आज 17 सितंबर 2025 सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। 10 ग्राम सोने का भाव ₹1,300 कम होकर ₹1,13,800 पर आ गया है। चांदी की कीमत भी ₹1,670 गिरकर ₹1,31,200 प्रति किलोग्राम हो गई है। यह गिरावट ग्लोबल मार्केट में हो रहे बदलावों का नतीजा है।
इसके उलट, भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली है। सेंसेक्स 313.02 अंक की बढ़त के साथ 82,693.71 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी भी 91.15 अंक चढ़कर 25,330.25 के स्तर पर पहुंच गया। इस बढ़त ने निवेशकों को काफी राहत दी है।
इन सबके बीच, डॉलर में भी मामूली कमजोरी आई है। डॉलर ₹87.85 पर बना हुआ है, जिसमें ₹0.24 की कमी आई है। कच्चे तेल का दाम $68.07 प्रति बैरल पर स्थिर है। यह दर्शाता है कि बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है।
लोग क्यों नहीं बेच रहे अपनी पुरानी ज्वेलरी?
इस बार सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने के बावजूद लोग अपनी पुरानी ज्वेलरी नहीं बेच रहे हैं। आमतौर पर जब सोने का भाव बढ़ता है, तो लोग पुरानी ज्वेलरी बेचकर नया बनवाते हैं या पैसा लेते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है।
इस साल मार्च में जब सोने की कीमतें पहली बार 3,000 डॉलर के पार गई थीं, तब बाजार में पुरानी ज्वेलरी और सिक्कों की सप्लाई बढ़ गई थी। इस बार स्थिति अलग है। सोने का भाव हर हफ्ते एक नया रिकॉर्ड बना रहा है।
लोग मानते हैं कि सोने की कीमतों में अभी और बढ़ोतरी होगी। इसी उम्मीद में वे अपनी पुरानी ज्वेलरी को बेचना नहीं चाहते। उन्हें लगता है कि अभी बेचने से उन्हें कम मुनाफा होगा। सोने को निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प भी माना जाता है, इसलिए लोग इसे अपने पास बचाकर रख रहे हैं।
हमने पहले ही बताया था कि Gold की चमक पड़ सकती है फीकी, फेडरल रिजर्व के फैसले पर रहेगी सबकी नजर
Gold Market Update: Prices Drop Ahead of Fed’s Decision : फेड के फैसले से पहले सोना हो सकता है सस्ता
इससे पहले हमने बताया था कि ने की चमक पर कुछ समय के लिए ब्रेक लग सकता है। निवेशकों की नजर अब अमेरिका के फेडरल रिजर्व पर है। 17 सितंबर को फेडरल रिजर्व एक महत्वपूर्ण फैसला लेगा। इस वजह से सोने की कीमतों में थोड़ी अस्थिरता आ सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की चमक बरकरार रहेगी। यह बस एक अस्थायी ठहराव है। निवेशक कई वैश्विक आंकड़ों पर नजर रख रहे हैं। Gold Market Update
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अमेरिका के फेडरल रिजर्व के फैसले पर सबकी नजर
अमेरिका का फेडरल रिजर्व अपनी मौद्रिक नीति पर फैसला लेगा। यह फैसला सोने की कीमतों पर सीधा असर डालेगा। निवेशक अभी बहुत सतर्क हैं। वे फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।
- व्यापार मुद्रास्फीति के आंकड़े: निवेशक इन पर नजर रख रहे हैं।
- प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई: ब्रिटेन और यूरो क्षेत्र की महंगाई भी देखी जा रही है।
- अन्य केंद्रीय बैंकों की बैठकें: बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान की बैठकों के नतीजों का भी इंतजार है।
इन सब कारणों से सोने की कीमतों में फिलहाल स्थिरता दिख सकती है। यह बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण समय है।
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अगस्त में सोने का आयात 56% से ज्यादा घटा
अगस्त 2025 में सोने के आयात में भारी गिरावट आई है। यह पिछले साल के मुकाबले 56.67% कम था। पिछले साल अगस्त में 12.55 अरब डॉलर का सोना आयात हुआ था। इस साल यह घटकर सिर्फ 5.43 अरब डॉलर रहा।
Gold Market Update के अनुसार, गैर-पेट्रोलियम, गैर-रत्न और आभूषणों का आयात भी लगभग स्थिर रहा। 2024 में यह 41.41 अरब डॉलर था। 2025 में यह 41.02 अरब डॉलर रहा। यह दिखाता है कि सोने की मांग में कुछ कमी आई है।
15 सितंबर 2025 का Gold Market Update
15 सितंबर 2025 को बाजार की स्थिति कुछ इस प्रकार थी।
सूचकांक/वस्तु | अंक/मूल्य | बदलाव |
सेंसेक्स | 81,785.74 | -118.96 |
निफ्टी | 25,069.20 | -44.80 |
सोना | ₹1,13,300 | -500 |
चांदी | ₹1,32,300 | +300 |
डॉलर | 88.16 | -0.10 |
कच्चा तेल | 67.31 | — |
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क्या सोने की चमक बरकरार रहेगी?
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमतों में सकारात्मकता बनी रहेगी। वे भविष्य के लिए काफी आशावादी हैं। वर्तमान में जो हो रहा है वह सिर्फ एक अस्थायी ठहराव है। लंबी अवधि में सोने में निवेश फायदेमंद हो सकता है। फिलहाल निवेशकों को फेडरल रिजर्व के फैसले का इंतजार करना चाहिए। यह फैसला बाजार की दिशा तय करेगा। देखें ताजा भाव