Creation of the Universe and Seven Skies: Science, Quran, and History Reveal the Mystery
Creation Of The Universe: मनुष्य हमेशा से इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति का रहस्य जानना चाहता है। यह कहानी केवल हमारी ही नहीं बल्कि हर उस चीज़ की है, जो मौजूद है। यह सफर 14 अरब साल पहले शुरू होता है, जब इस कायनात में कुछ भी नहीं था। आज हम उस हैरतअंगेज मुस्तक़बिल की कहानी जानने निकले हैं। हम उस कायनात की खोज पर निकले हैं, जिसे किसने और कैसे बनाया। इस खोज में विज्ञान, इतिहास और धार्मिक ग्रंथों से मार्गदर्शन लिया जाएगा।
बिग बैंग थ्योरी और विज्ञान की खोज
ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझने के लिए साइंस एक महत्वपूर्ण इल्म है। कॉस्मोलॉजी (Cosmology) नामक साइंस की एक शाखा है। यह कायनात की पैदाइश की स्टडी करती है।
कॉस्मिक रेडिएशन की दरियाफ्त
वर्ष 1964 में कॉस्मोलॉजी के जरिए एक महत्वपूर्ण दरियाफ्त हुई थी। दो वैज्ञानिकों को खला (Space) में एक प्रकार का रेडिएशन (Radiation) मिला था। अजीब बात यह थी कि यह रेडिएशन किसी तारे या सैयारे से नहीं आ रहा था। यह ऊर्जा पूरे कायनात में महसूस हो रही थी। ऐसा महसूस होता था कि यह किसी बहुत बड़े धमाके से पैदा होकर हर तरफ फैल गई हो। यह एक जोरदार धमाके की गूंज की तरह थी, जो आज तक सुनाई दे रही है।
बिग बैंग का सिद्धांत
आज दुनिया इस धमाके को बिग बैंग (Big Bang) के नाम से जानती है। इस सिद्धांत के अनुसार, आसमान, जमीन और इनके दरमियान मौजूद सब कुछ पहले एक ही था। फिर एक बहुत बड़े धमाके के बाद यह सब कुछ अलग हो गया और फैल गया। इस धमाके के बाद ही कायनात की उत्पत्ति हुई थी।
Creation Of The Universe: विज्ञान की सीमा: हॉरिजन प्रॉब्लम क्या है?
बिग बैंग सिद्धांत ने एक बहुत बड़ा मसला खड़ा कर दिया। इस मसले को हॉरिजन प्रॉब्लम (Horizon Problem) कहते हैं।
ऊर्जा का असमान फैलाव
आसमान में हमें किसी जगह ऊर्जा (Energy) 46 बिलियन लाइट इयर्स के फासले तक फैली हुई मिलती है। वहीं दूसरी जगह यह ऊर्जा सिर्फ कम फासले पर नजर आती है। इस मसले का एक ही जवाब हो सकता था। वह यह कि रोशनी की रफ्तार हर जगह मुख्तलिफ रही होगी।
कुदरत के कानून का उल्लंघन
हमारे इल्म के मुताबिक, रोशनी की रफ्तार तो एक ही होती है। वह है 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड। अगर कुछ जगह पर रोशनी की रफ्तार मुख्तलिफ है, तो हमें यह भी मानना पड़ेगा। उन जगहों पर वक्त गुजरने की रफ्तार भी बाकी जगह से मुख्तलिफ रही होगी। साइंस सिर्फ एक हद तक ही इल्म दे सकती है। इसलिए हमें दूसरे इल्म की तरफ भी तवज्जो करनी पड़ती है।
प्राचीन सभ्यताओं का ज्ञान: ‘पानी’ से हुई उत्पत्ति
Creation Of The Universe: चार हजार सालों से पहले के लोगों का इल्म जानने के लिए हमें इतिहास में जाना पड़ेगा।
मेसोपोटामिया (इराक)
- दास्तान ए एलिस: 1849 में इराक के नैनवा शहर में मिट्टी की टैबलेट्स मिली थीं। इनमें लिखा था कि किसी भी चीज की रचना से पहले केवल पानी का होना जिक्र है। इन 1000 लाइंस में हमेशा रहने वाले माफ़ का जिक्र मिलता है।
- समारा (5000 साल पुरानी): यहाँ के लोगों ने भी अपनी तख्तियों में लिखा था। ‘नामु’ नामक एक कुव्वत ने पानी के बहुत बड़े जखीरों से जमीन और आसमान बनाए।
अन्य सभ्यताओं में समानता
- मिश्र (3000 साल पुराना): यहाँ भी ‘नून्नामी’ नामक एक ताकत ने पानी के तूफानी समंदर से जमीन और आसमान बनाए।
- यूनान (2300 साल पुरानी): यूनानी भी पानी के काले समुद्र ‘ओकेअनुस’ से जमीन और आसमान की तकलीफ का कांसेप्ट मानते थे।
यहां तक कि हजारों मील दूर की तहजीबें भी इसी बात की गवाही देती हैं। चाहे ऑस्ट्रेलिया के ओरिजिनल लोग हों या चीन की टॉइस्टोलॉजी। सभी में यह इल्म मुश्तक है कि एक बहुत अजीम कुव्वत जिसे खुदा कहते हैं, उसने तन्हाई में पानी से तकलीफ की। यह सब कुछ चंद दिनों में हुआ था।
इस्लाम की अद्वितीय दावे और ‘एक ही किताब’
आज दुनिया में मौजूद 3000 से अधिक मज़हबों में से एक इल्म ऐसा भी है। उसका दायरा साइंस से कहीं ज्यादा वासी है।
कुरान का बेमिसाल दावा
इस्लाम में कायनात की तकलीफ के हवाले से एक ऐसा ही वाक्य मिलता है। कुरान पाक में अल्लाह फरमाता है कि “वह अल्लाह है जिसने आसमानों और जमीन को 6 दिन में तखलीक़ (बनाया) किया और उसका अर्श पानी पर था।” (सूरह हुद)। लेकिन एक चीज कुरान को बाकी तमाम कल्चर से अलग करती है। वह इसका यह दावा है: “यह वह किताब है जिसमें कोई शक नहीं है।” (सूरह बकरा)। यह दुनिया की वाहिद किताब है जिसका कोई दूसरा वर्जन (Version) नहीं है।
बिग बैंग और कुरान: ‘जुड़े हुए को अलग करना’
सूरह अंबिया में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण वैज्ञानिक तथ्य है। “क्या जमीन और आसमान आपस में मिले हुए थे, फिर हमने इन्हें अलग किया? और हर जिंदा चीज को हमने पानी से पैदा किया।”
- बिग बैंग की पुष्टि: जब जमीन और आसमान एक दूसरे से अलग हुए होंगे, तो एक बहुत जोरदार धमाका हुआ होगा। यही धमाका कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड की गूंज है।
- कायनात का फैलाव: कायनात के तेजी से दूर जाने की प्रक्रिया को भी यह आयत समझाती है। अगर हम इस फैलाव को रिवर्स करके देखें, तो यह लाजिम है कि किसी जमाने में यह सब एक ही जगह मिला हुआ था।
हॉरिजन प्रॉब्लम का कुरानिक समाधान: समय की सापेक्षता
शुरुआत में जिस हॉरिजन प्रॉब्लम का जिक्र किया गया था। कुरान पाक उस मसले का बड़ा ही साफ समाधान पेश करता है।
वक्त की तकरीर
कुरान में वक्त का कॉन्सेप्ट बड़ा ही स्पष्ट और एडवांस है। यह बताता है कि वक्त अपनी जगह के हिसाब से बदलने की फितरत रखता है।
- 1000 साल: “तुम्हारे रब के नजदीक एक दिन तुम्हारे 1000 साल के बराबर है।” (सूरह अल-हज)।
- 50 हजार साल: “फरिश्ते और रूह एक ऐसे दिन में उसकी तरफ चढ़ते हैं, जिसकी मिकदार 50 हजार साल है।”
यह बड़ी एडवांस लेवल की किताब है जो वक्त के कॉन्सेप्ट को इतनी वज़ाहत के साथ बताती है। बाकी किसी मज़हब में वक्त की इस तरह से कोई तकरीर नहीं मिलती।
सात आसमानों की संरचना: कुरान और हदीस की दृष्टि
- साइंस की मदद सिर्फ करमन लाइन तक ही मिल सकती है।
- इसके बाद की दुनिया के लिए कुरान और हदीस ही हमारा इल्मी सोर्स हैं।
- कुरान में कम से कम सात जगह आसमानों की तादाद के बारे में बताया गया है, कि वे सात हैं।
आसमान एक महफूज़ छत
- कुरान में कम से कम तीन जगह आसमान के महफूज़ छत होने का जिक्र मिला।
- कहीं यह आसमान किसी चीज से हमारी हिफाजत कर रहा है ।
- सूरह तारिक में ‘पलटने वाले आसमान की कसम’ उठाई गई है।
- यह अंतरिक्ष में मौजूद फिजा से इन्फ्लुएंस होने वाले विकिरणों (Radiation) के लौटने का इशारा हो सकता है।
सात आसमानों का विस्तृत विवरण
चौदहवीं सदी के मिस्त्री स्कॉलर हाफिज जलालुद्दीन सुयूती की किताब के हवाले से इन आसमानों की जानकारी मिलती है।
- पहला आसमान (रकाइया): यह पानी का बना हुआ है। हज़रत आदम अलैहिस्सलाम इसी आसमान में रहते हैं।
- दूसरा आसमान (ऐदुम): यह सफेद मोतियों का बना हुआ है। यहाँ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और हज़रत यहया अलैहिस्सलाम रहते हैं।
- तीसरा आसमान (कयदूमा): यह लोहे का बना हुआ है।
- यहाँ हज़रत यूसुफ अलैहिस्सलाम और मौत के फरिश्ते इजराईल अलैहिस्सलाम रहते हैं।
- चौथा आसमान (महाउ): यह पीतल का बना हुआ है। यहाँ हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम रहते हैं।
- पांचवां आसमान (मुरह): यह सोने/लाल याकूत का बना हुआ है। यहाँ हज़रत हारून अलैहिस्सलाम रहते हैं।
- छठा आसमान (अफना): यह सोने और याकूत के सुर्ख पत्थरों का बना है।
- यहाँ हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम रहते हैं।
- यहीं से सिद्रतुल मुन्तहा (एक अजीम शान दरख्त) की शाखाएं शुरू होती हैं।
- सातवाँ आसमान (अरीबा): यह नूर (तेज रोशनी) से बना हुआ है। यहाँ हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम रहते हैं।
Creation Of The Universe: ब्रह्मांड के परे: अर्श, कुर्सी और लौह-ए-महफूज़
सात आसमानों के ऊपर भी एक और विशाल दुनिया है, जहाँ हमारी सोच की हद खत्म हो जाती है।
कुर्सी और अर्श
- कुर्सी (सिंहासन): सातवें आसमान से ऊपर कुर्सी है। जिसे आठ फरिश्ते उठाए हुए हैं।
- विशालता: एक हदीस के मुताबिक, सातों आसमान कुर्सी के मुकाबले में ऐसे हैं।
- जैसे किसी रेगिस्तान में एक अंगूठी पड़ी हुई हो।
- अर्श (عرش): कुर्सी से ऊपर अर्श है, जो इससे भी कहीं ज्यादा विशाल है।
लौह-ए-महफूज़
- तकरीर की किताब: अर्श के दाएं तरफ लौह-ए-महफूज़ है । यह सफेद मोतियों से पैदा किया गया है।
- लेखन: इसमें हर चीज, जैसे तकलीफ (रचना), रिज्क (जीविका), जिंदगी, मौत, और अल्लाह का हर हुकुम लिखा जाता है।
Creation Of The Universe: अंतिम रहस्य: ‘कुन’ और कायनात की उत्पत्ति
हजारों साल की खोज और लाखों मीलों के फासले के बाद।
सभी तहजीबों में यह बात मिली कि कायनात की पैदाइश किसी बहुत बड़ी ताकत ने चंद अल्फाज से की थी।
अल्लाह का हुकुम
कुरान-ए-पाक में अजीम ओ शान कुव्वत के हुकुम का जिक्र कम से कम सात मर्तबा मिलता है।
जब हम किसी चीज का इरादा करते हैं, तो हमारा सिर्फ यह कह देना काफी होता है कि ‘कुन’ (हो जा), बस वो हो जाती है।।
यही वह अल्फाज़ हैं जिसने 14 अरब साल पहले एक अजीम धमाका किया।
और आज भी इस कायनात को लगातार फैलाए जा रहा है।
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