ज्यादा होता है। इसके अलावा, लंबे समय तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहने वाले, या प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों में भी, डिमेंशिया का खतरा अधिक देखा गया है। यह निष्कर्ष वायु प्रदूषण की गंभीरता और, इसके Health Effect को दर्शाता है।

यह Health Effect हमारे रहने के स्थान से भी जुड़ा है।

बचाव के तरीके और भविष्य की चिंता

यह Health Effect से बचाव के लिए जरूरी कदम हैं।




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