नई दिल्ली । केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग, रेलवे, उपभोक्ता मामले एवं खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार तेजी से बढ़ा है, लेकिन अभी भी बहुत सी संभावनाऐं हैं।
अमरीका-भारत के वार्षिक यूएसआईबीसी के उद्घाटन अवसर पर अपने वर्चुअल संबोधन में उन्होंने कहा कि हमने आधा ट्रिलियन डॉलर का एक सामान्य लक्ष्य निर्धारित किया था। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे दोनों देशों के बीच निरंतर जुड़ाव के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
श्री गोयल ने कहा कि अमेरिका और भारत एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका प्रौद्योगिकी, वित्त और नवाचार की पेशकश करता है, जबकि सेवा देने के लिए आवश्यकता के साथ भारत का एक बड़ा बाजार है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके साथ, हमें कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की सुरक्षा के साथ नागरिकों को कम गुणवत्ता वाले उत्पादों से बचाने की आवश्यकता है।
दोनों देशों के बीच संबंधों में पारदर्शिता पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि भारत एक सेवाप्रदाता आकांक्षी बाजार प्रदान करता है। श्री गोयल ने कहा कि अमेरिका को भारत में मूल्य मुद्दों के प्रति बहुत संवेदनशील होना होगा, जो गरीबी से बाहर आ रही उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। एक विनिर्माण आधार के रूप में भारत में अमरीकी व्यवसायों को आमंत्रित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि यहां से आप एक बड़े भारतीय बाजार की सेवा कर सकते हैं और साथ ही, लागत-प्रतिस्पर्धी उत्पादों के माध्यम से वैश्विक बाजारों को भी सेवा प्रदान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि रक्षा, खनन, श्रम और कृषि क्षेत्रों में हमारे सुधार अमेरिकी कंपनियों के लिए नए अवसर खोलेंगे। उन्होंने केंद्रीय बजट में बीमा में एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने की घोषणा की भी जानकारी दी।
श्री गोयल ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए द्विपक्षीय संस्थागत तंत्र, व्यापार नीति फोरम और निरंतर जुड़ाव के माध्यम से इन संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए वाणिज्यिक संवाद के प्रति आशान्वित हैं।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के रूप में, हम अपने लोगों को बेहतर भविष्य देना चाहते हैं, हमारी सोच में काफी तालमेल है और उन्हें यह जानकर प्रसन्नता का अनुभव हुआ है कि नया प्रशासन पेरिस समझौते में फिर से शामिल हो गया है। श्री गोयल ने कहा कि हम अमेरिका के साथ डिजिटल क्षेत्र का विस्तार करने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि डेटा निजता के लिए हमें भारतीयों के प्रति अपनी जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहना होगा।
श्री गोयल ने कहा कि बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ बहुत से मुद्दे हैं, और भारत इस मामले में अपनी नीति क्षेत्र की सुरक्षा करना चाहेगा। श्री गोयल ने कहा कि भारत 500 मिलियन लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है और यह दुनिया का सबसे बड़ा निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि अपने लोगों के लिए हमें स्वास्थ्य लागत को काफी सस्ता रखना होगा।
श्री गोयल ने कहा कि कुछ मायनों में, भारत को पहले से ही `विश्व की फार्मेसी` के रूप में मान्यता प्राप्त है, क्योंकि हम विश्व के बड़े हिस्सों को सस्ती कीमत पर बहुत सारी जैनरिक औषधियां प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा पर बजट में काफी वृद्धि की गई है और प्रत्येक घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अगले 4-5 वर्षों में `जल जीवन मिशन` पर निवेश का कार्य किया जाएगा।