रायपुर पं. जवाहर लाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस की कक्षाएं सोमवार 14 दिसम्बर यानी आज से प्रारंभ हो गई हैं। राज्य शासन के निर्देशानुसार कोविड-19 संबंधी समस्त सुरक्षा प्रक्रिया एवं मानकों का पालन करते हुए एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू की गई हैं।
चिकित्सा महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं को अध्ययन कार्य, क्लीनिकल पोस्टिंग, व्याख्यान कक्षों की शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये जारी किए गए समस्त दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन अनिवार्य है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विष्णु दत्त बताते हैं कि शासन के निर्देशानुसार कोरोना गाइड-लाइन का पालन करते हुए मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कक्षाएं आज से प्रारंभ की गई हैं। समस्त छात्र-छात्राओं को कक्षाओं एवं परिसर में शारीरिक दूरी का पूरी तरह से पालन करने हेतु निर्देशित किया गया है। इसके लिये विशेष इंतजामात के तहत छात्र-छात्राओं को ए, बी, सी, डी, ई एवं एफ यानी छह ग्रुप में बांटा गया है।
प्रत्येक ग्रुप में केवल 30 छात्र-छात्राएं ही रहेंगे जो कक्षा में अध्ययन के दौरान कोविड-19 के मानक प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। अध्ययन हेतु भेजे गये छात्रों को अभिभावकों का सहमति शपथ पत्र लाना अनिवार्य है। साथ ही सभी विद्यार्थियों को कोविड-19 की आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट जो कि रायपुर पहुंचने के अधिकतम 5 दिवस पूर्व की न हो, लाना अनिवार्य है।
सुबह 10 से 11 बजे लेक्चर हॉल वन में आयोजित एमबीबीएस सेकंड ईयर की क्लास के पहले सेशन में प्रो. एवं विभागाध्यक्ष एनाटॉमी विभाग डॉ. मानिक चटर्जी ने पेल्विस बोन की संरचना के संबंध में विद्यार्थियों को जानकारी दी।
इसके बाद हिस्टोलॉजी लेबोरेट्री वन में दोपहर 2 बजे लगी कक्षा में प्रो. डॉ. चटर्जी ने विद्यार्थियों को गाल ब्लेडर के हिस्टोलॉजिकल स्ट्रक्चर (औतिकी संरचना) के बारे में बताया। इसी तरह थ्योरी की क्लास में असि. प्रो. डॉ. दिवाकर धुरंधर ने पेरिटोनियम एवं डॉ. प्रवीण बंजारे ने मेल जेनिटल आर्गन के बारे में एवं डॉ. जागृति अग्रवाल ने स्टमक के बारे में पढ़ाया।
डॉ. प्रारब्ध अग्रवाल ने लंग्स एवं ट्रेकिया की हिस्टोलॉजी के बारे में तथा डॉ. रजनी ठाकुर ने स्प्लीन पर लेक्चर दिया। हिस्टोलॉजी लेक्चरर हाल में सेकंड सेशन में लगी कक्षा में असि. प्रोफेसर डॉ. कुशाल चक्रवर्ती ने छोटी आंत की आंतरिक संरचना के बारे में छात्रों को जानकारी दी। डिसेक्शन हाल में एब्डॉमन डिसेक्शन के बारे में विद्यार्थियों को बताया गया।