हिपोक्रेट्स (बुखरात ) यूनानी चिकित्सा के जनक हैं !इस चिकित्सा पध्दति में हमारे आसपास के वातावरण का अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव हमारी सेहत पर कैसे पड़ता है और बीमारियों के हमले से पहले ही, सेहत की हालत में अपने स्वास्थ्य की रक्षा करने के उपायों को अपनाने पर ज़ोर दिया जाता है ! यदि बीमारी हो ही जाये तो प्राचीन काल से ही यूनानी हकीमों के तमाम ऐसे नुस्खे हैं जो आधुनिक युग की बीमारियों में कारगर साबित हुए हैं और जिन पर निरंतर रिसर्च होती रहती है
कोविड 19 / कोरोना संक्रमण
चीन के वुहान शहर से सबसे पहले इस वायरल बीमारी की पुष्टि होने के बाद यह संक्रमण तेज़ी से वैश्विक स्तर पर फैलने लगा ! वर्तमान समय में भारत में यह संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है. शासन स्तर पर इससे निपटने के सभी महत्वपूर्ण इंतेज़ाम किये गए हैं.
अब तक यह स्थापित हो चुका है कि 60वर्ष से अधिक आयु वाले लोग या वे लोग जो अन्य जटिल रोगों से ग्रस्त हैं उनमें यह बीमारी घातक रूप ले सकती है जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर, टी बी, अस्थमा, खून की कमी आदि ! अर्थात वे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश घट चुकी है.
इसी तरह वे युवा संक्रमित हो सकते हैं जिनमें ख़राब दिनचर्या, खान पान, व्यसन या लम्बी बीमारी आदि के कारण बीमारी से लड़ने की कूवत कम हो गई हो.
डॉ रुबीना अंसारी
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय
- हवा को शुद्ध करने के लिए घर में लोबान या काफूर जलायें ! सूर्योदय के समय घर के आँगन या छत पर ही तेज़ चलें, गहरी सांस लें, योग प्राणायाम करें !
- खाने में सूखे मेवे, अंकुरित दालें, सलाद में टमाटर का प्रयोग अधिक करें !सब्ज़ियों के सूप जिनमें गरम मसाले जैसे लौंग इलाइची काली मिर्च दारचीनी सोंठ आदि का पाउडर छिड़क कर लें ! रोटी चावल ज़्यादा न खाएं ! आधा पेट खाली रखें !
- पर्याप्त नींद लें (6-7 घंटे )-इससे ज़्यादा न सोएं और न इससे कम सोएं !
- हल्का व्यायाम, नीम गर्म पानी से स्नान, एवं गर्म पानी के गरारे करें!
- धैर्य बनाये रखें, घबराएं नहीं, अपनों की मदद करें, ध्यान एवं प्रार्थना करें से आत्मविश्वास प्राप्त करें !
- प्रसन्नचित्त रहें !सोशल मीडिया का उपयोग सूझ बूझ के साथ करें !
- कब्ज़ न होने दें !
यूनानी दवाएँ –
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए तथा श्वसन तंत्र सम्बंधित लक्षणों जैसे नज़ला ज़ुकाम खांसी दमा आदि में यूनानी औषधियों को उपयोगी बताया गया है !इनका सेवन यूनानी चिकित्सक से परामर्श के बाद ही करना चाहिए !
1. जोशाँदा
बेहिदाना 3ग्राम, उन्नाब 5दाना, सपिस्तान 9दाना को 250 मि.ली पानी में जोश दें, जब पानी आधा रह जाये तो नीम गर्म ही पियें ! दिन में दो बार 7 से 14 दिन तक ! ये दवाएँ श्वास नली में जाकर लेयर बना लेती हैं और उस में चिपके बैक्टीरिया आदि को ख़त्म कर देती हैं ! इसका स्वाद फीका, पानी की तरह होता है . इसलिए शुगर के मरीज़ भी लें सकते हैं. बच्चो को देते समय शहद, शक्कर या नमक मिलाकर स्वाद बढ़ाया जा सकता है !
2.खमीरा मरवारीद –
खमीरा यूनानी की बहुचर्चित दवाई हैं. बुज़ुर्ग वर्ग में जिस्मानी ताकत और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए बहुत इस्तेमाल की जाती है!
स्वाद में मीठी चटनी की तरह होती है, इसलिए बच्चे भी मज़े से खा लेते हैं ! शुगर के मरीज़ इसकी गोलियां ले सकते हैं !
3.तिरयाक़ अरबा /तिरयाक़ वबाई-
यूनानी नुस्खा तिरयाक़ माहमारी की खास दवा के रूप में उपयोग किया जाता रहा है !इस पर रिसर्च में बीमारी से लड़ने वाले सफ़ेद रक्त कण और cd4 सेल्स को बढ़ाने वाला पाया गया है ! बुज़ुर्गो और ऑटोइम्म्यून रोग में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है !
4.शर्बते उन्नाब –
रक्त को साफ करता है. सर्दी खांसी में उपयोगी है!
5.हब्बे बुखार –
बुखार के लिए 1 या 2 गोली सुबह दोपहर शाम दी जा सकती है.
6.जवारिश अनारैन –
खट्टे मीठे अनार के रस में अन्य जड़ीबूटियों को मिलाकर बनायीं जाती है. जवारिश पेट की खास दवाई है. हज़म को ठीक करती है, उल्टी दस्त को रोकती है, भूक बढाती है !रक्त की कमी को दूर करती है. महिलाओ में रक्त की कमी के कारण संक्रमण का खतरा अधिक पाया जाता है. इसे रोकने में लाभदायक है.
7.अर्क अजीब –
पुदीना, काफूर और अजवाइन को मिलाकर बनती है ! सर्दी -सिरदर्द में माथे पर लगाया जाता है, और गर्म पानी में डालकर भांप लेते हैं ! साथ ही पेटदर्द, मतली, पीलिया, वबा आदि में 4-5बूँद पानी में डालकर पिया जाता है !
8.गुलकंद –
ताज़े गुलाब की पंखुड़ियों की मीठी खुशबूदार चटनी दिल और दिमाग को ताक़त देती है !टेंशन दूर करती है !कब्ज़ नहीं होने देती !
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें –
डॉ रुबीना शाहीन अंसारी
यूनानी चिकित्सा अधिकारी
शासकीय आयुष पालीक्लिनिक
राजनांदगाव छत्तीसगढ़
9302262526
8435912769